दिल को झकझोर देने वाला वीडियो: जब एक फॉरेस्ट अफसर ने CPR से बचाया बेजुबान बंदर के बच्चे को!
क्या आपने कभी सोचा है कि इंसान और जानवरों के बीच का रिश्ता कितना गहरा हो सकता है? तिरुवनंतपुरम के वन अधिकारी अरुण पीआर ने तो एक ऐसा कारनामा कर दिखाया जिसने सोशल मीडिया को हिलाकर रख दिया। असल में बात ये है कि एक बेहोश पड़े बंदर के बच्चे को उन्होंने CPR देकर न सिर्फ जिंदा किया, बल्कि उसकी मां की गोद में लौटते ही जो नज़ारा देखने को मिला… अरे भई, कहने ही क्या! आंसू छलक पड़े खुद-ब-खुद।
क्या हुआ था असल में?
पूरी कहानी तिरुवनंतपुरम के पोनमुडी इलाके की है। अरुण साहब ड्यूटी पर थे, और अचानक… बाप रे! बंदर का एक छोटा सा बच्चा बिजली के तार से टकराकर नीचे गिरा। हालात बिगड़ते देख अरुण ने तुरंत एक्शन लिया। पर यहां तो सांसें ही रुक गई थीं बेचारे की। ऐसे में CPR ही आखिरी उम्मीद थी। और देखते ही देखते, दो मिनट की मेहनत ने चमत्कार कर दिया!
वीडियो में क्या था खास?
अब आप सोच रहे होंगे – भई ये CPR देने का तरीका तो इंसानों के लिए होता है? लेकिन अरुण साहब ने जानवर पर भी काम करने वाली तकनीक अपनाई। वीडियो में साफ दिख रहा था कि कैसे धीरे-धीरे बच्चे ने सांस लेना शुरू किया। और फिर… वो पल! जब मां ने अपने बच्चे को गले लगाया। क्या बताऊं, ऐसा लगा जैसे इंसान और जानवर के बीच का प्यार एक साथ फूट पड़ा हो। सच कहूं तो मेरी भी आंखें नम हो गईं।
सोशल मीडिया पर क्या चल रहा है?
अब तो पूरा इंटरनेट ही इस किस्से से गूंज रहा है। #ForestHero अरुण ट्रेंड कर रहा है। लोग कह रहे हैं – “ये है असली सुपरहीरो!” वहीं पशु प्रेमियों ने तो पूछ ही लिया – क्यों न सभी फॉरेस्ट अफसरों को ऐसी ट्रेनिंग दी जाए? मजे की बात ये कि वन विभाग ने भी तुरंत रिएक्ट किया। अरुण और उनकी टीम को सम्मानित करने का ऐलान हो चुका है।
आगे की राह
इस घटना ने एक बड़ा सबक दिया है – जानवरों के प्रति हमारी जिम्मेदारी। वन विभाग अब जागरूकता अभियान चलाने की तैयारी में है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी घटनाएं हमें याद दिलाती हैं कि प्रकृति और इंसान एक दूसरे के बिना अधूरे हैं। सच तो ये है कि अरुण साहब ने न सिर्फ एक बंदर की जान बचाई, बल्कि हम सभी को इंसानियत का पाठ पढ़ा दिया।
क्या आपको नहीं लगता कि ऐसे हीरोज को और ज्यादा सराहा जाना चाहिए? मुझे तो लगता है ये किस्सा हमें बताता है कि छोटे-छोटे प्रयासों से बड़े बदलाव आ सकते हैं। सोचिए, अगर अरुण साहब ने कोशिश न की होती तो…?
“दिल छू जाने वाला वीडियो: फॉरेस्ट अफसर ने CPR देकर बचाई बंदर की जान” – जानिए पूरी कहानी और जरूरी बातें
1. ये वीडियो कहाँ का है? और असल में हुआ क्या था?
देखिए, ये किस्सा तो एकदम फिल्मी लगता है, लेकिन सच्चा है! एक फॉरेस्ट अफसर ने जानवरों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को कितनी गंभीरता से लिया, ये वीडियो उसी की तस्दीक करता है। असल में, किसी भारतीय जंगल में एक बेहोश बंदर को इस हीरो अफसर ने CPR देकर बचाया। और हाँ, ये कोई एक-दो मिनट का मामला नहीं था – पूरी तरह से प्रोफेशनल तरीके से की गई इस कोशिश ने जान बचाई।
2. CPR आखिर है क्या? और क्या जानवरों पर भी काम करता है?
असल में CPR यानी Cardiopulmonary Resuscitation… सुनने में तो मेडिकल टर्म लगता है न? लेकिन समझिए इसे ऐसे – जब किसी का दिल धड़कना बंद कर दे या सांस रुक जाए, तो ये वो इमरजेंसी तकनीक है जिससे उसे तुरंत राहत दी जाती है। अब सवाल यह कि क्या ये जानवरों पर काम करता है? तो जवाब है हाँ! पर एक शर्त के साथ – ये काम सिर्फ ट्रेंड प्रोफेशनल्स ही कर सकते हैं। जैसा कि इस केस में हुआ।
3. सच में? बंदर की माँ ने आँसू बहाए थे?
अरे भई, ये तो वीडियो का सबसे दिल दहला देने वाला हिस्सा था! जब बचाया गया बच्चा बंदर अपनी माँ के पास लौटा, तो उसकी माँ का रिएक्शन… उफ्फ! क्या बताऊँ, ऐसा लगा जैसे इंसान ही कोई भावनाएँ जता रहा हो। और सच कहूँ तो विज्ञान भी मानता है कि जानवरों में भावनाएँ होती हैं। ये वीडियो तो बस उस सच को और पुख्ता करता है।
4. सड़क पर मिले जानवर को CPR देना चाहिए क्या?
यहाँ मैं साफ-साफ कह दूँ – अगर आप ट्रेंड नहीं हैं, तो नहीं! बिल्कुल नहीं! देखिए, दिल तो बड़ा अच्छा है आपका जो सोच रहे हैं, लेकिन बिना ट्रेनिंग के CPR करने से उल्टा नुकसान हो सकता है। बेहतर यही है कि नजदीकी पशु चिकित्सक या एनिमल रेस्क्यू टीम को तुरंत बुलाएँ। थोड़ी सी सावधानी किसी की जान बचा सकती है, है न?
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com