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दिल्ली से रशियन महिला और 5 साल के बच्चे का गायब होना: SC का कड़ा रिएक्शन – “हमें खेल समझ रखा क्या?”

रूसी महिला और बच्चे का गायब होना: सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

दिल्ली में एक ऐसा मामला सामने आया है जो सिर्फ एक अंतरराष्ट्रीय विवाद नहीं, बल्कि एक मासूम बच्चे का भविष्य भी तय कर सकता है। विक्टोरिया बसु नाम की रूसी महिला और उनके 5 साल के बेटे के गायब होने पर सुप्रीम कोर्ट का रिएक्शन? बिल्कुल सख्त! अदालत ने सीधे पूछा – “हमें खेल समझ रखा क्या?” और पुलिस को तुरंत लुक-आउट सर्कुलर जारी करने के साथ-साथ विक्टोरिया के passport को जब्त करने का आदेश दे डाला। असल में, यह केस सिर्फ एक माँ-बाप की लड़ाई नहीं, बच्चे की सुरक्षा का सवाल है।

क्या हुआ था असल में?

विक्टोरिया बसु रूस से हैं, लेकिन कई सालों से भारत में रह रही थीं। उनके और उनके भारतीय पति के बीच पिछले कुछ समय से काफी तनाव चल रहा था। और वजह? उनका 5 साल का बेटा। कस्टडी की लड़ाई तो आम है, लेकिन पिछले हफ्ते जब विक्टोरिया अपने बेटे के साथ अचानक गायब हो गईं, तो मामला गंभीर हो गया। अब सवाल यह है कि क्या यह सिर्फ एक पारिवारिक मामला है या फिर इसमें कुछ और ही चल रहा है?

कोर्ट ने क्यों लिया इतना सख्त रुख?

सुप्रीम कोर्ट की चिंता साफ दिख रही थी। उन्होंने दिल्ली police को सीधे निर्देश दिए – “इस मामले में देरी बर्दाश्त नहीं होगी।” और सच भी है, जब एक नाबालिग बच्चे की सुरक्षा दांव पर हो, तो सख्ती तो बनती है। कोर्ट के आदेश के बाद तुरंत विक्टोरिया के खिलाफ लुक-आउट नोटिस जारी कर दिया गया। सोचिए, अगर वे बच्चे को लेकर विदेश जाने की कोशिश करतीं तो? इसीलिए उनके passport को जब्त करने का भी आदेश दिया गया। एक तरह से, सभी रास्ते बंद कर दिए गए।

क्या कह रहे हैं मुख्य पक्ष?

कोर्ट ने तो अपनी बात साफ कर दी – “बच्चे की सुरक्षा सबसे ज़्यादा ज़रूरी है।” वहीं विक्टोरिया के पति की बात सुनिए – “मुझे डर है कि मेरा बेटा मेरे पास से छीन लिया जाएगा।” दिल दहला देने वाली बात है। और Russian Embassy? वे भी पीछे नहीं हैं। उनका कहना है कि वे भारतीय अधिकारियों के साथ मिलकर पूरे मामले की जाँच कर रहे हैं। देखना यह है कि यह केस किस दिशा में जाता है।

अब आगे क्या होगा?

अभी police की टीम विक्टोरिया और बच्चे की तलाश में जुटी हुई है। Airports से लेकर सीमा तक – हर जगह नज़र रखी जा रही है। कोर्ट ने खुद इस मामले पर नज़र रखने का फैसला किया है और अगली सुनवाई में पूरी प्रोग्रेस रिपोर्ट मांगी जाएगी। अगर विक्टोरिया मिल जाती हैं, तो फिर शुरू होगी कस्टडी की लंबी कानूनी लड़ाई। और इसमें अंतरराष्ट्रीय कानून भी शामिल होंगे। काफी जटिल मामला है, है न?

इस पूरे प्रकरण से एक बात तो साफ है – जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पारिवारिक विवाद होते हैं, तो कानूनी प्रक्रिया कितनी पेचीदा हो सकती है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट की त्वरित कार्रवाई से यह संदेश मिलता है कि भारतीय न्यायपालिका बच्चे के हितों को सबसे ऊपर रखती है। अब देखना यह है कि यह मामला कैसे सुलझता है।

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1. पूरा मामला क्या है? और SC ने ऐसा क्यों कहा?

सुनिए, मामला थोड़ा सनसनीखेज है। एक रशियन महिला और उसका 5 साल का बच्चा – दिल्ली में ही गायब! और Supreme Court (SC) का रिएक्शन? बिल्कुल आग बबूला। “हमें खेल समझ रखा क्या?” ये सुनकर ही अंदाजा लग जाता है कि कोर्ट इस मामले को लेकर कितना सीरियस है। असल में, ऐसे केसेस में अक्सर देरी होती है, लेकिन SC ने तो जैसे सीधे चेतावनी दे दी।

2. पुलिस वालों ने कुछ किया या नहीं?

देखिए, FIR तो दर्ज हो गई है और investigation भी चल रही है। पर सच बताऊं? अभी तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। SC ने तो पुलिस को टाइट कर दिया है – जल्दी से जल्दी रिपोर्ट दो वरना… वैसे आपको नहीं लगता कि ऐसे केसेस में पुलिस को और तेजी दिखानी चाहिए? खैर, अब देखते हैं आगे क्या होता है।

3. कहीं ये केस अंतरराष्ट्रीय स्तर तक तो नहीं जाएगा?

अरे भई, इसमें तो foreign national involved है – एक रशियन महिला! तो chances तो हैं। अगर केस और उलझा तो Interpol जैसी एजेंसियां भी इसमें कूद सकती हैं। पर एक बात – क्या हमारी सिस्टम इतनी तैयार है कि ऐसे international केसेस हैंडल कर सके? सोचने वाली बात है ना?

4. अब आगे की कहानी क्या होगी?

SC ने अगली सुनवाई का तारीख तो दे दी है। अब पुलिस पर दबाव है – या तो ठोस जानकारी लाओ, या फिर कोर्ट का गुस्सा झेलो। और हां, social media पर तो मामला गरमा ही चुका है। लोग सवाल कर रहे हैं, मीडिया दबाव बना रही है। सच कहूं तो, ये केस अब सिर्फ एक missing person केस नहीं रहा – ये टेस्ट केस बन चुका है हमारी सिस्टम का।

एक बात और – क्या आपको नहीं लगता कि ऐसे मामलों में हमें ज्यादा सजग होना चाहिए? खैर, अब इंतज़ार है अगली hearing का। देखते हैं क्या होता है।

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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