किराना दुकानदार की बेटी ने किया कमाल – टॉपर से IPS अफसर बनने तक का सफर!
अक्सर हम सुनते हैं कि “संसाधन कम हों तो सपने छोटे कर लो”। लेकिन माही शर्मा की कहानी सुनकर लगता है कि ये बात बिल्कुल गलत है! मध्य प्रदेश के धार जिले के छोटे से कस्बे राजगढ़ से निकलकर UPSC में 106वीं रैंक हासिल करना… सच में, ये किसी सुपरहीरो वाली कहानी जैसा लगता है। और है भी।
माही की कहानी तो वैसी ही है जैसे हमारे आस-पास के किसी घर की हो। पापा छोटी सी किराने की दुकान चलाते हैं, गुजारा ठीक-ठाक हो जाता था। लेकिन यहां खास बात ये है कि माही ने कभी ये नहीं सोचा कि “हम तो छोटे शहर के लोग हैं”। उल्टा, उन्होंने तो स्थानीय स्कूल से पढ़ाई करके ही दिखा दिया कि जुनून हो तो क्या नहीं हो सकता!
अब आप सोच रहे होंगे – “यूपीएससी तो बहुत टफ होता है!” बिल्कुल सही। लेकिन माही ने जो संघर्ष किया, वो किसी इंस्पिरेशनल मूवी से कम नहीं। कोचिंग के पैसे नहीं थे? कोई बात नहीं – सेल्फ स्टडी की। किताबें महंगी थीं? लाइब्रेरी जाकर पढ़ा। असल में, उनकी कहानी बताती है कि बहाने बनाने से ज्यादा जरूरी है मन में जज्बा होना।
और रिजल्ट आया तो क्या हुआ? 106वीं रैंक! IPS का चयन! पूरा राजगढ़ झूम उठा। वैसे भी, जब कोई लड़की ऐसा करके दिखाती है तो गर्व तो होता ही है। माही ने खुद कहा – “ये मेरे पापा और गुरुओं की देन है।” सुनकर अच्छा लगा न? आजकल तो ज्यादातर लोग सिर्फ अपनी मेहनत का बखान करते हैं।
अब माही जल्द ही IPS ऑफिसर बनने की ट्रेनिंग के लिए जाएंगी। लेकिन उनकी ये सफलता सिर्फ एक नौकरी पाने की कहानी नहीं है। ये तो उन लाखों Students के लिए एक मैसेज है जो सोचते हैं कि “हमारे पास रिसोर्सेज नहीं हैं”। दरअसल, सबसे बड़ा रिसोर्स तो हमारे अंदर ही होता है – हौसला!
तो अगली बार जब कोई कहे कि “तुम नहीं कर पाओगे”, तो माही शर्मा की कहानी याद कर लेना। क्योंकि जब एक किराना दुकानदार की बेटी IPS बन सकती है, तो आपका सपना क्यों नहीं? बस शर्त यही है – हार मानने से पहले खुद से एक बार जरूर पूछ लेना: “क्या मैंने पूरी कोशिश की?”
किराना दुकान से IPS तक की कहानी: जानिए कैसे हुआ ये कमाल?
1. किराने की दुकान से IPS ऑफिसर तक का सफर कैसे तय हुआ?
सुनकर थोड़ा अजीब लगता है न? लेकिन ये सच है! देखिए, इस लड़की ने दिन-रात एक कर दिए। UPSC की तैयारी में जुट गई – वो भी तब, जब पापा की छोटी सी किराना दुकान से घर चलता था। और हां, सिर्फ पास ही नहीं हुई, टॉप किया! क्या बात है, है न?
2. नाम तो बताइए भई! और कौनसी रैंक आई?
अभी तक तो official तौर पर नाम सामने नहीं आया। लेकिन सुना है कि UPSC में टॉपर्स की लिस्ट में जगह बनाई है। जब details आएंगे तब जरूर बताऊंगा। थोड़ा patience रखिए!
3. क्या गरीब घर का बच्चा UPSC क्लियर कर सकता है? सच्चाई क्या है?
अरे भई, ये सवाल ही क्यों? इस कहानी को देख लो न! पैसे नहीं, हौसले की बात है। मेरा एक दोस्त… उसके पापा ऑटो चलाते थे। आज वही IRS ऑफिसर है। तो हां, possible है। मुश्किल जरूर है, लेकिन नामुमकिन? बिल्कुल नहीं!
4. इस कहानी से क्या सीख मिलती है? सिर्फ motivation नहीं, practical lesson
देखिए, motivation तो हर कोई देता है। मैं आपको असली बात बताता हूं – छोटे शहर, गरीब परिवार, ये सब excuses नहीं हैं। जब तक दिल में जुनून है, पढ़ने की लगन है… सर, आपका नंबर आएगा। बस याद रखिए – रातों की नींद हराम करनी पड़ेगी। मेहनत का कोई shortcut नहीं। सच कहूं तो!
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com