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“धनखड़ का फैसला बदलने की उम्मीद: क्या PM मोदी करेंगे उन्हें मनाने की कोशिश?”

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धनखड़ का इस्तीफा वापस लेंगे? मोदी की ‘पर्सनल डिप्लोमेसी’ काम आएगी क्या?

अरे भई, राजनीति का ये नया सोप ऑपेरा देखिए! उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की अटकलों ने दिल्ली की सियासत को हिला कर रख दिया है। और अब तो कांग्रेस भी पीछे नहीं – जयराम रमेश ने ट्विटर पर ऐसी बात कही कि सारा मीडिया ‘धनखड़-धनखड़’ करने लगा। सच कहूं तो, ये मामला वैसा ही है जैसे घर में बुजुर्ग अचानक बैग पैक करने लगें – सबकी बेचैनी बढ़ जाती है!

पूरा माजरा क्या है?

धनखड़ साहब कोई नौसिखिया नेता तो हैं नहीं। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रह चुके हैं, अब उपराष्ट्रपति हैं… यानी संविधान की गरिमा समझने वालों में से एक। लेकिन पिछले कुछ दिनों से मीडिया में उनके इस्तीफे की खबरें उड़ रही हैं। हालांकि, अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई। राजनीति के जानकार कह रहे हैं कि शायद ये केंद्र सरकार और विपक्ष के बीच बढ़ते तनाव का असर है। वैसे भी, उपराष्ट्रपति का पद तो राजनीति का वो पेंडुलम है जो कभी एक तरफ, कभी दूसरी तरफ झूलता रहता है।

कांग्रेस ने क्यों उठाई आवाज?

असल में मजा तो तब शुरू हुआ जब जयराम रमेश ने ट्विटर पर धनखड़ से ‘रुक जाना’ की अपील कर डाली। और साथ ही PM मोदी को भी संदेश दे डाला कि वे धनखड़ को समझाएं। मजे की बात ये कि भाजपा अभी तक चुप्पी साधे हुए है। जैसे कोई क्रिकेट मैच हो और एक टीम बिना कमेंट्री के खेल रही हो! इस चुप्पी ने तो अटकलों को और हवा दे दी है।

सियासी गलियारों में क्या चल रहा है?

देखिए, इस मामले ने तो राजनीति के चाय-पानी के स्टॉल से लेकर प्राइम टाइम डिबेट्स तक सबको हाइपर एक्टिव कर दिया है। जयराम रमेश का कहना है कि धनखड़ का जाना देश के लिए नुकसानदायक होगा। वहीं कुछ विश्लेषकों का मानना है कि ये सरकार और राष्ट्रपति भवन के बीच की दूरी को दिखाता है। सोशल मीडिया पर तो जैसे माहौल ही बदल गया – कुछ लोग धनखड़ के सपोर्ट में पोस्ट कर रहे हैं, तो कुछ इसे राजनीतिक दबाव बता रहे हैं। सच कहूं तो, ट्विटर आजकल वैसा ही है जैसे कोई पान वाला स्टॉल – हर कोई अपनी पानी थूक रहा है!

अब आगे क्या?

तो सवाल ये उठता है कि अब क्या होगा? दो ही रास्ते हैं ना – या तो धनखड़ साहब अपना इस्तीफा वापस ले लें (जिससे सियासी तनाव कुछ कम हो), या फिर नए उपराष्ट्रपति के चुनाव का दौर शुरू हो जाए। कुछ सूत्रों का कहना है कि PM मोदी शायद धनखड़ से सीधी बात करेंगे। वैसे भी, मोदी जी की पर्सनल डिप्लोमेसी का जादू अक्सर काम कर जाता है। लेकिन क्या इस बार भी करेगा? ये तो वक्त ही बताएगा।

एक बात तो तय है – ये कहानी अभी पूरी नहीं हुई है। आने वाले दिनों में नए मोड़ आने वाले हैं। और हम भारतीयों को तो ऐसे ड्रामे बहुत पसंद हैं ना? जैसे सास-बहू के सीरियल्स, बस थोड़े हाई प्रोफाइल एक्टर्स के साथ!

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Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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