“धनखड़ के इस्तीफे के बाद BJP की बड़ी रणनीति! सरकार से लेकर संगठन में क्या-क्या बदलाव होंगे?”

धनखड़ का इस्तीफा और BJP की चाल: अब क्या होगा?

अरे भाई, भारतीय राजनीति में तूफान आ गया है! उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक इस्तीफा दे दिया – और अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि BJP इस मौके को कैसे भुनाएगी? देखिए न, ऐसे बड़े फैसले कभी अचानक नहीं होते। पीछे तो कोई न कोई गेम प्लान जरूर होता है। क्या यह सच में एक सरप्राइज था, या फिर दिल्ली की सत्ता गलियारों में पहले से ही कुछ प्लान चल रहा था? चलिए, इसकी पड़ताल करते हैं।

क्या है पूरी कहानी?

धनखड़ साहब का सफर तो वाकई कमाल का रहा है। पहले बंगाल के राज्यपाल, फिर उपराष्ट्रपति… लेकिन पिछले कुछ महीनों से उनके और केंद्र के बीच की खींचतान साफ दिख रही थी। अखबार वाले तो रोज नए-नए किस्से छाप रहे थे। असल में, BJP के अंदर तो पहले से ही बड़े बदलावों की बात चल रही थी – शायद यह इस्तीफा उसी पजल का एक टुकड़ा है। क्या आपको नहीं लगता कि यह सब बहुत ‘calculated’ लग रहा है?

BJP की अगली चाल: क्या-क्या हो सकता है?

अब तो BJP ने फटाफट एक्शन शुरू कर दिया है। बड़े-बड़े नेताओं की मीटिंग, नए उपराष्ट्रपति की चर्चा, कैबिनेट reshuffle की अफवाहें… बस इतना समझ लीजिए कि दिल्ली में बवाल मचा हुआ है! मेरे एक दोस्त ने तो कहा – “यार, अब तो मंत्रिमंडल में भी हड़कंप मचने वाला है।” और हां, organizational level पर भी बड़े फेरबदल की तैयारी है। मतलब साफ है – BJP इस पूरे मामले को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करना चाहती है। स्मार्ट मूव, है न?

राजनीतिक गलियारों में क्या चल रहा है?

इस मामले पर सबके अपने-अपने तर्क हैं। BJP वाले तो बड़े कूल दिख रहे हैं – “हम तैयार हैं” वाली स्टेटमेंट दे रहे हैं। वहीं विपक्ष… अरे भई, विपक्ष को तो मौका मिल गया निशाना साधने का! कांग्रेस वाले तो सीधे संविधान की दुहाई देने लगे। पर सच तो यह है कि यह मामला उतना सिंपल नहीं है जितना दिख रहा है। एक तरफ तो यह BJP के लिए गोल्डन ऑपरच्यूनिटी है, लेकिन दूसरी तरफ कुछ रिस्क भी तो हैं। समझ रहे हैं न मेरा पॉइंट?

आगे क्या? कुछ predictions…

अगले कुछ दिनों में तो बहुत कुछ होने वाला है। नया उपराष्ट्रपति, कैबिनेट में बदलाव, organizational reshuffle… और हां, युवा नेताओं को ज्यादा जिम्मेदारी मिलने की भी बात चल रही है। पर एक बात याद रखिए – विपक्ष भी तो बैठा नहीं है। वो भी अपनी चालें चलेंगे। राजनीति है भई, यहां हर move का counter-move होता है।

तो क्या निष्कर्ष निकालें?

सीधी बात – धनखड़ का इस्तीफा कोई छोटी बात नहीं है। BJP के पास अब एक बड़ा मौका है अपनी सरकार और संगठन दोनों को नए सिरे से गढ़ने का। लेकिन यहां एकदम जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। अगर सही कदम उठाए, तो यह उनके लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है। वरना… वरना तो राजनीति में कुछ भी हो सकता है! अब देखते हैं, दिल्ली से अगला बड़ा ऐलान कब आता है।

Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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