भारत, चीन, अमेरिका नहीं! अमीरों की फेवरेट लिस्ट में ये 10 देश छा गए
अरे भई, एक ताजा रिपोर्ट ने तो हम सबको हैरान कर दिया है! Wealth-X और Henley & Partners जैसी बड़ी एजेंसियों के डेटा के मुताबिक, जिन देशों में मिलिनेयर्स (यानी करोड़पति) सबसे तेजी से बढ़ रहे हैं, उस लिस्ट में भारत, चीन या अमेरिका जैसे दिग्गजों का नाम तक नहीं। सच कहूं तो मुझे भी यकीन नहीं हुआ पहले-पहल। आखिर ये तीनों तो दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी हैं ना? लेकिन डेटा तो डेटा होता है!
क्या बड़े देशों का जादू उतर रहा है?
देखिए, भारत-चीन-अमेरिका में तो अमीर बढ़ ही रहे हैं। पर सवाल ये है कि क्यों कुछ छोटे देश इन्हें पीछे छोड़ रहे हैं? असल बात ये है कि ये छोटे देश tax policies और business regulations में ऐसे-ऐसे ऑफर दे रहे हैं जैसे कोई शॉपिंग मॉल सेल लगा रहा हो! वहीं बड़े देशों में tax का ऐसा जाल बिछा है कि अमीरों का दिमाग चकरा जाता है। सीधी बात – जहां सुविधा वहां भीड़!
तो फिर अमीर कहां जा रहे हैं? लिस्ट में देखिए कुछ चौंकाने वाले नाम
ये टॉप 10 लिस्ट देखकर आपकी आंखें फटी की फटी रह जाएंगी:
- UAE – यहां तो टैक्स है ही नहीं! साथ में digital nomad visa का चस्का लगा दिया है अमीरों को।
- ऑस्ट्रेलिया – प्रॉपर्टी और टेक सेक्टर में जबरदस्त उछाल। पैसा पैसा हुआ जा रहा है!
- सिंगापुर – एशिया का फाइनेंशियल हब बन चुका है। विदेशी निवेशकों के लिए तो ये स्वर्ग है।
- इज़राइल – टेक स्टार्टअप्स की बाढ़ आई हुई है। हर दूसरा शख्स यहां करोड़पति बन रहा है।
- पुर्तगाल – golden visa scheme ने तो पैसे वालों को यूरोप का रास्ता दिखा दिया।
इसके अलावा स्विट्ज़रलैंड (बैंकिंग हब), कनाडा (स्टेबल इकोनॉमी), न्यूज़ीलैंड (कोविड के बाद का सेफ हेवन), मलेशिया (नया इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन) और इंडोनेशिया (डिजिटल इकोनॉमी का बूम) भी अमीरों को अपनी तरफ खींच रहे हैं।
एक्सपर्ट्स की राय – क्या कहते हैं जानकार?
इकोनॉमिस्ट डॉ. अमित शर्मा का कहना है – “ये देश flexible policies के जरिए HNWIs (हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल्स) को लुभा रहे हैं। UAE में जीरो टैक्स, तो पुर्तगाल में रियल एस्टेट के मोहक ऑफर। सीधी बात – पैसा वहीं जाता है जहां उसे प्यार मिले!”
हमारे भारतीय एक्सपर्ट्स की मानें तो भारत में भी अमीर बढ़ रहे हैं, पर टैक्स के चक्कर में कई लोग विदेश का रुख कर रहे हैं। समझ सकते हैं ना? जब घर में पाबंदियां ज्यादा हों तो लोग बाहर ही बस जाते हैं।
आगे की राह – क्या भारत इस रेस में शामिल हो पाएगा?
अगर भारत को इस गेम में शामिल होना है तो ease of doing business को सच में आसान बनाना होगा। टैक्स सिस्टम को सिंपल, वेल्थ मैनेजमेंट को स्मार्ट। global wealth migration की ये दौड़ तो अभी शुरू ही हुई है। जो देश अमीरों को रिझा पाएंगे, वही आगे निकलेंगे।
इस रिपोर्ट से एक बात तो साफ है – नए जमाने में आर्थिक ताकत का पैमाना बदल रहा है। छोटे देश भी बड़े खिलाड़ियों को पछाड़ सकते हैं… बस नीतियां होनी चाहिए दमदार!
अमीरों की आबादी वाले Top 10 देश – जानिए कुछ दिलचस्प बातें!
1. अमीरों की आबादी में सबसे आगे कौन-से देश हैं? गलती से भी भारत या चीन नहीं!
सुनकर हैरानी होगी, लेकिन Monaco, Luxembourg और Switzerland जैसे छोटे-छोटे देश अमीरों की राजधानी हैं। असल में, इन देशों में High Net Worth Individuals (HNWI) की संख्या इतनी ज्यादा है कि आप चौंक जाएंगे। मानो पूरी दुनिया का पैसा यहीं जमा हो गया हो!
2. क्या भारत भी इस लिस्ट में है? सच्चाई जानकर थोड़ा दुख होगा…
ईमानदारी से कहूं तो नहीं। हमारा भारत इस Top 10 लिस्ट में जगह नहीं बना पाया है। हालांकि, अच्छी बात यह है कि यहां अमीरों की तादाद तेजी से बढ़ रही है। पर एक पेंच है – Per Capita Wealth के हिसाब से हम अभी बहुत पीछे हैं। शायद कुछ सालों में स्थिति बदले, क्या कहते हो?
3. इन देशों में इतने अमीर क्यों? सिर्फ Tax Benefits ही नहीं, और भी वजहें हैं
देखा जाए तो यहां Low Tax Rates तो हैं ही, साथ ही Banking System इतना मजबूत है कि पैसे को कोई खतरा नहीं। Business-Friendly Policies की बात करें तो यहां कंपनियों को पंख लग जाते हैं। और सबसे बड़ी बात? इनकी Economy इतनी Stable है जितनी हमारे यहां दाल का दाम नहीं रहता!
4. Tax Haven का लेबल सही है या गलत? आधा सच…
सच तो यह है कि Monaco और Luxembourg जैसी जगहों को Tax Benefits के लिए जाना जाता है। लेकिन सिर्फ यही नहीं! इनकी High Standard of Living, Safety और Quality of Life भी तो देखिए – जैसे कोई परफेक्ट फिल्म सेट हो। अमीरों को यहां रहने में वाकई मजा आता है। क्या आप भी कभी…? अरे नहीं, मैं तो बस कह रहा था!
एक बात और – ये सारी जानकारी सुनकर लगता है न कि पैसा ही सब कुछ है? पर याद रखिए, खुशी का कोई Tax Haven नहीं होता। सच कहूं तो!
Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com