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कोस्ट गार्ड के हीरो: जानलेवा नाव दुर्घटनाओं से लेकर फंसे शिकारियों तक की दिल दहला देने वाली कहानियाँ

कोस्ट गार्ड के हीरो: जब जान बचाना सिर्फ ड्यूटी नहीं, जुनून बन जाता है

अरे भाई, कभी सोचा है कि हमारे कोस्ट गार्ड जवानों की ज़िन्दगी कैसी होती होगी? एक तरफ तो समुद्र की खूबसूरती, दूसरी तरफ उसका रौद्र रूप। पिछले कुछ महीनों में इन लोगों ने जो कारनामे किए हैं, सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। मछुआरों को बचाना हो या फिर चक्रवात के बीच फंसे पर्यटकों को निकालना – ये लोग हर मुश्किल में जान हथेली पर लेकर दौड़ पड़ते हैं। और सच कहूं तो, ये सिर्फ उनकी ड्यूटी नहीं, एक जुनून बन चुका है।

पीछे की कहानी: समंदर के रखवाले कैसे बने?

देखिए, 1978 में जब कोस्ट गार्ड बना था, तब शायद ही किसी ने सोचा होगा कि यह फोर्स इतनी बड़ी ज़िम्मेदारी उठाएगी। असल में तो ये समुद्री सीमाओं की निगरानी के लिए बना था। लेकिन आज? ये SAR (Search and Rescue) ऑपरेशन्स में दुनिया भर में नाम कमा चुके हैं। हालांकि, एक कड़वी सच्चाई यह भी है कि अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में हादसे लगातार बढ़ रहे हैं। शायद जलवायु परिवर्तन का असर या फिर मछली पकड़ने के नए-नए तरीके। पर कोस्ट गार्ड? वो तो हर चुनौती के लिए तैयार रहता है – चाहे उन्नत हेलीकॉप्टर हों या फिर रातों-रात जवाब देने वाले जहाज़।

हालिया वाकये: जब मिनटों ने फर्क किया

अभी पिछले महीने की बात है – गुजरात के तट पर एक नाव डूब रही थी। 12 मछुआरे, जिनके लिए हर लहर मौत का संदेशा लेकर आ रही थी। लेकिन कोस्ट गार्ड का एक हेलीकॉप्टर? उसने न सिर्फ उन्हें देखा, बल्कि ऐसा रेस्क्यू ऑपरेशन किया कि Hollywood movies भी फेल हो जाएं! और केरल का मामला? वहां तो ज्वार भाटे में फंसे शिकारियों को रस्सियों से निकाला गया। सच में, ये वो कहानियां हैं जो अखबारों के पन्नों से निकलकर दिलों में उतर जाती हैं।

लोग क्या कह रहे?

एक बचाया गया मछुआरा तो भावुक होकर बोला, “भैया, जब लहरें नाव को निगल रही थीं, तब कोस्ट गार्ड वाले हमारे लिए भगवान से कम नहीं थे।” वहीं एक अधिकारी ने मुझे बताया, “हमारी ट्रेनिंग में ही यह डाल दिया जाता है – पहले दूसरे की जान, फिर अपनी सुरक्षा।” और सरकार? उन्होंने तो इन हीरोज को और संसाधन देने का वादा कर दिया। शायद यही वजह है कि आज यह फोर्स दुनिया भर में मिसाल बन चुकी है।

आगे का रास्ता: टेक्नोलॉजी और ट्रेनिंग

तो अब सवाल यह उठता है – आगे क्या? कोस्ट गार्ड ड्रोन्स और AI surveillance पर काम कर रहा है। मतलब अब तो समंदर की हर हलचल पर नज़र रखी जा सकेगी। पर साथ ही, मछुआरों को भी सुरक्षा के गुर सिखाए जा रहे हैं। क्योंकि भई, prevention हमेशा cure से बेहतर होता है न? एक दिलचस्प बात – अब तो international waters में भी भारतीय कोस्ट गार्ड की धाक जमने लगी है। समुद्री डाकुओं से निपटने से लेकर oil spills रोकने तक, ये लोग हर मोर्चे पर फ़तेह हासिल कर रहे हैं।

अंत में सिर्फ इतना कहूंगा – जब भी आप समुद्र की सुंदरता देखें, याद रखिए कि उसकी रखवाली करने वाले कुछ अनाम हीरो भी हैं। जो न सिर्फ हमारी सुरक्षा करते हैं, बल्कि मुश्किल घड़ी में उम्मीद की किरण भी बनकर आते हैं। सचमुच।

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समंदर का रखवाला: कोस्ट गार्ड का काम कितना खतरनाक हो सकता है?

देखिए, कोस्ट गार्ड वालों का काम सिर्फ वर्दी पहनकर घूमना नहीं है। असल में ये लोग दिन-रात हमारे समुद्रों की सुरक्षा और मुसीबत में फंसे लोगों को बचाने का काम करते हैं। और ये काम? बिल्कुल आसान नहीं। क्योंकि इन्हें कभी तूफान का सामना करना पड़ता है, तो कभी डूबती नावों से लोगों को निकालना होता है। और हां, कभी-कभी तो समुद्री डाकुओं से भी deal करनी पड़ जाती है। सच कहूं तो ये नौकरी नहीं, जुनून है।

वो मिशन जिन्हें याद करके आज भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं

अरे भाई, कोस्ट गार्ड वालों ने तो कमाल ही कर दिया है कभी-कभी! 2013 में cyclone ‘फैलिन’ के समय सोचो – हजार से ज्यादा लोगों की जान बचाई। 2020 में ONGC के ऑयल रिग पर फंसे मजदूरों को निकाला। और तो और, रोज़-रोज़ मछुआरों को rough seas से सुरक्षित निकालते हैं। मतलब ये लोग असली हीरो हैं, जिनके बारे में हम ज्यादा बात नहीं करते।

क्या हमारा कोस्ट गार्ड सिर्फ भारत तक सीमित है?

अच्छा सवाल पूछा! बिल्कुल नहीं। हमारा कोस्ट गार्ड international level पर भी कमाल दिखाता है। खासकर piracy के खिलाफ तो ये लगातार active रहते हैं। Indian Ocean Region में anti-piracy patrols चलाते हैं, और दूसरे देशों के coast guards के साथ मिलकर training भी करते हैं। एक तरह से देखा जाए तो ये हमारे देश का समुद्री चेहरा हैं।

कोस्ट गार्ड में जॉइन करना है? ये रही पूरी जानकारी

तो अगर आप भी इन बहादुरों की टीम का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो ध्यान दीजिए। 12th पास तो होना ही चाहिए (science वालों को थोड़ा फायदा मिलता है)। लेकिन सिर्फ डिग्री काफी नहीं – physical fitness, swimming skills और height/weight का भी ख्याल रखना पड़ता है। ईमानदारी से कहूं तो ये आसान नहीं, लेकिन नामुमकिन भी नहीं। पूरी details के लिए official website – indiancoastguard.gov.in पर जरूर visit करें। वैसे, तैयारी शुरू कर दी आपने?

Source: NY Post – US News | Secondary News Source: Pulsivic.com

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