ग्रेटर नोएडा में धमाकेदार एनकाउंटर: पुलिस vs गैंगस्टर्स, 2 बदमाश ढेर
सुबह की शांत हवा में अचानक गोलियों की आवाज़! ग्रेटर नोएडा के यमुनानगर इलाके में आज सुबह कुछ ऐसा ही हुआ। पुलिस और बदमाशों के बीच जोरदार मुठभेड़ हुई, और देखते ही देखते इलाका वारज़ोन में तब्दील हो गया। असल में, ये पुलिस का चल रहा ‘ऑपरेशन क्लीन-अप’ था, जिसमें दो नामी शूटर्स बुरी तरह घायल हुए। मौके से पुलिस ने दो पिस्टल, कारतूसों का ढेर और एक पल्सर बाइक भी बरामद की। और सबसे दिलचस्प बात? ये सभी गैंगस्टर वेंकट गर्ग के गैंग से ताल्लुक रखते हैं – वही जो यूपी-हरियाणा बॉर्डर पर अपना आतंक फैलाए बैठा है।
अब थोड़ा पीछे चलते हैं। वेंकट गर्ग कोई नौसिखिया गुंडा नहीं है। पुलिस फाइलों में तो इसका नाम सोने के अक्षरों में लिखा हुआ है! हत्या, अपहरण, डकैती – नाम लो और ये गैंग उसमें माहिर। पिछले कुछ महीनों से यूपी पुलिस इन्हें पकड़ने के लिए जी-जान से जुटी थी। और आज जो दोनों बदमाश घायल हुए हैं, उनके नाम भी कई FIRs में दर्ज हैं। सच कहूं तो, ये कोई एक दिन का खेल नहीं था।
मामला कुछ यूं बना – पुलिस को एक मुखबिर से खबर मिली कि यमुनानगर में गर्ग गैंग के दो नामी शूटर्स छुपे हैं। जैसे ही पुलिस टीम ने घेराबंदी की, बदमाशों ने बिना सोचे-समझे फायरिंग शुरू कर दी। नतीजा? दोनों गंभीर रूप से जख्मी। उन्हें फौरन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। और हां, पुलिस ने सारे सबूत भी सुरक्षित कर लिए। क्या आप जानते हैं? ऐसे मामलों में हर छोटी सी चीज़ बड़ा सबूत बन सकती है!
इस घटना पर अलग-अलग लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आईं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी तो मानो खुशी से फूले नहीं समा रहे थे – “ये हमारी बड़ी जीत है,” उन्होंने कहा। लेकिन स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया दिलचस्प थी। एक आदमी ने कहा, “भई, ऐसी घटनाएं डराती तो हैं, लेकिन पुलिस की तेज़ी सराहनीय है।” है न मजेदार बात? वहीं दूसरी तरफ, वेंकट गर्ग और उसके साथियों की तरफ से अभी तक कोई रिएक्शन नहीं आया है। शायद सोच रहे होंगे कि अब आगे क्या करना है!
अब सवाल ये उठता है कि आगे क्या होगा? पुलिस के मुताबिक, घायल बदमाशों से पूछताछ करके गैंग के बारे में और जानकारी निकाली जाएगी। मेरे एक सूत्र तो यहां तक कह रहे हैं कि यूपी-हरियाणा बॉर्डर पर अब पुलिस की तैनाती बढ़ सकती है। और तो और, वेंकट गर्ग के खिलाफ नए केस भी दर्ज हो सकते हैं। एक तरह से देखें तो ये पुलिस के लिए चेकमेट का मौका है!
ये पूरा मामला साबित करता है कि पुलिस और अपराधियों के बीच की जंग अभी खत्म नहीं हुई है। लेकिन एक बात तो तय है – आने वाले दिनों में इससे जुड़े कई और खुलासे होने वाले हैं। और हां, ये ऑपरेशन दूसरे गैंगस्टर्स के लिए भी एक साफ़ संदेश है – यूपी पुलिस अब पहले जैसी नहीं रही!
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ग्रेटर नोएडा एनकाउंटर – सच्चाई क्या है और क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट्स?
1. ग्रेटर नोएडा में जो हुआ, उसकी असल कहानी क्या है?
देखिए, पूरा मामला थोड़ा धुंधला सा है। पुलिस कह रही है कि ये एक अंडरवर्ल्ड गैंग के खिलाफ चल रहे ऑपरेशन का हिस्सा था। लेकिन सवाल ये उठता है कि जब धांय-धांय हुई, तो सिर्फ 2 शूटर्स ही क्यों घायल हुए? असल में, ये पूरा केस उतना सिंपल नहीं है जितना दिख रहा है।
2. घायलों की हालत – सच्चाई या सफेद झूठ?
अस्पताल वाले कह रहे हैं हालत स्टेबल है। पर सवाल तो ये है कि अगर सब कुछ इतना ट्रांसपेरेंट है, तो पुलिस ने मीडिया को उनसे मिलने क्यों नहीं दिया? ईमानदारी से कहूं तो, ऐसे मामलों में हमेशा दोनों तरफ के वर्जन सामने आते हैं।
3. क्या ये एनकाउंटर वाकई अनप्लान्ड था?
यहां तो बात ही निराली है! पुलिस का कहना है कि बदमाशों ने पहले फायर किया। लेकिन एक्सपर्ट्स की राय अलग है। कुछ का मानना है कि ऐसे ऑपरेशन्स में 99% केस में पुलिस को पहले से पता होता है। सोचने वाली बात है, है न?
4. पुलिस की कार्रवाई – कितनी सही, कितनी गलत?
हथियार बरामद हुए हैं – ये तो ठीक है। पर सच पूछो तो असली सवाल ये है कि क्या ये सारा सामान वाकई उन बदमाशों का था? और जो दूसरे मेम्बर्स अभी फरार हैं, क्या उन्हें पकड़ने की कोई ठोस रणनीति है? या फिर ये सब सिर्फ मीडिया स्टंट है? सच कहूं तो, अभी तो सिर्फ सतही जानकारी ही मिल रही है।
एकदम ज़बरदस्त मामला है। सच में। आपको क्या लगता है – कहां तक सच और कहां तक दिखावा?
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com