दिल्ली सरकार ने भोले बाबा को जल चढ़ाने को बनाया आसान – लेकिन क्या ये काफी है?
अरे भाई, सावन आया ना, तो कांवरियों की भीड़ तो आनी ही थी! दिल्ली सरकार ने इस बार कुछ ऐसे फैसले लिए हैं जो सच में काम की चीज़ लगते हैं। हालांकि, मुझे याद है पिछले साल कैसे लोगों को परमिट और अनुमतियों के चक्कर में घंटों लाइन में खड़ा होना पड़ा था। अब ‘Single Window System’ ला रहे हैं – जो सुनने में तो बढ़िया लगता है, लेकिन देखना ये है कि असल में कैसे काम करता है। वैसे भी, जब लाखों भक्त एक साथ निकलेंगे तो थोड़ी-बहुत दिक्कत तो होगी ही ना?
कांवर यात्रा… ये सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि सदियों पुरानी आस्था है। गंगाजल लेकर पैदल चलना, भगवान शिव को अर्पित करना – ये तो हमारे खून में है! पर सच कहूं तो पिछले कुछ सालों में ये यात्रा थोड़ी मुश्किल हो गई थी। भीड़, गंदगी, बुनियादी सुविधाओं की कमी… ऐसे में दिल्ली सरकार का ये कदम सही दिशा में उठाया गया कदम लगता है। लेकिन क्या ये काफी होगा? ये तो वक्त ही बताएगा।
अब बात करते हैं इस नई व्यवस्था की। Single Window System – यानी अब श्रद्धालुओं को अलग-अलग दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। एक ही जगह पर सारे काम हो जाएंगे। बात तो अच्छी है, लेकिन… हम भारतीय हैं ना, हमें लाइन में लगने और ‘चलता है’ वाले अंदाज़ से काम करवाने की आदत है। क्या सच में ये सिस्टम स्मूथली चलेगा? वैसे सरकार ने सुरक्षा, स्वच्छता और Traffic Management पर भी ध्यान दिया है – ये तारीफ के काबिल है। शौचालय, पानी और फर्स्ट एड की व्यवस्था… ये तो बेसिक चीज़ें हैं जो पहले से ही होनी चाहिए थीं!
लोग क्या कह रहे हैं? ज्यादातर भक्त खुश हैं, और होने भी चाहिए। किसी को भी घंटों लाइन में नहीं खड़ा होना चाहिए। पर कुछ लोगों का कहना है कि ये सब दिखावा है – असली टेस्ट तो तब होगा जब भीड़ सड़कों पर उतरेगी। और हां, विपक्ष वालों को तो हर चीज़ में दिक्कत निकालनी ही होती है ना!
आगे क्या? अगर ये प्लान कामयाब रहा, तो अगले सालों में और सुधार हो सकते हैं। सरकार ने मॉनिटरिंग टीम्स भी बनाई हैं – जो अच्छी बात है। पर सच्चाई ये है कि कोई भी सिस्टम पर्फेक्ट नहीं होता। थोड़ी-बहुत गड़बड़ तो होगी ही… लेकिन कम से कम कोशिश तो की जा रही है ना? बाकी, भोले बाबा की कृपा से सब ठीक हो जाएगा!
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Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com