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31 दिसंबर को लॉन्च होगी पहली 100% स्वदेशी AK-203 ‘शेर’ राइफल – जानें पूरी डिटेल्स

31 दिसंबर को लॉन्च होने जा रही है भारत की पहली 100% स्वदेशी AK-203 ‘शेर’ राइफल – जानिए सबकुछ

31 दिसंबर 2023… यह तारीख भारतीय सेना के इतिहास में सुनहरे अक्षरों से लिखी जाएगी। और क्यों न हो? आखिरकार इसी दिन हमारी पहली पूरी तरह से ‘मेड इन इंडिया’ AK-203 ‘शेर’ राइफल को सेना के हाथों में सौंपा जाएगा। सच कहूं तो, यह सिर्फ एक नए हथियार का लॉन्च नहीं है, बल्कि हमारे रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की एक बड़ी जीत है। तीस साल तक सेना की प्यारी साथी रही INSAS राइफल अब रिटायर हो रही है, और उसकी जगह लेगी यह ‘शेर’ – जो हमारे जवानों को नई जंगी तकनीक से लैस करेगी।

पुराने का विदाई, नए का स्वागत

1990s में आई INSAS (Indian Small Arms System) राइफल ने तो कमाल का काम किया है। लेकिन समय के साथ इसकी कुछ कमियां भी सामने आईं – जैसे अक्सर जाम हो जाना, फायरपावर की कमी और बेहद गर्म या ठंडे मौसम में परफॉरमेंस का गिरना। असल में, इन्हीं समस्याओं की वजह से कुछ खास ऑपरेशन्स में हमारे जवानों को AK-47 जैसी विदेशी राइफल्स इस्तेमाल करनी पड़ती थी। लेकिन यह तो कोई स्थायी हल नहीं था न? तभी भारत और रूस ने मिलकर एक ऐतिहासिक डील की – और जन्म हुआ ‘शेर’ प्रोजेक्ट का। यह नाम तो एकदम सटीक है, क्योंकि यह राइफल वाकई हमारे जवानों की शान और ताकत का प्रतीक है।

क्या खास है इस राइफल में?

31 दिसंबर को होने वाले इस बड़े इवेंट से जुड़ी कुछ मजेदार बातें:

रक्षा क्षेत्र में मील का पत्थर

इस पर सेना प्रमुख का कहना है कि “AK-203 ‘शेर’ हमारे जवानों को नई तकनीक और बेहतर सुरक्षा देगी। यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ी छलांग है।” और सच भी तो है! रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इससे न सिर्फ हमारा रक्षा उद्योग मजबूत होगा, बल्कि हजारों नौकरियां भी पैदा होंगी। एक्सपर्ट्स की मानें तो यह INSAS से कई गुना बेहतर है और युद्ध के मैदान में हमारे सैनिकों को बड़ा फायदा देगी।

आगे क्या है प्लान?

अभी तो यह शुरुआत भर है! 2024 तक हम 6 लाख से ज्यादा राइफल्स बनाने वाले हैं। और सबसे दिलचस्प बात? भविष्य में हम इन्हें दूसरे देशों को भी एक्सपोर्ट कर सकते हैं। टेक्नोलॉजी की बात करें तो आने वाले सालों में इसमें और सुधार होगा – जैसे स्मार्ट स्कोप और लेजर गाइडेंस सिस्टम जोड़े जा सकते हैं। देखा जाए तो यह प्रोजेक्ट न सिर्फ हमारी सैन्य ताकत बढ़ाएगा, बल्कि ग्लोबल डिफेंस मार्केट में भारत को एक बड़ा प्लेयर बनाने में भी मदद करेगा। क्या बात है न?

AK-203 ‘शेर’ राइफल: वो सारे सवाल जिनके जवाब आप जानना चाहते हैं!

AK-203 ‘शेर’ है क्या बला? और इतनी चर्चा क्यों?

देखिए, AK-203 ‘शेर’ कोई आम राइफल नहीं है। ये हमारी पहली 100% देसी राइफल है जो रूसी AK-47 के नए अवतार AK-203 से प्रेरित है। असल में, ये वो जगह है जहां रूसी टेक्नोलॉजी और भारतीय जुगाड़ मिलते हैं! Accuracy? बिल्कुल ठीक। Reliability? एकदम फौलादी। Firepower? अरे भाई, नाम ही ‘शेर’ है न!

लॉन्च कब और बनेगी कहाँ? जानिए सारी खबर

तो कहानी ये है कि 31 दिसंबर को ये बिग बॉस हमारे सामने आएगी। और बन कहाँ रही है? अमेठी के कोरवा डिफेंस कॉरिडोर में – जो कि एक तरह से भारत और रूस की दोस्ती का नया चैप्टर है। Joint venture का मतलब समझ रहे हैं न?

क्या यही बनेगी हमारी सेना की नई ‘गो-टू’ राइफल?

सच कहूँ तो, ऐसा लग रहा है! क्योंकि इसे खासतौर पर हमारे जवानों की जरूरतों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। और सबसे बड़ी बात? Self-reliance का सपना यहाँ सच होता दिख रहा है। थोड़ा और इंतज़ार कर लीजिए, जल्द ही हमारे जवानों के हाथों में दिख जाएगी ये ‘शेरनी’!

कीमत कितनी होगी? पॉकेट पर क्या असर पड़ेगा?

अभी तक तो ठीक-ठीक कीमत का पता नहीं चला है। लेकिन एक्सपर्ट्स क्या कह रहे हैं? देखिए, ये दूसरी modern rifles के मुकाबले कहीं ज्यादा cost-effective होगी। कारण साफ है – ‘मेड इन इंडिया’ का फायदा! टैक्स, इम्पोर्ट ड्यूटी वगैरह से छुटकारा। स्मार्ट डील है न?

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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