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पुलिसकर्मी पर आरोप: गुमशुदा गोल्डन रिट्रीवर को घोंटा, सामने देखती रही महिला – ‘मुझे आज भी उसकी आंखें याद हैं!’

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पुलिसकर्मी पर हैवानियत का आरोप: गोल्डन रिट्रीवर को बेरहमी से मार डाला, गवाह महिला का दर्द – ‘उसकी आँखों का डर मुझे सताता है!’

क्या हुआ था?

अमेरिका के चेस्टर टाउन में एक ऐसी घटना हुई जिसे सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। टाउन चेयरमैन और पुलिसकर्मी रिचर्ड वैन ब्युरेन पर एक बेकसूर गोल्डन रिट्रीवर को जानबूझकर मारने का आरोप लगा है। असल में देखा जाए तो ये कोई सामान्य केस नहीं है – यहाँ तो एक इंसान ने अपनी पुलिस वर्दी के नीचे छुपी दरिंदगी को बेपर्दा कर दिया।

घटना की सबसे बड़ी गवाह वो महिला आज भी सदमे में है जिसने अपनी आँखों से देखा कि कैसे उसका प्यारा सा पालतू दोस्त लीश से घुट-घुटकर मर गया। उसकी बातें सुनकर दिल दहल जाता है – “वो मेरी तरफ देख रहा था… मदद के लिए चीख रहा था… पर मैं कुछ नहीं कर पाई।” सच कहूँ तो ऐसी घटनाएँ सुनकर इंसानियत पर से यकीन उठने लगता है।

वारदात की पूरी कहानी

वो भयावह पल

कहानी शुरू होती है एक चिंतित मालकिन के साथ जो अपने गुमशुदा डॉगी को ढूँढ़ रही थी। लेकिन जो हुआ, उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। पुलिसकर्मी ने न सिर्फ कुत्ते को बेरहमी से पकड़ा, बल्कि उसकी गर्दन पर लीश कसकर उसे हवा में लटका दिया! सोचिए जरा – एक मासूम जानवर जो सिर्फ प्यार और दुलार समझता हो, उसे किसी ने ऐसी यातना दी!

और तो और, जब कुत्ता दर्द से तड़प रहा था, तब इस पुलिसवाले ने कहा – “यह कुत्ता मरने वाला है।” ये शब्द नहीं, एक जानवर के प्रति नफरत की पराकाष्ठा है।

गवाहों ने क्या कहा?

महिला के अलावा कई और लोगों ने भी इस वारदात को देखा। सबकी एक ही कहानी – पुलिसकर्मी का रवैया पूरी तरह से अमानवीय था। एक गवाह ने तो यहाँ तक कहा कि “मैंने अपनी जिंदगी में इतनी क्रूरता कभी नहीं देखी।”

मामले की प्रतिक्रियाएँ

आरोपी का पक्ष

अब तक तो ये सज्जन (या कहें कि दरिंदे?) चुप्पी साधे बैठे हैं। शायद समझ रहे हैं कि इस बार उनकी वर्दी भी नहीं बचा पाएगी। पुलिस विभाग ने जाँच तो शुरू कर दी है, लेकिन सवाल यह है कि क्या वाकई में कोई कार्रवाई होगी?

जनता का गुस्सा

सोशल मीडिया पर तो मानो आग लग गई है। #JusticeForGoldenRetriever ट्रेंड कर रहा है। लोग सड़कों पर उतर आए हैं। पशु प्रेमी संगठनों ने भी मामले को गंभीरता से लिया है। असल में ये सिर्फ एक कुत्ते की मौत नहीं, बल्कि मानवता की हार की कहानी है।

कानून क्या कहता है?

पशु अधिकार

अमेरिका के कई राज्यों में पशुओं के साथ ऐसा सलूक करना गंभीर अपराध है। जुर्माना हो सकता है, जेल हो सकती है। पर सवाल यह है कि क्या इस केस में भी न्याय मिल पाएगा? क्या एक पुलिसकर्मी को सजा दिलवाना आम आदमी के बस की बात है?

क्या होगा आगे?

अभी तो जाँच चल रही है। लेकिन हम सब जानते हैं कि ऐसे मामलों में कैसे पुलिस अपने लोगों को बचाने में जुट जाती है। फिर भी उम्मीद तो बनाए रखनी ही होगी न?

हम क्या सीखें?

जानवर भी तो जीव हैं

ये घटना हमें याद दिलाती है कि पशु भी हमारी तरह दर्द महसूस करते हैं। उनकी आँखों में भी डर होता है, पीड़ा होती है। क्या हम इंसानों को ये अधिकार मिल गया है कि हम किसी भी जीव के साथ ऐसा सलूक करें?

हमारी जिम्मेदारी

अगर आपके आस-पास किसी जानवर के साथ ऐसा होता देखें तो:

  1. तुरंत वीडियो बनाएँ
  2. पुलिस को कॉल करें
  3. सोशल मीडिया पर शेयर करें

याद रखिए, आपकी एक छोटी सी कोशिश किसी मासूम की जान बचा सकती है।

आखिरी बात

इस दुखद घटना ने एक बार फिर साबित किया है कि इंसान ही सबसे खतरनाक जानवर है। लेकिन हमें हार नहीं माननी चाहिए। जब तक ऐसे लोग सजा नहीं पाते, तब तक हमें आवाज़ उठाते रहना होगा। क्या आप मेरी इस बात से सहमत हैं?

मदद के लिए

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