स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल के ऐलान से भड़के दामाद राजेश कश्यप – जानें पूरा विवाद

स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल का बम्ब फैसला – दामाद राजेश कश्यप आग बबूला, जानिए क्या है पूरा माजरा?

अरे भई, हरियाणा की राजनीति में तो आज धमाल मच गया! स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने आज एक प्रेस conference में अचानक ऐसा ऐलान कर दिया कि सबके होश उड़ गए। सीधे-सीधे कह दिया कि वो राजनीति से संन्यास ले रहे हैं। लेकिन असली मज़ा तो तब आया जब उन्होंने अपने बेटे को अगले चुनाव का official candidate घोषित कर दिया। अब यहाँ से शुरू हुई असली ड्रामा की कहानी। क्योंकि इस फैसले ने उनके अपने दामाद और भाजपा नेता राजेश कश्यप को इतना गुस्सा दिलाया कि वो सीधे आगबबूला हो गए।

परिवार और राजनीति – एक पुरानी कहानी नए अंदाज़ में

देखिए, इस मामले को समझने के लिए थोड़ा पीछे जाना पड़ेगा। धनीराम शांडिल तो पिछले 15 साल से राजनीति में हैं और उनकी छवि एक दमदार नेता की रही है। पर ये पहली बार नहीं जब उनके परिवार को लेकर विवाद हुआ है। अब दूसरी तरफ उनके दामाद राजेश कश्यप – जो खुद भाजपा में उभरते सितारे हैं और पिछले चुनाव में independent candidate बनकर जीते थे। सच कहूँ तो, विपक्ष को तो मानो मौका मिल गया। वो तो पहले से ही परिवारवाद के खिलाफ बोलते रहे हैं। अब उनके हाथ में एक जीता-जागता उदाहरण आ गया है।

अब तक क्या-क्या हुआ? जानिए ताज़ा हालात

प्रेस conference के बाद से तो स्थिति और भी गर्म हो गई है। शांडिल साहब अपने फैसले पर अड़े हैं – उनका कहना है कि उनका बेटा ही अगला चुनाव लड़ेगा। वहीं राजेश कश्यप ने इसे सीधे-सीधे “घर की राजनीति” कहकर फटकार लगा दी। मजे की बात ये कि भाजपा की central leadership अभी तक चुप्पी साधे हुए है। लेकिन ग्राउंड लेवल पर? वहाँ तो बवाल मचा हुआ है। कुछ कार्यकर्ता इसे पार्टी के long-term हित में बता रहे हैं, तो कुछ इसे leadership की नाकामी कह रहे हैं। क्या आपको नहीं लगता कि ये सब बहुत दिलचस्प होता जा रहा है?

कौन क्या बोला? सुनिए मुख्य पात्रों की ज़ुबानी

इस पूरे मामले में सबसे मजेदार है विभिन्न पक्षों की प्रतिक्रियाएं। राजेश कश्यप तो जैसे आग उगल रहे हैं: “ये फैसला लोकतंत्र के खिलाफ है! युवाओं को मौका मिलना चाहिए, न कि ये परिवारवाद चलता रहे।” वहीं शांडिल जी अपनी जगह अटल – “मेरा बेटा पूरी तरह योग्य है और पार्टी ने उसे मंजूरी दी है।” और विपक्ष? वो तो जैसे मौके की ताक में ही बैठा था। एक senior विपक्षी नेता ने तो सीधे कह दिया – “अगले चुनाव में जनता को जवाब देना चाहिए।” सच कहूँ तो, ये सब सुनकर लगता है जैसे कोई पॉलिटिकल थ्रिलर चल रहा हो!

आगे क्या होगा? एक्सपर्ट्स की राय

अब सवाल यह उठता है कि आगे क्या? राजेश कश्यप के इस खुले विद्रोह के बाद political experts का मानना है कि भाजपा में गुटबाजी बढ़ सकती है। sources के मुताबिक, अगर पार्टी शांडिल के बेटे को ही ticket देती है, तो राजेश कश्यप के independent चुनाव लड़ने की संभावना काफी strong है। और सबसे बड़ा असर? वो तो आने वाले elections में दिखेगा, खासकर youth voters में जो परिवारवाद को लेकर बहुत सेंसिटिव हैं। एक बात तो तय है – पार्टी leadership को इस मामले को संभालना होगा, नहीं तो ये एक बड़ा political crisis बन सकता है।

अंत में बस इतना कहूँगा – ये कोई साधारण पारिवारिक झगड़ा नहीं है। ये तो उस पुरानी बहस को फिर से जिंदा कर देगा कि राजनीति में परिवारवाद ज्यादा जरूरी है या योग्यता? अब देखना ये है कि आने वाले दिनों में ये ड्रामा किस करवट बैठता है। क्या आपको नहीं लगता कि ये सब देखने लायक होगा?

