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“एलन मस्क का अनोखा स्कूल: 1 लाख रुपये प्रति घंटे की फीस! जानें क्या है खास”

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एलन मस्क का ये स्कूल क्या ज़हर है? 1 लाख रुपये प्रति घंटा… सच में?!

अरे भाई, टेस्ला और SpaceX वाले एलन मस्क ने फिर कुछ ऐसा कर दिया जिस पर चर्चा होनी ही थी। उनका नया स्कूल “एस्ट्रा नोवा” (Astra Nova) तो इन दिनों हर जुबान पर है। और वजह? इसकी फीस सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे – 1 लाख रुपये प्रति घंटे! हां, आपने सही सुना। ये कोई मजाक नहीं है। अब सवाल ये है कि आखिर इतनी महंगी पढ़ाई में ऐसा क्या खास है?

कहानी थोड़ी पीछे जाती है। 2014 की बात है जब मस्क ने अपने बच्चों और कुछ खास employees के लिए “एड एस्ट्रा” (Ad Astra) नाम का एक छोटा सा स्कूल शुरू किया था। ये कोई रट्टा मारने वाला स्कूल नहीं था। और अब? यही स्कूल “एस्ट्रा नोवा” बनकर दुनिया भर में सुर्खियां बटोर रहा है। असल में देखा जाए तो ये पूरा का पूरा STEM (Science, Technology, Engineering, and Mathematics) पर फोकस्ड है। यहां बच्चे किताबी कीड़ा बनने की बजाय real-world problems का हल ढूंढना सीखते हैं।

अब आते हैं मजेदार हिस्से पर… कुछ रिपोर्ट्स कह रही हैं कि यहां की फीस 1 लाख रुपये प्रति घंटे तक जा सकती है! हालांकि, अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। और हां, ये स्कूल सिर्फ अमेरिका में ही है। Admission मिलना? उतना ही आसान जितना SpaceX का रॉकेट चलाना! मतलब, बहुत मुश्किल। यहां पढ़ाई का सिलेबस? Robotics, Artificial Intelligence, Space Technology जैसी चीजें जो आज नहीं कल की दुनिया बदल देंगी।

अब सवाल ये कि लोग क्या कह रहे हैं? कुछ experts तो इसे शिक्षा की अगली क्रांति बता रहे हैं। पर दूसरी तरफ… सोशल मीडिया पर तो बवाल मचा हुआ है। कुछ लोग इसे “अमीरों का खिलौना” बता रहे हैं तो कुछ मस्क के इस innovative approach की तारीफ करने से बाज नहीं आ रहे। मस्क खुद कहते हैं कि उनका मकसद “rote learning” की बजाय practical knowledge देना है। सही भी तो है न?

तो अब क्या? अगर ये मॉडल कामयाब रहा तो शायद एस्ट्रा नोवा दूसरे देशों में भी खुले। भारत में भी इस पर चर्चा हो सकती है। लेकिन… एक बड़ा लेकिन। क्या ये सिर्फ अमीरों तक ही सीमित रहेगा? समाज में और ज्यादा असमानता पैदा होगी? ये सवाल तो अभी से लोग पूछने लगे हैं।

आखिरी बात: एलन मस्क का ये स्कूल निश्चित तौर पर कुछ नया लेकर आया है। लेकिन क्या ये सच में दुनिया बदल पाएगा? या फिर सिर्फ एक elite club बनकर रह जाएगा? वक्त ही बताएगा। फिलहाल तो… 1 लाख रुपये प्रति घंटा? भई साहब! कम से कम मेरे बच्चे तो नहीं पढ़ पाएंगे। है न?

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एलन मस्क का यह स्कूल सच में कुछ अलग ही कर रहा है। देखिए न, हमारी पुरानी पढ़ाई की रट्टामार प्रणाली को यह धता बताता है, और साथ ही साथ एक नया तरीका भी सुझाता है। हालांकि, 1 लाख रुपये प्रति घंटे की फीस सुनकर तो मन में सवाल उठता ही है – क्या यह सच में worth it है? लेकिन अगर आप गौर से देखें, तो यहाँ मिलने वाली practical शिक्षा और innovation-based approach किसी बड़े investment से कम नहीं।

अब सोचिए, अगर आप भी education system में बदलाव लाने की सोच रहे हैं, तो इस स्कूल से कुछ ideas तो ले ही सकते हैं। मैं तो कहूँगा, थोड़ा expensive ज़रूर है, पर concept बिल्कुल fresh है। क्या आपको नहीं लगता?

एलन मस्क का वो अनोखा स्कूल जहाँ नहीं होती रट्टामार पढ़ाई – जानिए सबकुछ!

1. कहाँ है ये स्कूल और कितनी है फीस? (हैरान कर देने वाली कीमत!)

देखिए, एलन मस्क का ये स्कूल – जिसे पहले “Ad Astra” कहा जाता था और अब “Astra Nova” के नाम से जाना जाता है – Los Angeles, California में है। अब फीस की बात करें तो… तैयार हो जाइए! लगभग 1 लाख रुपये प्रति घंटे। हाँ, आपने सही सुना – प्रति घंटे! लेकिन इतनी महंगी फीस का कारण? असल में ये कोई रेगुलर स्कूल नहीं है, बल्कि एक तरह का innovation lab है जहाँ पढ़ाई का तरीका ही अलग है।

2. पढ़ाई का तरीका? यहाँ तो है नहीं कोई पुराने ढर्रे की पढ़ाई!

अरे भई, यहाँ आपको वो बोरिंग किताबी कीड़ा वाली पढ़ाई नहीं मिलेगी। सोचिए – कोई fixed syllabus नहीं, कोई रट्टा नहीं। बच्चे सीधे real-world problems पर काम करते हैं। Critical thinking, problem solving और innovation पर पूरा जोर। एक तरह से ये project-based learning का शाहकार है। सच कहूँ तो, ये उन बच्चों के लिए है जो आम स्कूलों के सिस्टम में फिट नहीं होते।

3. क्या ये सिर्फ मस्क के अपने बच्चों के लिए है? (कॉमन सवाल!)

नहीं यार, ऐसा बिल्कुल नहीं है! हालांकि… admission मिलना मुश्किल जरूर है। सीट्स बहुत कम हैं और selection process बेहद सख्त। मस्क के बच्चे तो वहाँ पढ़ते ही हैं, लेकिन दूसरे बच्चों को भी मौका मिलता है। पर सच्चाई ये है कि हर किसी का नहीं कटता।

4. क्या भारत में भी खुलेगा ऐसा कोई स्कूल? (हम सबकी चाहत!)

अभी तक तो कोई खबर नहीं है भाई। Indian branch? ना-नहीं है, और ना ही कोई official announcement हुई है। लेकिन… देखा जाए तो भारत में भी अब innovative education की demand बढ़ रही है। तो कौन जाने, future में शायद कुछ हो! पर फिलहाल तो Los Angeles ही जाना पड़ेगा। और हाँ, उस महंगी फीस का जुगाड़ भी करना होगा। है ना मजेदार बात?

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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