गाजा की वो भयावह तस्वीर जो आपको रातों की नींद उड़ा देगी
सच कहूँ तो गाजा की हालत देखकर दिल दहल जाता है। ये कोई सामान्य मानवीय संकट नहीं रहा – यहाँ तो नवजात बच्चों के लिए जिंदा रहना भी एक जंग बन गया है। सोचिए, जिस उम्र में बच्चे दूध पीकर सोना चाहिए, वो भूख से तड़प रहे हैं! 100 से ज़्यादा international organizations ने एक साथ आवाज़ उठाई है – अगर अभी कुछ नहीं किया गया, तो हम एक पूरी पीढ़ी को खो देंगे। और ये कोई exaggerated बात नहीं है। इन संगठनों की मांग साफ है – युद्ध रुके, supply routes खुलें, और UN के नेतृत्व में real help पहुँचे।
जब जीने का बुनियादी हक भी छिन जाए…
इजरायल-हमास की ये लड़ाई अब किसी भी हद को पार कर चुकी है। गाजा का तो पूरा system ही collapse कर गया है। अस्पताल? वहाँ तो basic medicines तक नहीं। खाना? Supply chain पूरी तरह टूट चुका। पानी? साफ पानी तक नसीब नहीं। UN की latest reports कहती हैं कि गाजा की 90% आबादी को दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं हो रही। सबसे दर्दनाक? Pregnant women और नवजात बच्चों की हालत। कुपोषण से लड़ते ये बच्चे… क्या यही 21वीं सदी की तस्वीर है?
दुनिया की आवाज़: “अब बस!”
अच्छी खबर ये है कि international community अब जाग रही है। 100 से ज़्यादा organizations ने एक साथ pressure बनाना शुरू कर दिया है। उनकी मांगें? Immediate ceasefire, सभी border crossings खोलो, और real humanitarian aid की अनुमति दो। UN तो साफ शब्दों में कह चुका – ये “man-made famine” है, यानी इंसानों द्वारा बनाया गया अकाल! WHO की reports और भी डरावनी हैं – hospitals में basic supplies न होने से newborns का इलाज तक नहीं हो पा रहा। ये कोई statistics नहीं, ये real lives हैं जो हमारी आँखों के सामने खत्म हो रही हैं।
क्या कह रहे हैं लोग और नेता?
UN के spokesperson का statement सुनिए: “अगर अभी action नहीं लिया गया, तो गाजा की एक पूरी पीढ़ी खत्म हो जाएगी।” WHO chief ने इसे “humanitarian tragedy” बताया है। इजरायल सरकार का कहना है कि वो help करने को तैयार है, पर हमास के attacks रुकने चाहिए। पर सबसे दर्दनाक हैं वहाँ के local residents की कहानियाँ। एक माँ की आवाज़ सुनिए: “हमारे पास खाने को कुछ नहीं… बच्चे भूख से रोते हैं और हम बस देखते रह जाते हैं।” क्या आप इस तरह की तस्वीर को सोच पा रहे हैं?
आगे का रास्ता: चुनौतियाँ और समाधान
Truth बात तो ये है कि अगर immediate ceasefire नहीं हुआ और real help नहीं पहुँची, तो हम हज़ारों लोगों को खो देंगे। UN और दूसरे organizations pressure बना रहे हैं, पर political solution के बिना ये crisis solve नहीं होगी। Experts सही कहते हैं – सिर्फ food supplies भेजने से काम नहीं चलेगा। ज़रूरत है infrastructure rebuild करने की, healthcare system ठीक करने की, और long-term peace process की। International community को अब action में आना ही होगा – वरना history हमें कभी माफ़ नहीं करेगी।
Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com