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“रुक जाओ!” सुनते ही बदमाश ने पुलिसवाले पर चला दी गोली – फिर पुलिस ने किया ये कमाल!

“रुक जाओ!” और फिर… गोली! दिल्ली पुलिस का वो कमाल जिसने ‘मोटा’ को धराशायी कर दिया

दिल्ली की रातों में अक्सर कुछ न कुछ होता रहता है, है न? पर कल रात जो हुआ, वो सीधे क्राइम थ्रिलर से निकला हुआ सीन लग रहा था। दिल्ली पुलिस ने अपने “Most Wanted” लिस्ट के टॉपर विनय उर्फ मोटा को आखिरकार ढेर कर दिया। सीन कुछ यूं था – पुलिस ने रोका, इस बदमाश ने गोली चलाई, और पुलिस वालों ने जवाब में उसके पैर में छेद कर दिया। सीधा एक्शन मूवी वाला सीन! वैसे, ये मोटा कोई छोटा-मोटा गुंडा नहीं था। 50 से ज्यादा केसों का बाप! लेकिन दिल्ली पुलिस ने एक बार फिर साबित कर दिया कि उनके सामने कोई कितना भी बड़ा क्यों न हो, धरती पर ला ही देते हैं।

मोटा कौन? वो जिसका नाम सुनकर ही लोगों की रूह काँप जाती थी!

असल में, विनय “मोटा” कोई नया खिलाड़ी नहीं था। दिल्ली-NCR के अंडरवर्ल्ड में उसका नाम बड़े अदब से लिया जाता था। मर्डर, डकैती, अपहरण – न जाने क्या-क्या उसके खाते में था। पिछले कुछ महीनों से वो छुपता फिर रहा था, अलग-अलग शहरों में शिफ्ट होता रहता था। पर जैसा कि कहते हैं न, इतिहास गवाह है – कोई भगोड़ा पुलिस से लंबे समय तक भाग नहीं पाता। खुफिया सूचना मिली और पुलिस ने उसे दिल्ली के एक कोने में घेर लिया। बस फिर क्या था!

वो ड्रामाई रात: “रुक जाओ!”… और फिर गोलियों की बौछार!

कल रात का वाकया तो किसी फिल्म से कम नहीं था। पुलिस ने घेरा, मोटा ने गोली चलाई – बिल्कुल वैसे ही जैसे हम सिनेमा में देखते हैं। पर असल जिंदगी का अंत थोड़ा अलग होता है, है न? पुलिस वालों ने जवाब में उसके पैर में सटीक निशाना लगाया। एक गोली, और ये गुंडा जमीन पर लुढ़क गया। अब वो अस्पताल के बिस्तर पर है, और पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। सच कहूं तो, ऐसे लोगों के लिए मेरे दिल में ज़रा भी दया नहीं आती। आपको?

लोग क्या कह रहे? “अच्छा हुआ, अब नींद में डर नहीं लगेगा!”

इस खबर पर लोगों की प्रतिक्रियाएं बड़ी दिलचस्प हैं। पुलिस तो खुश है ही – उनका एक बड़ा टारगेट पकड़ में आ गया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने तो मानो चैन की सांस ली हो – “ये हमारे लिए बड़ी सफलता है।” वहीं लोकल लोग? उनकी खुशी का ठिकाना नहीं! एक आंटी ने तो यहाँ तक कह दिया – “अब तो बच्चों को रात में बाहर भेजने में भी डर नहीं लगेगा।” हालाँकि, मोटा के परिवार वालों ने अभी तक चुप्पी साध रखी है। शायद समझ में नहीं आ रहा होगा कि क्या बोलें!

अब क्या? मोटा तो पकड़ा, पर गैंग अभी बाकी है!

अब पुलिस की नजर मोटा के गैंग के बाकी सदस्यों पर है। ये तो बस शुरुआत है। पुलिस को उम्मीद है कि मोटा से मिली जानकारी से उन्हें बाकी लोगों तक पहुँचने में मदद मिलेगी। और हाँ, पुराने सारे केस भी अब फिर से गर्म होने वाले हैं। ये घटना दिल्ली के अपराध जगत के लिए एक बड़ा झटका है। मैं तो यही कहूँगा – अच्छा हुआ! ऐसे लोगों को जितनी जल्दी जेल में डाला जाए, उतना ही बेहतर। आप क्या सोचते हैं?

आखिरी बात: ये पूरा मामला दिखाता है कि पुलिस अगर ठान ले, तो कोई भी बड़ा से बड़ा अपराधी उनके हाथ से नहीं बच सकता। मोटा की गिरफ्तारी सिर्फ एक अपराधी के पकड़े जाने की कहानी नहीं है – ये आम जनता के लिए एक सुरक्षा का संदेश है। और हाँ, दूसरे गुंडों के लिए एक चेतावनी भी!

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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