दया नायक: जिस ‘एनकाउंटर किंग’ ने 30 साल में 80 गैंगस्टरों को ठिकाने लगाया, अब वो रिटायर!
कर्नाटक पुलिस का एक दौर खत्म हो गया है। सच कहूं तो, ऐसा दौर जिसके बारे में फिल्में बनती हैं। 31 अक्टूबर 2023 को दया नायक ने अपनी वर्दी को अलविदा कह दिया। 30 साल… इतने लंबे समय में उन्होंने जो किया, वो सिर्फ आंकड़े नहीं हैं। 80 से ज़्यादा गैंगस्टरों को मुठभेड़ में ढेर करने वाला ये शख़्स किसी सुपरहीरो से कम नहीं था। और हैरानी की बात ये है कि पुलिस वाले ही नहीं, आम जनता भी उनकी तारीफ़ करती नहीं थकती।
असल में बात 1990 की है, जब ये सफर शुरू हुआ। उस वक्त कौन जानता था कि ये लड़का एक दिन ‘एनकाउंटर किंग’ बन जाएगा? हाई-प्रोफाइल केस, खतरनाक गैंगस्टर, नक्सली नेता – ये सब उनके करियर का हिस्सा रहे। वीरप्पन गैंग के मामले में तो उनका नाम और भी मशहूर हुआ। हालांकि… कुछ लोगों को उनके तरीके पसंद नहीं आए। पर कोर्ट ने हमेशा उनका साथ दिया। कानून की किताब में सब कुछ ठीक-ठाक था।
31 अक्टूबर को जब उन्होंने आखिरी बार वर्दी पहनी, तो कर्नाटक पुलिस ने उन्हें खुलकर सलाम किया। “दया नायक एक लीजेंड हैं” – ये किसी एक की नहीं, पूरे विभाग की राय है। मगर अब सवाल ये उठ रहा है कि उनके जाने के बाद क्या होगा? ऐसे दमदार अफसर तो अब रेयर हो गए हैं।
दिलचस्प बात ये है कि सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी उनकी तारीफ़ की है। हां, थोड़े अलग अंदाज़ में। एक ने तो यहां तक कहा, “चाहे तरीके सवालों के घेरे में रहे हों, पर इन्होंने अपराधियों को साफ संदेश दे दिया था।” आम आदमी? उनकी राय मिक्स्ड है। कुछ को सुरक्षा को लेकर चिंता सता रही है। पर एक बात तो तय है – दया नायक जैसे लोग हर रोज़ पैदा नहीं होते।
तो अब क्या? कर्नाटक पुलिस को नए हीरो की तलाश है। सुनने में आ रहा है कि दया नायक रिटायरमेंट के बाद सुरक्षा कंसल्टेंट बन सकते हैं। और हो सकता है युवा पुलिस वालों को ट्रेनिंग भी दें। एक बात पक्की है – भारतीय पुलिस के इतिहास में ये नाम हमेशा चमकता रहेगा। सच में।
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कौन हैं ये दया नायक? और भईया, ‘एनकाउंटर किंग’ का टाइटल मिला कैसे?
सुनो, दया नायक कोई साधारण पुलिस वाले नहीं थे। ये retired IPS officer हैं जिन्होंने अपने 30 साल के करियर में 80 से ज्यादा गैंगस्टरों को… हम कहें तो ‘हमेशा के लिए सुला दिया’। सच कहूं तो इतने encounters तो हॉलीवुड फिल्मों में भी नहीं दिखते! इसीलिए तो मीडिया ने उन्हें ‘एनकाउंटर किंग’ बना दिया। लेकिन ये सब इतना आसान भी नहीं था, है न?
याद है वो मशहूर encounters? जिन्होंने इतिहास बना दिया
अरे भई, वीरप्पन का नाम सुना है न? जिसके नाम से पूरा दक्षिण भारग कांपता था। उसे ढेर करने वाले थे हमारे दया नायक! Karnataka-Tamil Nadu बॉर्डर पर उनके कुछ ऑपरेशन तो सच में फिल्मी सीन लगते हैं। पर असल जिंदगी में ये मजाक नहीं थे – बिल्कुल जान पर खेलने वाले मिशन।
रिटायरमेंट के बाद क्या कर रहे हैं ये ‘किंग’?
अब? अब तो थोड़ा आराम कर रहे हैं। परिवार के साथ समय बिताना, social work… और सबसे अच्छी बात? युवाओं को motivate करने के लिए talks देते हैं। सोचो, ऐसे हीरो से मिलकर कोई inspire न हो, तो किससे होगा?
क्या कभी उनके तरीकों पर उंगली उठी?
सच पूछो तो… हां। कुछ human rights वालों ने सवाल जरूर उठाए। लेकिन देखा जाए तो कोर्ट ने हर बार उनके actions को सही ठहराया। और सुनिए, खुद दया साहब कहते हैं – “मैंने कभी पर्सनल revenge नहीं लिया। सिर्फ कानून का पालन करवाया।” बात तो सही है, नहीं?
एकदम स्ट्रेटफॉरवर्ड। जैसा देखा, वैसा बोला। शायद यही तो उनकी सबसे बड़ी खासियत थी।
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com