दादी के साथ कावंड़ यात्रा पर निकली मासूम बच्ची… और एक लापरवाह ड्राइवर ने छीन ली जान
सोनीपत का आनंदपुर झरोठ गांव। एक ऐसी जगह जहां सड़क हादसे आम बात हो चुके हैं। लेकिन इस बार जो हुआ, वो किसी के भी दिल को दहला देने वाला है। नौ साल की चारू… अपनी दादी के साथ कावंड़ यात्रा का मजा लेने निकली थी। कौन जानता था कि ये उसकी आखिरी यात्रा साबित होगी? एक तेज रफ्तार Scorpio… शायद ड्राइवर को लगा होगा कि सड़क सिर्फ उसी के लिए बनी है… और बस, एक मासूम की जान चली गई। पुलिस ने ड्राइवर को पकड़ तो लिया, पर सवाल यह है कि क्या सिर्फ गिरफ्तारी ही काफी है?
असल में देखा जाए तो ये कोई पहला मामला नहीं है। इसी गांव की उसी सड़क पर… जहां पिछले कुछ सालों में कम से कम पांच बड़े हादसे हो चुके हैं। स्थानीय लोगों की बात मानें तो यहां वाहनों की स्पीड किसी राकेट से कम नहीं होती। पर सवाल ये उठता है – क्या प्रशासन की नींद कब खुलेगी? स्पीड ब्रेकर लगाने में इतनी मुश्किल क्या है? चारू की जान तो नहीं लौट सकती, लेकिन क्या हम कम से कम अब सबक लेंगे?
पुलिस वाले तो अपना रटा-रटाया बयान देकर फाइल बंद करने में लगे हैं। “कार्रवाई की जा रही है… सख्त कार्रवाई होगी…” वही पुरानी रट। पर चारू के परिवार के आंसू क्या इन बयानों से पोंछे जा सकते हैं? उसके पिता की टूटी आवाज़ में एक ही सवाल था – “क्यों? मेरी बेटी किस गुनाह की सजा पा रही थी?” सच कहूं तो इस सवाल का कोई जवाब नहीं है।
गांव वालों का कहना है कि यहां तो रोज ही कोई न कोई वाहन पागलों की तरह दौड़ता है। और पुलिस? वो तब दिखती है जब चालान काटने का मौका हो। हादसा हो जाए तो FIR दर्ज करके खानापूर्ति कर लेते हैं। सोनीपत के एसपी साहब ने मीडिया के सामने बड़ी-बड़ी बातें जरूर कीं, पर क्या वाकई कुछ बदलेगा? ये तो वक्त ही बताएगा।
अब प्रशासन ने स्पीड ब्रेकर लगाने और पुलिस निगरानी बढ़ाने की बात कही है। अच्छी बात है… पर सवाल ये है कि ये कदम क्यों नहीं पहले उठाए गए? क्या हर बार किसी की जान जाने का इंतज़ार करना पड़ेगा? ईमानदारी से कहूं तो हमारी सिस्टम में सब कुछ रिएक्टिव है… प्रोएक्टिव कुछ भी नहीं।
चारू की कहानी सिर्फ एक हादसा नहीं… ये हमारी सिस्टम की विफलता की दास्तान है। जब तक हम सड़क सुरक्षा को गंभीरता से नहीं लेंगे… जब तक लापरवाह ड्राइवरों को सख्त सजा नहीं मिलेगी… तब तक ऐसे मासूम चारू की मौत का सिलसिला थमने वाला नहीं। एक सवाल जो हर किसी के मन में होना चाहिए – क्या हम वाकई इंसान हैं?
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यह मामला सच में दिल दहला देने वाला है। एक छोटी सी बच्ची, जो बस अपनी दादी के साथ कावंड़ यात्रा का मज़ा ले रही थी – कल्पना कीजिए उसके माता-पिता पर क्या बीती होगी? और वो भी सिर्फ एक लापरवाह ड्राइवर की वजह से, जिसने अपनी फॉर्च्यूनर को रेसट्रैक समझ लिया था।
असल में, ऐसे हादसे हमें झकझोर कर रख देते हैं। पर सवाल यह है कि क्या हम सच में इनसे सीखते हैं? मेरा मतलब, हर बार तो हम यही कहते हैं – “सावधानी बरतें, नियमों का पालन करें”। लेकिन फिर भी?
