गाजा युद्ध में शांति की उम्मीद! हमास ने अमेरिका के सीजफायर प्रस्ताव पर दी सकारात्मक प्रतिक्रिया

गाजा में शांति की एक झलक? हमास ने अमेरिका के सीजफायर प्रस्ताव पर कहा ‘हां’, लेकिन…

अच्छी खबर है दोस्तों! फिलिस्तीनी संगठन Hamas ने आखिरकार गाजा में चल रहे खून-खराबे को रोकने की दिशा में पहला कदम उठा ही लिया। अमेरिका की तरफ से पेश किए गए ceasefire प्रस्ताव को उन्होंने ‘सकारात्मक’ बताया है। पर यहाँ एक बड़ा ‘लेकिन’ भी है – Hamas ने कुछ शर्तें रखी हैं और गारंटियां मांगी हैं। सच कहूं तो, ये विकास उतना सरल नहीं जितना लग रहा है। फिर भी, इतने महीनों बाद तो ये भी एक उम्मीद की किरण है ना?

असल में देखा जाए तो ये लड़ाई तो सात महीने से ज्यादा समय से चल रही है। Israel और गाजा के बीच ये जंग कितनी जानें ले चुकी है, इसका हिसाब लगाना मुश्किल है। और तो और, बुनियादी सुविधाएं तबाह हो चुकी हैं। America, Egypt और Qatar जैसे देश पहले भी कई बार बीच-बचाव करने आए, मगर कोई हल नहीं निकला। सबसे बड़ी दिक्कत? Hamas के पास अभी भी करीब 50 Israeli बंधक हैं, जिनमें से सिर्फ 20 के जिंदा होने की उम्मीद है। ये मामला तो बेहद संवेदनशील है ना?

अब ताजा अपडेट क्या कहता है? Hamas ने American प्रस्ताव को ‘अच्छी शुरुआत’ माना है, पर वो कुछ बातों को लेकर साफ-साफ जवाब चाहता है। वहीं दूसरी तरफ, Israel की सरकार अभी तक चुप्पी साधे हुए है। United Nations वालों ने तो इसे बड़ी कामयाबी बता दी है। उनका कहना है कि अगर ये सीजफायर होता है तो गाजा के मासूम लोगों को कुछ राहत मिलेगी। पर सच ये है कि अभी बहुत कुछ अनसुलझा है।

अलग-अलग लोग क्या कह रहे हैं, ये भी दिलचस्प है:
– एक फिलिस्तीनी अधिकारी: “हम शांति चाहते हैं, पर Israel को भी अपने वादे निभाने होंगे।”
– American प्रवक्ता: “हमें उम्मीद है कि जल्द हल निकलेगा।”
– एक Israeli बंधक का परिजन: “हमारे लोगों की सुरक्षा सबसे पहले!”

सच कहूं तो, हर कोई अपने-अपने तर्क से सही लगता है। पर समस्या यही है ना?

तो अब सवाल ये है कि आगे क्या? कहा जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में Hamas, Israel और America के बीच गंभीर बातचीत होगी। अगर सब कुछ ठीक रहा तो गाजा में फंसे लोगों को खाना-पीना और दवा मिल पाएगी। पर याद रखिए, ये रास्ता आसान नहीं होगा। विशेषज्ञ तो यहाँ तक कह रहे हैं कि अगर कोई एक पक्ष भी पलट गया तो फिर से हिंसा भड़क सकती है। और फिर? फिर तो स्थिति और भी बदतर हो जाएगी।

आखिर में क्या कहूं… हाँ, उम्मीद की एक किरण जरूर दिखी है। पर अभी तो ये महज एक शुरुआत है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सभी पक्षों पर दबाव बनाना होगा। वरना ये संकट और लंबा खिंच सकता है। अगले कुछ दिन वाकई बेहद अहम होंगे। क्या पता, शायद इस बार सच में कुछ अच्छा हो जाए।

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1. हमास ने अमेरिका के सीजफायर प्रस्ताव पर क्या कहा?

देखिए, यहाँ स्थिति दिलचस्प है। हमास ने अमेरिका के प्रस्ताव को “constructive” बताया है – जो कि अपने आप में एक बड़ी बात है। मतलब साफ है, वार्ता की मेज पर बैठने को तैयार हैं। लेकिन सवाल ये है कि क्या ये सिर्फ दिखावा है या असली इरादा? अभी तो बस इतना ही कहा जा सकता है कि पहले के मुकाबले हालात थोड़े सकारात्मक लग रहे हैं।

2. क्या गाजा में सच में शांति हो पाएगी?

ईमानदारी से कहूँ तो? कोई भरोसे से नहीं कह सकता। एक तरफ तो हमास की प्रतिक्रिया अच्छी लग रही है, वहीं दूसरी तरफ अंतर्राष्ट्रीय दबाव भी काम कर रहा है। पर याद रखिए, ये मध्य पूर्व है – यहाँ एक दिन में सब कुछ बदल सकता है। फिलहाल उम्मीद की एक किरण जरूर दिख रही है, लेकिन बातचीत का नतीजा ही सब कुछ तय करेगा।

3. इस सीजफायर प्रस्ताव में क्या-क्या है?

अरे भाई, अमेरिका ने तो पूरा पैकेज ही भेज दिया है! पहला और सबसे जरूरी – तुरंत युद्धविराम। फिर बंधकों की रिहाई। साथ ही humanitarian aid को तुरंत पहुँचाने की बात। और सबसे मजेदार? long-term peace plan पर चर्चा का प्रस्ताव। एक तरह से कहें तो अमेरिका ने सारे पत्ते एक साथ खोल दिए हैं। अब देखना है दूसरे खिलाड़ी क्या चाल चलते हैं।

4. इजराइल पर इसका क्या असर होगा?

सच बताऊँ? इजराइल अभी चुप्पी साधे हुए है। Official तौर पर तो कुछ नहीं कहा। लेकिन experts की मानें तो अंतर्राष्ट्रीय दबाव इतना ज्यादा है कि उन्हें भी झुकना पड़ सकता है। वैसे भी, इजराइल की राजनीति… समझने वाले समझते हैं। शायद वो अपनी शर्तों पर ही बातचीत करना चाहेंगे। पर अब तो दुनिया की नजरें उन पर टिकी हैं। देखते हैं आगे क्या होता है।

Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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