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इटावा: दांदरपुर गांव में फिर हंगामा! ‘अहीर रेजीमेंट’ के लोगों ने पुलिस गाड़ी तोड़ी, हवा में फायरिंग

इटावा: दांदरपुर गांव का वो हंगामा जिसने सबको हिला दिया

परिचय

उत्तर प्रदेश के इटावा जिले का दांदरपुर गांव एक बार फिर सुर्खियों में है। अहीर रेजीमेंट के लोगों के प्रदर्शन ने पूरे गांव को हिलाकर रख दिया। देखते ही देखते स्थिति इतनी बिगड़ी कि पुलिस की गाड़ी तोड़ दी गई, हवा में फायरिंग हुई और पथराव तो जैसे आम बात हो गई। असल में यह सब शुरू हुआ दो कथावाचकों के साथ हुई बदसलूकी के आरोपों से, जब अहीर रेजीमेंट के लोग गांव में जबरन घुसने की कोशिश कर रहे थे।

घटना की पूरी कहानी

अहीर रेजीमेंट क्या है?

अहीर रेजीमेंट यूपी के अहीर समुदाय का एक संगठन है जो सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर आवाज उठाता रहता है। सच कहूं तो ये लोग पहले भी कई विवादों में घिर चुके हैं। इनकी मांगें भले ही समुदाय के अधिकारों से जुड़ी होती हैं, लेकिन इनके तरीके कई बार इतने हिंसक हो जाते हैं कि पूरा इलाका तनाव में आ जाता है।

कैसे शुरू हुआ सारा मामला?

बात तब शुरू हुई जब दो कथावाचकों के साथ बदसलूकी की खबर आई। गांव वालों का कहना है कि अहीर रेजीमेंट के कुछ लोगों ने इन कथावाचकों को न सिर्फ धमकाया बल्कि मारपीट भी की। इसी के बाद से गांव का माहौल गरमाने लगा था।

क्या-क्या हुआ उस दिन?

हिंसा की शुरुआत

जब अहीर रेजीमेंट के लोग गांव में घुसने लगे, तो पुलिस ने उन्हें रोकना चाहा। यहीं से सारा मामला भड़क गया। भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया और पुलिस की गाड़ी को निशाना बनाकर उसे तहस-नहस कर दिया।

हालात और बिगड़े

सबसे डरावना मोड़ तब आया जब कुछ लोगों ने हवा में फायरिंग शुरू कर दी। आप सोच सकते हैं कि गांव में कैसा माहौल होगा – लोग डर के मारे अपने घरों में दुबक गए। करीब कई घंटे तक चले इस हंगामे के बाद ही पुलिस स्थिति पर काबू पा सकी।

प्रशासन ने क्या किया?

तुरंत की गई ये कार्रवाई

घटना के बाद पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया। अतिरिक्त फोर्स बुलाई गई, कई लोगों को गिरफ्तार किया गया और मामले की एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस वालों ने साफ कहा कि वे किसी को भी नहीं छोड़ेंगे।

नेताओं की प्रतिक्रिया

इस मामले पर राजनीतिक बयानबाजी भी खूब हुई। कुछ नेताओं ने प्रशासन पर नरमी दिखाने के आरोप लगाए, तो कुछ ने शांति की अपील की। विपक्ष ने तो इसे सरकार के खिलाफ हथियार की तरह इस्तेमाल किया।

गांव वालों पर क्या असर पड़ा?

लोगों की मनोदशा

गांव के लोग अभी भी डर के साये में जी रहे हैं। कई लोगों का कहना है कि ऐसी घटनाएं समाज को तोड़ती हैं और प्रशासन को और सख्त होना चाहिए।

समुदायों के रिश्ते

इस घटना ने अहीर समुदाय और दूसरे समुदायों के बीच की खाई को और गहरा कर दिया है। हालांकि स्थानीय नेताओं ने शांति बैठकें करके स्थिति सामान्य करने की कोशिश की है।

आखिर में

दांदरपुर की यह घटना दिखाती है कि हमारे समाज में हिंसा कितनी आसानी से भड़क जाती है। प्रशासन को चाहिए कि ऐसे मामलों में और सतर्क रहे। वहीं, हम सभी को भी शांति और भाईचारे को बनाए रखने की जिम्मेदारी लेनी होगी।

लोगों के मन में उठने वाले सवाल (FAQ)

Q1: अहीर रेजीमेंट ने प्रदर्शन क्यों किया?

उत्तर: दो कथावाचकों के साथ बदसलूकी के आरोपों के बाद अहीर रेजीमेंट के लोग सड़क पर उतर आए।

Q2: पुलिस ने क्या कदम उठाए?

उत्तर: पुलिस ने पहले तो भीड़ को रोकने की कोशिश की, फिर एफआईआर दर्ज करके कई लोगों को गिरफ्तार किया। एक्स्ट्रा फोर्स भी तैनात की गई।

Q3: गांव वालों की सुरक्षा का क्या इंतजाम है?

उत्तर: गांव में अभी भी अतिरिक्त पुलिस बल मौजूद है। शांति बैठकों के जरिए हालात सामान्य करने की कोशिश की जा रही है।

Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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