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यूरो 2025: जर्मनी आगे तो बढ़ा, लेकिन बड़ी समस्याओं से जूझ रहा है!

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यूरो 2025: जर्मनी आगे बढ़ा ज़रूर, पर क्या समस्याएं पीछा छोड़ेंगी?

भाई, जर्मनी की फुटबॉल टीम की कहानी तो इन दिनों रोलरकोस्टर जैसी चल रही है। स्वीडन के खिलाफ 4-1 की वो शर्मनाक हार… अरे भई! लेकिन हैरानी की बात ये कि इसके बावजूद वो नॉकआउट राउंड में पहुँच गए। पर सच कहूँ तो, ये जीत नहीं, बल्कि वो हार है जिस पर सबकी नज़रें टिकी हैं। क्यों? क्योंकि इसने टीम की सारी कमज़ोरियाँ एक साथ उजागर कर दीं। और अब कोच वुक के सामने सबसे बड़ा सवाल – क्या वो इन समस्याओं को टूर्नामेंट खत्म होने से पहले सुलझा पाएंगे?

कहानी दो कहानी: उम्मीदें बनाम हकीकत

देखिए न, यूरो 2025 से पहले तो जर्मनी को टूर्नामेंट के टॉप फेवरेट्स में गिना जा रहा था। लेकिन अभी तक का उनका प्रदर्शन… ठीक वैसा ही है जैसे आप AC चालू करें और पंखा चलने लगे! स्वीडन के खिलाफ ये लगातार दूसरी बड़ी हार थी। और यहाँ स्कोरलाइन से ज़्यादा चिंता की बात है वो तरीका जिससे टीम हारी – डिफेंस का बिखराव, मिडफील्ड की निष्क्रियता… गंभीर मामला है ये। नए कोच वुक पर तो अब दबाव का पहाड़ टूट पड़ा है।

मैच रिपोर्ट: कहाँ चूक गए जर्मनी?

असल में मैच शुरू होते ही स्वीडन ने जर्मनी को दबोच लिया। पहले ही मिनट में गोल खाने के बाद तो जर्मन टीम जैसे ही हार मानकर बैठ गई। डिफेंस? बिल्कुल चावल के ढेर की तरह बिखरी हुई। मिडफील्ड? सिर्फ़ नाम का मिडफील्ड – न क्रिएटिविटी, न कंट्रोल। सबसे डरावनी बात? टीम में मैच पलटने की कोई योजना ही नहीं दिखी। हालाँकि, दूसरे मैचों के नतीजों की वजह से वो नॉकआउट में पहुँच गए, लेकिन इस हार ने तो उनके कॉन्फिडेंस को हिलाकर रख दिया है।

रिएक्शन्स: कोच से लेकर फैंस तक

मैच के बाद कोच वुक ने कहा – “हमें तुरंत सुधार करना होगा। नॉकआउट में ऐसी गलतियाँ माफ़ नहीं की जातीं।” पर पूर्व स्टार बलाक तो और सख्त थे: “अगर अभी नहीं बदला तो जर्मनी का यूरो सफर जल्द ही खत्म हो जाएगा।” और सोशल मीडिया? वहाँ तो कोचिंग स्टाफ़ को ही घर भेजने की माँग उठने लगी। कुछ फैंस तो इतने नाराज़ थे कि… छोड़िए, आप समझ ही गए होंगे!

आगे का रास्ता: क्या संभाल पाएंगे जर्मनी?

अब नॉकआउट में तो और भी भारी टीमें मिलेंगी। पहली प्राथमिकता? डिफेंस को संभालो यार! जो पिछले कितने ही मैचों से लगातार फेल हो रही है। दूसरा बड़ा इश्यू? मिडफील्ड की क्रिएटिविटी – जहाँ खिलाड़ी गेंद रोकने से लेकर अटैक बनाने तक में फेल हो रहे हैं। और सबसे बड़ी चुनौती? टीम का मनोबल बढ़ाना। क्योंकि लगातार हार तो किसी की भी हिम्मत तोड़ देती है।

इस हार ने जर्मनी को एक तगड़ा वेक-अप कॉल दिया है। अब देखना ये है कि कोच वुक और उनकी टीम इन चुनौतियों से कैसे निपटते हैं। क्या वो अपने गेम में वो जादू वापस ला पाएंगे? या फिर यूरो 2025 में जर्मनी का सपना बहुत जल्दी चकनाचूर हो जाएगा? एक बात तो तय है – अगर जर्मनी को इस टूर्नामेंट में कुछ भी हासिल करना है, तो उन्हें अभी से जागकर खेलना होगा। वरना… खैर, आप समझदार हैं!

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यूरो 2025: जर्मनी टीम पर वो सारे सवाल जो आप पूछना चाहते हैं!

1. जर्मनी की टीम यूरो 2025 के लिए कैसी तैयारी कर रही है? असल में जानना चाहते हैं न?

देखिए, जर्मनी वालों ने training तो खूब जोर-शोर से शुरू कर दी है। पर सच बताऊं? Injuries की मार और टीम में तालमेल की दिक्कतें अभी भी बनी हुई हैं। Coach हांसी फ्लिक नए strategies लेकर आए हैं, लेकिन कामयाब होंगे या नहीं – यह तो वक्त ही बताएगा।

2. क्या जर्मनी इस बार यूरो 2025 जीत पाएगा? या फिर…?

एक तरफ तो experts कहते हैं कि जर्मनी की team बहुत strong है। पर हाल की performances देखकर लगता है कि उनके लिए आसान नहीं होगा। फ्रांस और स्पेन जैसी टीमें तो मानो बस उनका इंतज़ार कर रही हैं! सच कहूं तो 50-50 की स्थिति है।

3. जर्मनी की टीम में कौन-कौन से key players हैं? जानिए उनके स्टार्स!

अब यहां तो बात करनी ही पड़ेगी Joshua Kimmich और Kai Havertz की – ये दोनों तो जैसे टीम की रीढ़ हैं। और भला Manuel Neuer का नाम लिए बिना कैसे रह सकते हैं? साथ ही कुछ नए young खिलाड़ी भी जोरदार performance दे रहे हैं। एकदम फ्रेश एनर्जी!

4. जर्मनी टीम की biggest challenges क्या हैं? यहां है असली मसला…

सुनिए, defense में consistency की कमी तो जैसे उनका पीछा ही नहीं छोड़ रही। Midfield creativity? उस पर भी सवालिया निशान। और सबसे बड़ी मुसीबत – injuries ने तो preparations को बुरी तरह affect किया है। अब देखना यह है कि ये सारी दिक्कतें उनके लिए कितनी बड़ी रुकावट बनेंगी।

Source: DW News | Secondary News Source: Pulsivic.com

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