गुजरात ATS ने दबोचा अलकायदा का ‘दिमाग’! बड़ा खेल फेल, पर सवाल बाकी…
बड़ी खबर! गुजरात ATS ने आज एक ऐसी कामयाबी हासिल की है जिसके बारे में सुनकर आपकी रूह कांप जाएगी। अलकायदा के एक बड़े आतंकी मॉड्यूल का मास्टरमाइंड गिरफ्तार! ये कोई छोटी-मोटी गिरफ्तारी नहीं है दोस्तों… ये वही शख्स था जो हमारे प्रमुख शहरों – दिल्ली, मुंबई और खुद गुजरात में बड़े पैमाने पर हमले की साजिश रच रहा था। सोचिए अगर ATS को ये खुफिया जानकारी न मिलती तो क्या होता?
अब थोड़ा पीछे चलते हैं। पिछले कुछ महीनों से गुजरात ATS की नजर अलकायदा के इस नए नेटवर्क पर थी। है ना चिंता की बात? ये संगठन हमारे युवाओं को ब्रेनवॉश करके उन्हें आतंकवाद की ओर धकेल रहा था। और ये गिरफ्तार आरोपी? असल में ये कोई नौसिखिया नहीं, बल्कि पिछले कई सालों से अलकायदा के लिए काम कर रहा एक पक्का खिलाड़ी था। हमारे देश के अंदरूनी इलाकों में चुपके से अपना जाल बिछा रहा था।
पूछताछ में जो खुलासे हुए, वो तो एकदम फिल्मी सीन जैसे हैं! हथियार, विस्फोटक, डिजिटल सबूत – सब कुछ मिला। सच कहूं तो पढ़कर लगता है जैसे किसी सस्पेंस थ्रिलर की स्क्रिप्ट पढ़ रहे हों। लेकिन ये कोई कहानी नहीं, बल्कि हमारे आस-पास की सच्चाई है। और डरावनी बात ये कि इस आतंकी के संपर्क में और भी लोग हो सकते हैं। ATS अभी और नामों की तलाश में जुटी हुई है।
प्रतिक्रियाओं की बात करें तो गुजरात ATS प्रमुख का कहना है – “ये सिर्फ एक गिरफ्तारी नहीं, बल्कि पूरे देश को बचा लेने जैसा है।” वहीं केंद्र सरकार ने जीरो टॉलरेंस की बात दोहराई है। पर सवाल ये है कि क्या सिर्फ गिरफ्तारियां काफी हैं? क्या हम वाकई सुरक्षित हैं?
अब आगे क्या? पूछताछ जारी है, नए नाम सामने आ सकते हैं। ATS शायद और छापेमारी करे। सरकार शायद सोशल मीडिया निगरानी को और सख्त बनाए। लेकिन असली सवाल तो ये है कि क्या हम आतंकवाद की जड़ तक पहुंच पाएंगे?
एक तरफ तो ये गिरफ्तारी वाकई बड़ी सफलता है। पर दूसरी तरफ… ये सोचने पर मजबूर कर देती है कि आतंकवाद का ये सिलसिला कब थमेगा? शायद इसका एक ही जवाब है – जागरूकता। क्योंकि जब तक हम सतर्क नहीं रहेंगे, तब तक ऐसे खतरे हमारे सिर पर मंडराते रहेंगे। सच कहूं तो ये लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। बस एक राउंड जीता है हमने।
गुजरात ATS की बड़ी कामयाबी: जानिए वो सवाल जो आप पूछना चाहते हैं
अरे भाई, गुजरात ATS ने तो हाल ही में जो किया वो सच में तारीफ़ के काबिल है! लेकिन साथ ही कई सवाल भी उठ रहे हैं। तो चलिए, इन्हीं सवालों के जवाब ढूंढते हैं – बिल्कुल आसान भाषा में।
1. अलकायदा के इस ‘मास्टरमाइंड’ को ATS ने पकड़ा कैसे?
देखिए, ये कोई फिल्म वाला सीन तो नहीं था जैसे हम सोचते हैं। असल में, ATS ने महीनों की मेहनत की – intelligence sources, undercover ops, और God knows what else! एक तरह से कहें तो ये पहेली सुलझाने जैसा था। धीरे-धीरे सारे clues को जोड़ते हुए आखिरकार उन्होंने इस शख्स को पकड़ ही लिया। बात सिर्फ़ एक दिन की नहीं, पूरी टीम की लगन की है ये।
2. क्या सच में बड़ा हमला होने वाला था?
सुनकर डर लगता है, लेकिन हां – ATS के दावे को देखते हुए तो यही लगता है। Explosives मिले हैं, प्लानिंग के सबूत हैं… ये सब देखकर तो लगता है कि कुछ बड़ा अंजाम देने की तैयारी चल रही थी। गुजरात ही नहीं, शायद देश के और हिस्सों को भी निशाना बनाया जा सकता था। सोचकर ही रूह कांप जाती है!
3. ये ‘मास्टरमाइंड’ आखिर है कौन?
अभी तक पूरी डिटेल्स तो ATS ने शेयर नहीं की। लेकिन सूत्रों की मानें तो ये कोई नौसिखिया नहीं है। International connections, पहले के आतंकी मामलों में नाम… बस इतना ही कहा जा सकता है कि ये कोई छोटा मोटा खिलाड़ी नहीं है। जब पूरी जानकारी सामने आएगी, तब शायद हमें इसकी गंभीरता का अंदाजा होगा।
4. इस सफलता से हम आम लोगों को क्या फायदा?
सीधी सी बात है भाई – हम सबकी सुरक्षा! सोचिए अगर ये हमला हो जाता तो? न जाने कितने निर्दोष लोगों की जानें जा सकती थीं। ATS की इस कार्रवाई ने न सिर्फ़ एक बड़े खतरे को टाला है, बल्कि ये देश के लिए एक मैसेज भी है कि हमारी एजेंसियां जाग रही हैं। थोड़ी राहत की सांस तो ली ही जा सकती है।
तो ये थी पूरी कहानी… क्या सोचते हैं आप इस मामले के बारे में? कमेंट में बताइएगा जरूर!
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com