Capitalmind का पहला फ्लेक्सी-कैप फंड: क्या यह आपके पोर्टफोलियो का मसाला बनेगा?
अरे भाई, भारतीय निवेशकों के लिए तो मानो दिवाली जल्दी आ गई! डीपक शेनॉय की Capitalmind ने अपना पहला फ्लेक्सी-कैप फंड लॉन्च कर दिया है। सुनने में तो ये बस एक और म्यूचुअल फंड लगता है, लेकिन असल में ये थोड़ा स्पेशल है। सोचिए – जैसे आपकी मम्मी सब्जी में नमक-मिर्च अपने हिसाब से एडजस्ट करती हैं, वैसे ही ये फंड इक्विटी और डेट का मिश्रण खुद ब खुद बदल सकता है। 65% इक्विटी, 35% डेट का बेसिक फॉर्मूला तो है ही, साथ ही REITs और INVITs में भी 10% तक की छूट। बात बनती है न?
क्यों मचा है इतना शोर? Capitalmind और फ्लेक्सी-कैप की कहानी
देखिए, Capitalmind कोई नौसिखिया नहीं है। PMS और रिसर्च के मामले में तो ये बिल्कुल धुआंधार है। लेकिन म्यूचुअल फंड्स में ये उनका पहला पैर जमाने का प्रयास है। अब सवाल यह है कि आजकल फ्लेक्सी-कैप फंड्स इतने पॉपुलर क्यों हो रहे हैं? सीधी सी बात है – जब बाजार का रुख समझ में न आए, तो लचीला फंड ही सही साबित होता है। जैसे मौसम अनिश्चित हो तो छाता और सनग्लास दोनों साथ रखो वाली स्थिति!
क्या है इस फंड की ‘सीक्रेट सॉस’?
इस फंड की खूबियां गिनाऊं तो:
– पहली बात तो ये कि इक्विटी-डेट का अनुपात बदल सकता है। मार्केट गिरे तो डेट बढ़ाओ, चढ़े तो इक्विटी। स्मार्ट न?
– दूसरा, REITs और INVITs में 10% तक निवेश का ऑप्शन। यानी रियल एस्टेट और इन्फ्रा सेक्टर में भी पैर पसारने का मौका।
– और सबसे मजेदार बात? ये फंड मैनेजरों पर छोड़ देता है कि वो मार्केट को देखकर फैसला लें। जैसे घर में माँ के हाथ का खाना – कोई फिक्स्ड रेसिपी नहीं!
एक्सपर्ट्स क्या कह रहे हैं? गली-मोहल्ले की अफवाहें
अब जानते हैं लोग क्या बोल रहे हैं। डीपक शेनॉय तो अपने बच्चे की तारीफ में पूछिए मत – “ये फंड वॉलैटिलिटी में भी संतुलन बनाए रखेगा” वगैरह वगैरह। कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि लॉन्ग-टर्म के लिए बढ़िया ऑप्शन है। पर कुछ लोगों को शक भी है – “पहले देख लेते हैं कैसा परफॉर्म करता है” वाली मानसिकता। सच कहूं तो मेरा पड़ोसी तो बिना जाने ही फंड में पैसा डालने को तैयार है – शायद उसे Capitalmind का नाम ही काफी लगा!
आगे की चाल: क्या ये फंड चलेगा या फिसलेगा?
असल में, इस फंड का भविष्य कई चीजों पर निर्भर करेगा। अगर ये अच्छा रिटर्न देता है, तो Capitalmind की छवि और चमकेगी। नहीं तो… खैर, आप समझ ही गए। मेरी निजी राय? जोखिम तो हर निवेश में है। लेकिन अगर आपका रिस्क एपेटाइट ठीक है और गोल लॉन्ग-टर्म है, तो एक बार देखने लायक जरूर है। बस टैक्स और एक्जिट लोड जैसी चीजें ध्यान में रख लीजिएगा।
तो क्या करें? मेरा सुझाव है – पहले थोड़ा रिसर्च कर लें, फिर डीपक भाई के इस नए अवतार को ट्राई करने का सोचें। आखिरकार, पैसा हाथ का मैल नहीं होता ना!
डीपक शेनॉय का Capitalmind Flexi-Cap NFO: आपके सारे सवालों के जवाब
अरे भाई, इधर तो हर कोई इस नए Flexi-Cap NFO के बारे में बात कर रहा है। लेकिन क्या आपको वाकई पता है कि यह है क्या? चलिए, आज बिना किसी जटिल भाषा के समझते हैं सारी बातें।
1. Flexi-Cap Mutual Fund – ये होता क्या है?
देखिए, ये कोई रॉकेट साइंस नहीं है। सीधे शब्दों में कहें तो Flexi-Cap फंड वो जादू का पिटारा है जिसमें fund manager को पूरी आज़ादी होती है। बड़ी कंपनियां (large-cap) हों या छोटी (small-cap), मौके के हिसाब से पैसा लगा सकता है। थोड़ा ऐसा समझ लीजिए जैसे एक अनुभवी शेफ जो मार्केट में मिल रही सबसे ताज़ा सामग्री से खाना बनाता है। स्मार्ट, है न?
2. भई, ये NFO कब तक मिलेगा?
असल में, ये खास ऑफर [Start Date] से [End Date] तक ही चलेगा। इसके बाद तो रेगुलर NAV पर ही खरीदना पड़ेगा। तो अगर आपको लगता है कि ये आपके पोर्टफोलियो के लिए अच्छा फिट हो सकता है, तो टाइम न गवाइए। वैसे भी, जल्दबाज़ी में लिया गया फैसला अक्सर पछतावे का कारण बनता है – सोच-समझकर ही कदम उठाइए!
3. पैसे की बात करें तो… minimum कितना invest कर सकते हैं?
यार, अच्छी बात ये है कि आप ₹500 महीने से भी शुरुआत कर सकते हैं (SIP के ज़रिए)। और अगर एकमुश्त (lump sum) डालना चाहें तो ₹5,000 minimum है। मतलब? छोटे इन्वेस्टर्स के लिए भी दरवाज़ा खुला है। पर याद रखिए – जितना खोने का रिस्क उठा सकते हैं, उतना ही लगाइए। ये कोई लॉटरी नहीं है!
4. नए इन्वेस्टर्स के लिए सही रहेगा?
सच कहूं तो हां… और ना भी। क्यों? क्योंकि Flexi-Cap का diversified नेचर नए लोगों के लिए अच्छा है, पर market risks तो रहेंगे ही। मेरी सलाह? पहले अपने financial goals clear कर लीजिए। Emergency fund बना लीजिए। फिर ही इस तरह के फंड्स में हाथ आज़माइए। वैसे Capitalmind की टीम काफी एक्सपीरियंस्ड है, ये तो प्लस पॉइंट है ही!
एक बात और – कोई भी फैसला लेने से पहले अपने financial advisor से ज़रूर बात कर लीजिएगा। मैं तो बस दोस्त की तरह अपनी राय दे रहा हूँ। हैप्पी इन्वेस्टिंग!
Source: Livemint – Markets | Secondary News Source: Pulsivic.com