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गौरी मौलेखी: चारधाम और वैष्णो देवी की अद्भुत संरक्षिका, 50 लाख जानवरों की जान बचाकर बनी मिसाल!

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गौरी मौलेखी: जानवरों की मसीहा जिसने चारधाम और वैष्णो देवी को बचाया

एक ऐसी शख्सियत जिसने दिल जीत लिया

अगर आपसे कोई कहे कि एक महिला ने अकेले दम पर 50 लाख जानवरों की जान बचाई है, तो शायद यकीन न आए। लेकिन गौरी मौलेखी की कहानी सुनकर आपका दिल गर्व से भर उठेगा। इन्होंने न सिर्फ 50,000 Volunteers की फौज खड़ी की, बल्कि 5,000 Government Employees को भी अपने Mission में शामिल कर लिया। असल में, यह कहानी है एक साधारण लड़की के असाधारण जज्बे की!

दिल्ली की वो लड़की जिसने दिल खोलकर जानवरों से प्यार किया

गौरी का बचपन आप-हम जैसा ही था। दिल्ली में पली-बढ़ी इस लड़की ने Social Work में अपना करियर चुना। पर असल मोड़ तो तब आया जब इन्होंने देखा कि हमारे तीर्थ स्थलों पर जानवर कितनी बदहाली में जी रहे हैं। यहाँ तो हर साल लाखों Tourists आते हैं, लेकिन इन निरीह प्राणियों की कोई सुध नहीं लेता। गौरी ने तभी ठान लिया – अब बस नहीं!

चारधाम में जब जुट गई ‘जानवर बचाओ’ की फौज

साल 2015 की बात है। गौरी ने चारधाम और वैष्णो देवी के आसपास जानवरों की दुर्दशा देखी तो रुक नहीं पाईं। इन्होंने Training देकर Volunteers तैयार किए, Government से बात की, और एक पूरा System खड़ा कर दिया। आज यहाँ Special Zones हैं, Medical Camps लगते हैं, और Awareness Programs चलते हैं। सबसे मजेदार बात? लोगों ने इतना साथ दिया कि यह छोटा सा Campaign एक National Movement बन गया!

कैसे काम करता है यह अनोखा अभियान?

चलिए आपको बताते हैं गौरी के इस खास Model के बारे में:

वो पल जब पूरा देश इनकी मुरीद हो गया

पिछले साल की बात है, जब एक Viral Video में गौरी को -10°C में एक घायल गाय को बचाते देखा गया। उस वक्त तो पूरा Social Media इनके नाम से गूँज उठा! पर गौरी कहती हैं – “यह सब मेरा काम नहीं, मेरे Volunteers और Supporters की मेहनत का नतीजा है।” सच कहें तो यही तो है असली नेतृत्व!

आप भी बन सकते हैं इस मुहिम का हिस्सा

अगर आपको भी लगता है कि जानवरों की सेवा करनी चाहिए, तो गौरी की Website पर जाकर Volunteer Form भर सकते हैं। Donation से लेकर Social Media पर Awareness फैलाने तक – हर तरह की मदद का स्वागत है। याद रखिए, बदलाव की शुरुआत हमेशा एक छोटे से कदम से होती है!

लोग अक्सर पूछते हैं…

क्या यह अभियान सिर्फ चारधाम तक ही सीमित है?
नहीं! अब तो यह 11 राज्यों में फैल चुका है।

Volunteers को किस तरह की Training मिलती है?
Basic First Aid, Animal Handling और Crowd Management सिखाया जाता है।

Government ने कैसे सहयोग किया?
Special Policies बनाई गईं और Funds भी मुहैया कराए गए।

सबसे बड़ी चुनौती क्या रही?
लोगों की मानसिकता बदलना। पर अब तो स्थानीय Communities भी पूरा साथ दे रही हैं!

आखिरी बात (पर सबसे जरूरी)

गौरी मौलेखी साबित कर चुकी हैं कि एक व्यक्ति भी बहुत कुछ बदल सकता है। अगर आप भी कुछ करना चाहते हैं, तो आज ही उनके Social Media पर एक Message भेज दीजिए। कौन जाने, आपकी छोटी सी कोशिश किसी जानवर की जिंदगी बचा दे!

Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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