डीके शिवकुमार और सीएम की कुर्सी का सपना: असल खेल क्या चल रहा है?
अरे भई, कर्नाटक की राजनीति में फिर से मजा आने वाला है! डीके शिवकुमार जी ने तो बम फोड़ दिया – सीधे कह दिया कि “मुख्यमंत्री बनने की चाहत रखना गलत नहीं”। सच कहूं तो ये बयान तो आना ही था। क्यों? क्योंकि सिद्धारमैया सरकार के खिलाफ जो बवाल चल रहा है, उसमें ये स्पार्क की तरह काम करेगा।
असल में ये कोई नई बात नहीं। शिवकुमार और सिद्धारमैया की टकराहट तो 2023 के चुनाव के बाद से ही चल रही है। याद है ना? तब कांग्रेस ने सिद्धारमैया को सीएम बनाया और शिवकुमार को डिप्टी का पद दिया। लेकिन यहां से ही शुरू हो गया था असली ड्रामा। शिवकुमार के वोट बैंक वाले समर्थक तो बस मौका ढूंढ रहे थे। और अब लगता है मौका मिल गया है!
अब सवाल यह है कि क्या ये सब प्लान्ड है? कुछ sources तो यही कह रहे हैं कि पार्टी के कई MLA अब शिवकुमार के साथ खड़े हो रहे हैं। हालांकि सिद्धारमैया वालों ने इसे बकवास बताया है। पर राजनीति में कभी कुछ पक्का थोड़े ही होता है। आप ही बताइए, जब तक कुर्सी नहीं हिलती, तब तक खेल कौन छोड़ता है?
रिएक्शन्स तो बड़े मजेदार आ रहे हैं। कांग्रेस के अंदर ही कुछ नेता इसे “खुली महत्वाकांक्षा” बता रहे हैं, तो कुछ कह रहे हैं “भई ये तो नेचुरल है”। और भाजपा? वो तो मौका मिलते ही कांग्रेस पर टूट पड़ी – “देखो इनकी फूट!” सोशल मीडिया पर तो जैसे मैच चल रहा है – शिवकुमार फैंस vs सिद्धारमैया सपोर्टर्स!
अब आगे क्या? अगर शिवकुमार ने जोर दिया तो कांग्रेस को बड़ी मुसीबत में पड़ना पड़ेगा। ऐसे में दिल्ली वालों को – यानी राहुल गांधी और खड़गे जी को – हस्तक्षेप करना पड़ सकता है। नहीं तो स्थिति हाथ से निकल सकती है। और फिर? फिर तो कर्नाटक में बड़ा political earthquake आ सकता है!
एक बात तो तय है – शिवकुमार ने जो पत्ता खेला है, उससे गेम बदल सकता है। अब देखना है कि कांग्रेस इस आग को बुझा पाती है या ये आग पूरे जंगल में फैल जाती है। क्योंकि राजनीति में, जैसा कि हम सभी जानते हैं, आज का दोस्त कल का दुश्मन बन जाता है!
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Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com