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FATF की चेतावनी: आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और ऑनलाइन सेवाएं

FATF की चेतावनी: क्या ई-कॉमर्स और ऑनलाइन सेवाएं अनजाने में आतंकवाद को फंड कर रही हैं?

ये खबर पढ़कर मेरी नींद उड़ गई! वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (FATF) ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है जो साबित करती है कि हमारे पसंदीदा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स और ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम्स का इस्तेमाल अब आतंकी गतिविधियों को फंड करने में हो रहा है। और सबसे डरावनी बात? भारत जैसे देशों में तो इसके सबूत भी मिल चुके हैं – पुलवामा हमले (2019) से लेकर गोरखनाथ मंदिर घटना तक। सच कहूं तो, टेक्नोलॉजी के साथ-साथ आतंकवादी भी अपने तरीके अपग्रेड कर रहे हैं। है ना चिंता की बात?

परेशान कर देने वाली पृष्ठभूमि

असल में बात ये है कि FATF (Financial Action Task Force) वो अंतरराष्ट्रीय संस्था है जो मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के फंडिंग पर नजर रखती है। पिछले कुछ सालों में जैसे-जैसे हम डिजिटल पेमेंट्स की तरफ बढ़े, ये लोग भी पीछे नहीं रहे! अब ये लोग पुराने हवाला सिस्टम को छोड़कर ई-कॉमर्स साइट्स, cryptocurrency और ऑनलाइन डोनेशन पोर्टल्स का इस्तेमाल करने लगे हैं। याद है पुलवामा हमले की जांच? तब पता चला था कि आतंकियों को फंडिंग क्रिप्टो और फर्जी चैरिटी वेबसाइट्स से मिली थी। सोचिए, हम जहां सस्ते में मोबाइल खरीदने में लगे हैं, वहीं कुछ लोग इन्हीं प्लेटफॉर्म्स का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं!

FATF की रिपोर्ट में क्या-क्या निकला?

देखा जाए तो इस रिपोर्ट में कुछ बेहद डिस्टर्बिंग बातें सामने आई हैं। मसलन, अब आतंकी संगठन नकली ई-कॉमर्स साइट्स बना रहे हैं जो बिल्कुल Flipkart या Amazon जैसी दिखती हैं। और तो और, ऑनलाइन गेमिंग और क्राउडफंडिंग साइट्स का भी गलत इस्तेमाल हो रहा है। भारत सरकार ने कई शक्की ऐप्स पर बैन लगाया है, मगर ये लोग तो नए-नए तरीके ईजाद कर ही लेते हैं। ऐसे में पकड़ में आना मुश्किल हो जाता है। सच कहूं तो, ये एक तरह का कैट-एंड-माउस गेम बन गया है!

किसने क्या कहा? प्रतिक्रियाओं का दौर

इस रिपोर्ट ने तो हड़कंप मचा दिया है! केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तुरंत साइबर सेल को चौकस होने के निर्देश दिए हैं। पर मुश्किल ये है कि cryptocurrency और डार्क वेब जैसी चीजों पर नजर रखना बेहद टेढ़ी खीर है। विपक्ष वालों ने सरकार पर साइबर सुरक्षा को लेकर ढिलाई बरतने का आरोप लगाया है। हालांकि, सच ये है कि ये समस्या सिर्फ भारत की नहीं, पूरी दुनिया की है।

आगे का रास्ता क्या हो सकता है?

FATF ने तो साफ कह दिया है – ई-कॉमर्स और डिजिटल पेमेंट्स पर सख्त नियम चाहिए। भारत सरकार ‘डिजिटल सिक्योरिटी एक्ट’ में बदलाव पर विचार कर रही है। साथ ही साइबर क्राइम टीम्स को बेहतर ट्रेनिंग और टेक्नोलॉजी देने की बात चल रही है। एक बात जो मुझे समझ आई, वो ये कि FinTech कंपनियों और सरकार को मिलकर काम करना होगा। वरना… समझदार को इशारा काफी है ना?

सच तो ये है कि डिजिटल इंडिया के इस दौर में साइबर सुरक्षा अब सिर्फ टेक्निकल मुद्दा नहीं रहा। ये तो हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा का सीधा सवाल बन चुका है। FATF की ये चेतावनी एक तरह का वेक-अप कॉल है। अब देखना ये है कि हम इस पर कितनी तेजी से एक्शन ले पाते हैं। क्योंकि जैसा कि हम जानते हैं – समय रहते सावधानी ही सबसे बड़ी सुरक्षा होती है!

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Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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