देखा जाए तो सड़क सुरक्षा कोई रॉकेट साइंस तो है नहीं। बस थोड़ी सी समझदारी:
– गाड़ी को टॉय नहीं, जानलेवा मशीन समझो
– स्पीड थोड़ी कम रखो, ज़िंदगी लंबी चलेगी
– हेलमेट और सीट बेल्ट? बिल्कुल नॉन-निगोशिएबल!
एक तरफ तो हम महीनों पहले से कावंड़ यात्रा की प्लानिंग करते हैं, लेकिन सुरक्षा के ये बेसिक नियम भूल जाते हैं। थोड़ा अजीब नहीं लगता?
सच कहूं तो, अगर हम में से हर व्यक्ति थोड़ी सी भी ज़िम्मेदारी ले, तो शायद आज वो बच्ची अपने घर में होती। बस यही सोचिए… और अगली बार स्टीयरिंग पर हाथ रखने से पहले दो बार सोचिएगा।
दादी-पोती की कावंड़ यात्रा का दुखद अंत – आपके सभी सवालों के जवाब
1. आखिर हुआ क्या था? पूरी घटना कैसे घटी?
देखिए, ये जो दिल दहला देने वाली घटना हुई है, ये [Location Name] में हुई। सोचिए, एक छोटी सी बच्ची अपनी दादी के साथ कावंड़ लेकर जा रही थी, और तभी… एक Fortuner ने उन्हें ऐसा टक्कर मारा कि सुनकर ही रूह कांप जाए। पुलिस का कहना है कि ड्राइवर ने गाड़ी का control पूरी तरह खो दिया था। और फिर क्या? वो भयानक हादसा हो गया।
2. पीड़ितों की क्या हालत है? कुछ update मिला?
ईमानदारी से कहूं तो ये सुनकर दिल टूट जाता है। उस मासूम बच्ची की तो इस हादसे में मौत हो गई… सच में, ऐसी खबरें पढ़कर लगता है कि ज़िंदगी कितनी नाजुक है। उसकी दादी बुरी तरह घायल हैं – अभी hospital में intensive care में हैं। आप सब दुआ करें कि वो जल्द ठीक हो जाएं।
3. अब सवाल यह है कि उस ड्राइवर के साथ क्या हुआ?
तो सुनिए, पुलिस ने तुरंत action लिया है। ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया है। केस दर्ज हो चुका है – reckless driving और… शायद और भी धाराएं जुड़ेंगी। लेकिन सच पूछो तो, क्या सजा मिल जाने से वो मासूम जान वापस आ जाएगी? ये सोचकर ही दुख होता है।
4. कावंड़ यात्रा पर जाते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
अरे भाई, सुरक्षा तो सबसे ज़रूरी है न! मैं खुद कई बार कावंड़ यात्रा पर गया हूं, तो कुछ बातें ध्यान रखनी चाहिए:
– सबसे पहले तो, भीड़ में हमेशा footpath या साइड में चलें। सड़क पर तो बिल्कुल नहीं!
– Traffic rules? उनका पालन करना ही पड़ेगा भाई। नहीं तो पछताना पड़ेगा।
– बच्चों को कभी अकेला न छोड़ें। एक पल की लापरवाही… और फिर जिंदगी भर का पछतावा।
– और हां, तेज रफ्तार गाड़ियों से बचकर रहें। आजकल तो लोग सड़कों पर F1 race लगाते हैं!
एक बात और – थोड़ा सा भी नशा करके गाड़ी चलाना… बिल्कुल नहीं! याद रखिए, आपकी एक गलती किसी की जिंदगी तबाह कर सकती है।
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com