असम से केरल तक बाढ़ का कहर! केंद्र ने जारी किए 1,066 करोड़ रुपये के राहत फंड

असम से केरल तक बाढ़ का कहर! केंद्र ने जारी किए 1,066 करोड़ रुपये के राहत फंड

इस साल का मानसून जैसे कहर बनकर आया है। असम से लेकर केरल तक, पूरा देश बाढ़ और भूस्खलन की मार झेल रहा है। और सच कहूँ तो, हालात किसी भयावह फिल्म से कम नहीं लगते। लेकिन अच्छी खबर यह है कि केंद्र सरकार ने असम, उत्तराखंड, केरल समेत 6 राज्यों को 1,066.80 करोड़ रुपये की राहत राशि जारी कर दी है। ये पैसा State Disaster Relief Fund (SDRF) से आया है – जिसका मतलब है कि अब पीड़ितों को खाने-पीने से लेकर दवाइयों तक की मदद मिल सकेगी। वैसे, सिर्फ पैसा ही नहीं, NDRF की टीमें भी मैदान में उतर चुकी हैं। और तो और, सेना और वायुसेना के हेलिकॉप्टर भी राहत कार्यों में जुट गए हैं।

अब सवाल यह है कि इस बार बाढ़ ने कितना नुकसान पहुँचाया? देखिए, अभी तक देश के 19 राज्यों में बाढ़ की खबरें आ चुकी हैं! और हैरानी की बात यह कि केंद्र सरकार ने इन राज्यों को 8,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की मदद भेज दी है। पर असली मुश्किल तो असम और केरल में है। यहाँ तो नदियाँ इतनी उफान पर हैं कि लगता है जैसे प्रकृति ने अपना गुस्सा निकालना शुरू कर दिया हो। असम की बात करें तो ब्रह्मपुत्र नदी ने तो 30 से ज्यादा गाँवों को ही निगल लिया है। सच में, ये आँकड़े डराने वाले हैं।

लेकिन सवाल यह उठता है कि मदद पहुँचाने की कोशिशें कैसी चल रही हैं? तो सुनिए, NDRF ने 25 से ज्यादा टीमें मुस्तैदी से काम पर लगा दी हैं। सेना वालों ने तो नावों और अस्थायी पुलों का जाल बिछा दिया है ताकि फंसे लोगों को बचाया जा सके। और वायुसेना? वो तो दूर-दराज के इलाकों में हेलिकॉप्टर से राशन और दवाइयाँ पहुँचा रही है। हालाँकि, केरल में भूस्खलन ने सड़कें बंद कर दी हैं, जिससे राहत सामग्री पहुँचाना मुश्किल हो रहा है।

अब बात करते हैं सरकारी प्रतिक्रिया की। गृह मंत्रालय का कहना है कि “राज्यों के साथ मिलकर काम चल रहा है।” वहीं केरल के मुख्यमंत्री ने केंद्र की मदद की तारीफ तो की है, लेकिन साथ ही और संसाधनों की माँग भी की है। और ग्राउंड रियलिटी? असम का एक शख्स बताता है – “हमारे घर तो डूब ही चुके हैं, और सरकारी मदद अभी ठीक से पहुँची ही नहीं।” सच कहूँ तो, ये वाकई दिल दहला देने वाली स्थिति है।

और अफसोस की बात यह कि मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में और भारी बारिश की चेतावनी दे दी है। मतलब साफ है – हालात और बिगड़ सकते हैं। लंबे समय के लिए केंद्र सरकार नदियों के प्रबंधन और बाढ़ रोकथाम की नई नीतियाँ बनाने की बात कर रही है। पर विशेषज्ञों की राय में, तत्काल मदद तो ठीक है, लेकिन असली जरूरत तो बाढ़ प्रभावित इलाकों में बुनियादी ढाँचे को मजबूत करने की है। वरना हर साल यही कहानी दोहराई जाएगी।

इस आपदा ने एक बार फिर भारत की disaster management व्यवस्था को आईना दिखा दिया है। पर उम्मीद की किरण यह है कि केंद्र और राज्य सरकारों की तेज कार्रवाई से प्रभावित लोगों को जल्द राहत मिलेगी। वैसे, सच तो यह है कि प्रकृति के सामने इंसान की ताकत बहुत कमजोर है… लेकिन एकजुट होकर हम इस संकट से जरूर उबर सकते हैं।

यह भी पढ़ें:

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

More From Author

“चीन क्यों नहीं है टेंशन में? भारत बदल सकता है पड़ोसी, ड्रैगन होगा तड़प-तड़प कर रह जाएगा!”

“MUDA करप्‍शन केस में सिद्दारमैया पर संकट! HC ने CM की पत्‍नी को भेजा नोटिस, कांग्रेस की बड़ी चिंता”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Comments