गुजरात प्लेन क्रैश: DNA टेस्टिंग के बाद 260 लाशों की पहचान पूरी, पर सवाल बाकी
दोस्तों, कभी-कभी खबरें ऐसी होती हैं जो सुनकर ही दिल दहल जाता है। गुजरात का वो भीषण प्लेन क्रैश याद है ना? जिसमें 260 बेगुनाह लोगों की जान चली गई थी। अब खबर ये है कि आखिरकार सभी पीड़ितों की पहचान हो गई है। पर कैसे? असल में 254 केस में DNA प्रोफाइलिंग से काम चला, जबकि बाकी 6 लोगों को फेशियल रिकग्निशन से पहचाना गया। ये तकनीकें भले ही आजकल कॉमन हो गई हों, लेकिन इतने बड़े पैमाने पर इनका इस्तेमाल… सच कहूं तो हैरान कर देता है।
हादसा तो XX तारीख को ही हो गया था, जब सूरत के पास ये प्लेन आसमान से ज़मीन पर आ गिरा। पूरे 260 यात्री और क्रू मेंबर्स… एक पल में सब खत्म। भारत में हाल के सालों की ये सबसे बड़ी एविएशन त्रासदियों में से एक है। और मुश्किल ये थी कि पीड़ित अलग-अलग राज्यों से थे – जैसे कोई पहेली जिसके टुकड़े बिखरे पड़े हों। पहचान प्रक्रिया कोई आसान काम नहीं था, ये तो समझ आता है।
अब थोड़ा टेक्निकल चीज समझते हैं। DNA टेस्टिंग में परिजनों के सैंपल लिए गए और मैच किया गया। जहां DNA नहीं मिल पाया, वहां फेशियल रिकग्निशन तकनीक ने काम किया। अधिकारियों का कहना है कि ज्यादातर शव परिवारों को सौंप दिए गए हैं। लेकिन सवाल ये है कि क्या ये प्रक्रिया और तेज नहीं हो सकती थी? कुछ परिवार तो शिकायत कर ही रहे हैं।
गुजरात सरकार ने मुआवजे की घोषणा कर दी है – जो ठीक है। पर क्या पैसा किसी की जिंदगी की कीमत चुका सकता है? मुश्किल सवाल है। कुछ लोग अधिकारियों की तारीफ कर रहे हैं, तो कुछ का गुस्सा भी जायज है। विमानन एक्सपर्ट्स की राय? जांच होनी चाहिए, ताकि आगे ऐसा न हो। बिल्कुल सही बात।
अब क्या? तीन चीजों पर नजर है:
1. जांच रिपोर्ट – कारण पता चलेंगे
2. मुआवजा वितरण – जो शुरू होने वाला है
3. सेफ्टी नियम – कड़े होंगे या नहीं?
सच तो ये है कि ये हादसा हमें कई सवाल देकर गया है। DNA टेक्नोलॉजी अच्छी है, फेशियल रिकग्निशन बढ़िया… पर सबसे बड़ा सवाल तो ये है कि ऐसे हादसे होने ही क्यों दें? जांच का इंतज़ार है, पर उम्मीद भी। क्योंकि हर त्रासदी से सीखना ज़रूरी है। वरना…?
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गुजरात में हुआ वो प्लेन क्रैश… सच में, दिल दहला देने वाली घटना। अभी-अभी खबर आई है कि DNA प्रोफाइलिंग का काम पूरा हो गया है, और इससे 260 लोगों के निधन की पुष्टि हुई है। सोचिए, 260 जिंदगियां एक साथ चली गईं – यह सुनकर ही रूह कांप जाती है।
ये सिर्फ उन परिवारों के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ा झटका है। मेरा मानना है कि ऐसे वक्त में हम सबको एकजुट होकर इन परिवारों का साथ देना चाहिए। ईमानदारी से कहूं तो, ऐसी त्रासदियां हमें याद दिलाती हैं कि जिंदगी कितनी नाजुक होती है।
अब सवाल ये उठता है कि आगे क्या? असल में, इस पूरे मामले से जुड़ी हर जानकारी हम आप तक पहुंचाते रहेंगे। पर फिलहाल… बस इतना कहूंगा कि ईश्वर मृतकों की आत्मा को शांति दे, और जो लोग इस दर्द से गुजर रहे हैं, उन्हें इस हादसे को झेलने की ताकत दे।
Source: Hindustan Times – India News | Secondary News Source: Pulsivic.com