रोहतक में धरती हिली, दिल्ली-NCR तक महसूस हुए झटके – क्या ये बड़े भूकंप का संकेत है?
17 जुलाई की रात का वो वक्त जब सब गहरी नींद में थे – करीब 12:46 बजे – अचानक हरियाणा के रोहतक में धरती ने डोलना शुरू कर दिया। NCS (नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी) के मुताबिक ये 3.3 तीव्रता का भूकंप था, लेकिन असल में? झटके इतने साफ महसूस हुए कि दिल्ली-NCR से लेकर आसपास के कई शहरों में लोगों की नींद उचट गई। NCS ने तुरंत X (पहले का ट्विटर) पर डिटेल्स शेयर कर दिए।
अब सवाल ये कि रोहतक में ऐसा क्यों? दरअसल, ये इलाका भूकंपीय जोन में आता है। पिछले कुछ सालों में दिल्ली-NCR में छोटे-मोटे झटके तो आम बात हो गई हैं। इस बार खास बात ये रही कि भूकंप की गहराई सिर्फ 10 किमी थी – यानी बिल्कुल सतह के करीब। और यही वजह है कि तीव्रता कम होने के बावजूद झटके ज्यादा महसूस हुए। थोड़ा ऐसे समझिए – जैसे आप पानी में पत्थर फेंकें, तो जितना करीब से फेंकेंगे, लहरें उतनी तेज होंगी।
NCS के डेटा के मुताबिक भूकंप का केंद्र था 28.88°N, 76.76°E पर। रोहतक तो ठीक, दिल्ली, गुड़गांव, फरीदाबाद जैसे शहरों में भी लोगों ने बेड हिलते महसूस किए। अच्छी बात ये रही कि अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं आई है। वैसे, सोशल मीडिया पर लोगों के अनुभव पढ़ने लायक हैं – कोई कह रहा है “अचानक लगा जैसे कोई बेड खींच रहा हो”, तो किसी को लगा “जैसे कोई भारी ट्रक गुजर गया हो”।
NCS के एक अधिकारी ने बताया, “ये मामूली भूकंप था, चिंता की कोई बात नहीं।” लेकिन यहां सवाल ये उठता है कि क्या हम वाकई तैयार हैं? भूकंप विशेषज्ञ तो लगातार चेतावनी दे रहे हैं – ये इलाका सेंसिटिव है। अगर कभी बड़ा झटका आया तो? सच कहूं तो हममें से ज्यादातर लोगों को पता भी नहीं कि भूकंप आने पर क्या करना चाहिए।
अभी तो स्थानीय प्रशासन ने सिर्फ अलर्ट जारी किया है और आपातकालीन सेवाएं तैनात हैं। लेकिन लंबे समय में? विशेषज्ञों की राय साफ है – बिल्डिंग कोड सख्त करने होंगे, लोगों को जागरूक करना होगा। वैसे भी, याद कीजिए 2001 का गुजरात भूकंप या 2015 का नेपाल भूकंप – प्रकृति कब क्या कर दे, कहा नहीं जा सकता।
इस बार तो बच गए, लेकिन ये घटना एक वेक-अप कॉल की तरह है। हमारी लापरवाही, हमारी तैयारियों की कमी – ये सब उतनी ही खतरनाक हैं जितना खुद भूकंप। सोचने वाली बात है, है न?
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अरे भाई, कल का वो भूकंप तो सच में डरावना था ना? मैं तो दिल्ली में था और मेरा पूरा कमरा हिल गया! चलिए, आज इसी पर बात करते हैं…
1. कब आया और कितना तेज था ये भूकंप?
तो कल यानी 12 अक्टूबर को सुबह के करीब 10:30 बजे जब हम सब अपने-अपने काम में लगे थे, अचानक धरती ने डोलना शुरू कर दिया। असल में, रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.5 थी – जो कि इतनी तेज तो नहीं, लेकिन फिर भी दिल्ली-NCR से लेकर हरियाणा तक सबको महसूस हुई। मतलब, हल्का-फुल्का नहीं था ये!
2. क्या हुआ नुकसान? किसी को चोट तो नहीं आई?
ईमानदारी से कहूं तो अभी तक कोई बड़ी खबर नहीं आई है। लेकिन ये मत समझ लीजिए कि सब कुछ ठीक है। कुछ जगहों पर इमारतों में दरारें आई हैं, और लोगों में खासा डर फैला है। अच्छी बात ये है कि अधिकारी मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और जांच कर रहे हैं।
3. अगर फिर भूकंप आए तो क्या करें? याद रखिए ये ज़रूरी बातें
देखिए, ये tips आपके लिए उतने ही ज़रूरी हैं जितना कि आपका फोन चार्जर! तो नोट कर लीजिए:
– सबसे पहले? शांत रहें और खुले मैदान की तरफ भागें।
– अगर बाहर नहीं जा सकते तो किसी मजबूत टेबल या बेड के नीचे छिप जाएं – बिल्कुल बचपन वाली हाइड-एंड-सीक की तरह!
– और हां, लिफ्ट का इस्तेमाल करने का ख्याल भी मन से निकाल दें। बिल्कुल नहीं!
4. क्या फिर से आ सकता है भूकंप? एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?
असल में, भूकंप को लेकर कोई भविष्यवाणी करना उतना ही मुश्किल है जितना कि दिल्ली की ट्रैफिक को समझना! लेकिन experts की मानें तो aftershocks आ सकते हैं – हालांकि उम्मीद है कि वो कम तीव्रता के होंगे। मेरी सलाह? थोड़ा सतर्क रहिए, और official updates पर नज़र बनाए रखिए। बेहतर होगा!
वैसे, कल आपका अनुभव कैसा रहा? कमेंट में ज़रूर बताइएगा… सच कहूं तो ऐसे हालात में एक-दूसरे से बात करके ही डर कम होता है!
Source: NDTV Khabar – Latest | Secondary News Source: Pulsivic.com