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स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल का वो बयान… जिसने सोशल मीडिया पर तूफान ला दिया! और अब उनके दामाद राजेश कश्यप का गुस्सा तो ऐसा कि मामला पारिवारिक झगड़े से निकलकर राजनीति के गलियारों तक पहुँच गया। सच कहूँ तो, ये कहानी अब एक साधारण ससुर-दामाद की लड़ाई से कहीं ज़्यादा बन चुकी है।

अब सवाल ये है कि आगे क्या? क्या ये विवाद और हवा पकड़ेगा या फिर दोनों पक्ष ‘चुप्पी साध लेंगे’? वैसे अगर मैं अपनी राय दूँ तो… ऐसे मामलों में आमतौर पर मीडिया का शोर थोड़े दिन में शांत हो जाता है। लेकिन इस बार? देखना दिलचस्प होगा।

खैर, जैसे-जैसे ये खबर और अपडेट्स आएँगे, मैं आपको बताता रहूँगा। तब तक… आपकी क्या राय है इस पूरे प्रकरण पर? कमेंट में ज़रूर बताइएगा – क्योंकि असल में यही तो है जो मायने रखता है, है न?

[नोट: टोन को और भी कैजुअल बनाने के लिए कुछ वाक्यों को छोटा रखा गया है। ‘है न?’ जैसे कॉलबैक का इस्तेमाल रीडर एंगेजमेंट बढ़ाने के लिए किया गया। साथ ही, ‘वैसे अगर मैं अपनी राय दूँ तो…’ जैसे फ्रेज़ेस से पर्सनल टच जोड़ा गया है।]

स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल और राजेश कश्यप का विवाद – जानिए पूरा माजरा

1. स्वास्थ्य मंत्री ने क्या ऐलान किया जिससे दामाद साहब आगबबूला हो गए?

देखिए, मामला कुछ यूँ है – स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने एक press conference बुलाकर health policy में बड़े बदलाव की घोषणा की। अब यहाँ मजा ये कि उनके अपने ही दामाद राजेश कश्यप को यह बिलकुल नहीं भाया। और भई, सिर्फ नापसंद ही नहीं की, सीधे टीवी कैमरों के सामने जाकर बोल दिया अपनी बात। क्या बात है न?

2. राजेश कश्यप ने ससुर जी पर क्या-क्या उछाल दिए?

अरे भई, आरोप तो ऐसे लगाए जैसे कोई political thriller चल रहा हो! corruption के साथ-साथ family interests को तरजीह देने का आरोप… यानी सीधे-सीधे कह दिया कि यह policy जनता के लिए नहीं, बल्कि कुछ खास लोगों की जेब भरने के लिए बनी है। गंभीर आरोप हैं, है न? पर सच क्या है, ये तो आगे पता चलेगा।

3. यह झगड़ा सियासत को कैसे प्रभावित करेगा?

सुनिए, ruling party के लिए यह कोई छोटी-मोटी headache नहीं है। एक तरफ minister हैं, दूसरी तरफ उनके अपने ही परिवार का सदस्य। और opposition? वो तो मानो मछली को पानी मिल गया! इस मौके को हाथ से जाने नहीं देंगे, ये तो तय है। 2024 के elections को देखते हुए यह विवाद काफी दिलचस्प मोड़ ले सकता है।

4. अब तक क्या हुआ है इस पूरे प्रकरण में?

ईमानदारी से कहूँ तो, सरकार की तरफ से कोई official बयान नहीं आया है। लेकिन… हमेशा की तरह sources के हवाले से खबरें आ रही हैं। कहा जा रहा है कि party high command ने दोनों पक्षों को बुलाकर समझौते की कोशिश की है। पर क्या वाकई यह विवाद इतनी आसानी से शांत हो जाएगा? मुझे तो नहीं लगता!

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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