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“दिल्ली से बिहार तक फ्री बिजली स्कीम! क्या यही है नया नॉर्मल? चुनावी हालात से जानें पूरी सच्चाई”

दिल्ली से बिहार तक फ्री बिजली स्कीम! क्या यही है नया नॉर्मल? चुनावी हालात से जानें पूरी सच्चाई

अरे भई, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तो बम्ब फोड़ दिया है! 1 अगस्त 2024 से राज्य के हर घर को 125 यूनिट तक फ्री बिजली मिलेगी। सुनकर अच्छा लगता है न? पर सवाल यह है कि ये सब अचानक क्यों? दिल्ली-पंजाब वाली फ्री बिजली स्कीम की कॉपी-पेस्ट कर दी गई है, या फिर… हम सब जानते हैं न कि 2025 में विधानसभा चुनाव हैं। राजनीति हो या जनहित, बहस तो जरूर होगी!

मामले की पृष्ठभूमि: दिल्ली से बिहार तक का सफर

देखिए, फ्री बिजली का चलन नया नहीं है। AAP ने दिल्ली और पंजाब में इसे वोट मैजिक की तरह इस्तेमाल किया था। अब बिहार ने भी यही रणनीति अपनाई है। सच कहूं तो, चुनाव से ठीक पहले ऐसी घोषणाएं संदेह पैदा करती हैं। और हां, पैसों का सवाल तो है ही – डिस्कॉम पहले से ही कर्ज़ में डूबी हुई हैं। फ्री बिजली देने का मतलब है सब्सिडी का बोझ और बढ़ना। क्या राज्य इसका खामियाजा उठा पाएगा?

योजना का स्वरूप और आर्थिक पहलू

तो बात ये है कि हर घर को 125 यूनिट तक बिजली फ्री मिलेगी। इससे ज्यादा इस्तेमाल करोगे तो पूरा बिल भरना पड़ेगा। अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि सरकार को सालाना 1,500 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ेंगे। विपक्ष तो बैठा नहीं रहने वाला – उनका कहना है ये सब दिखावा है, बजट का ठिकाना नहीं। सच्चाई जो भी हो, आम आदमी के लिए थोड़ी राहत तो है ही।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और जनता की राय

नीतीश जी कह रहे हैं ये गरीबों के लिए वरदान है। भाजपा वाले चिल्ला रहे हैं कि अर्थव्यवस्था चौपट हो जाएगी। और जनता? उनकी राय दो किस्म की है – गाँव के लोग खुश हैं, पर शहरी मध्यम वर्ग सोच रहा है कि ये असली समाधान नहीं है। बिजली व्यवस्था सुधारो भई, फ्री बांटने से क्या होगा?

भविष्य के प्रभाव: राजनीति से लेकर अर्थव्यवस्था तक

अब सवाल ये उठता है कि:
1. क्या ये योजना नीतीश कुमार को चुनाव जितवा पाएगी?
2. क्या बिहार सरकार लंबे समय तक इतना खर्च उठा पाएगी?
3. क्या दूसरे राज्य भी इसी रास्ते पर चल पड़ेंगे?

देखिए, एक बात तो तय है – फ्री बिजली अब राजनीति का नया हथियार बन चुकी है। असली सवाल ये है कि क्या ये स्कीम लोगों की जिंदगी में कोई असली फर्क लाएगी, या फिर सिर्फ वोटों की खातिर बनाई गई एक और चुनावी जुमला साबित होगी? वक्त ही बताएगा।

[एक पत्रकार मित्र ने मजाक में कहा था – “अबकी बार, बिजली मीटर नहीं, वोट मीटर गिनेगा!” सोचने वाली बात है…]

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1. ये फ्री बिजली वाली बात क्या है? और किस-किस को मिलेगा ये फायदा?

देखिए, ये स्कीम तो दिल्ली और बिहार सरकार की तरफ से चल रही है – जहां एक निश्चित यूनिट्स तक बिजली फ्री मिलेगी। अब सवाल यह है कि कौन ले सकता है इसका फायदा? तो ज्यादातर गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए है, पर एक बात ध्यान रखिए… हर राज्य के अपने-अपने rules हैं। कोई 100 यूनिट दे रहा है, कोई 200। थोड़ा confuse करने वाला है, है ना?

2. ये स्कीम असली है या फिर वोट मांगने का तरीका?

ईमानदारी से कहूं तो… अभी तक तो ये स्थायी योजना लग रही है। पर आप भी जानते हैं ना? चुनाव के टाइम ऐसे ढेर सारे ऐलान होते हैं। कुछ experts तो यही कह रहे हैं। असल सच्चाई? सरकारी वेबसाइट पर जाकर details चेक कर लीजिए। वहीं पक्का जवाब मिलेगा।

3. अरे भईया, फ्री बिजली का बिल कैसे बनेगा? कोई जाल तो नहीं?

नहीं-नहीं, ऐसा कुछ नहीं! सिस्टम बिल्कुल सीधा है। मान लीजिए आपको 200 यूनिट्स तक फ्री मिल रही हैं, और आपने 250 यूनिट्स खर्च कर दीं। तो? तो सिर्फ 50 यूनिट्स का ही बिल भरना पड़ेगा। बाकी सब कुछ पहले जैसा ही चलेगा – मीटर रीडिंग, बिल, सब कुछ। एकदम ट्रांसपेरेंट।

4. क्या फॉर्म भरना पड़ेगा? या बस ऐसे ही मिल जाएगी फ्री बिजली?

अरे भाई, सरकारी चीजों में थोड़ा तो कागजी कार्रवाई करनी ही पड़ती है! ज्यादातर जगहों पर आपको बिजली विभाग में रजिस्ट्रेशन कराना होगा, कुछ documents दिखाने होंगे। अच्छी बात ये कि कई राज्यों में तो अब ये सब online भी हो गया है। पर सबसे बेस्ट? अपने लोकल बिजलीघर वालों से एक बार पूछ लीजिए। वो ही बता देंगे कि क्या करना है।

Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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