hisar girl death protest asi injured hospital stoned 20250731075405982563

हिसार में युवती की मौत पर भड़की भीड़: ASI समेत 2 घायल, अस्पताल पर पथराव

हिसार में युवती की मौत: क्या drug overdose था सच, या फिर कोई और सच्चाई छुपी है?

हरियाणा का हिसार शहर आज एक बार फिर सुर्खियों में है। शुक्रवार को एक युवती की रहस्यमय मौत के बाद स्थिति इतनी बिगड़ी कि ASI समेत दो पुलिसवाले घायल हो गए। सच कहूं तो, अस्पताल पर पथराव और पुलिस वाहनों को निशाना बनाने वाली ये तस्वीरें देखकर दिल दहल जाता है।

क्या हुआ था असल में? जब युवती का शव एंबुलेंस में ले जाया जा रहा था, तभी स्थानीय लोगों का एक समूह आक्रोशित होकर जमा हो गया। पुलिस का कहना है कि मौत drug overdose से हुई, लेकिन यहां के लोगों को लग रहा है कि कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ है। और सच मानिए, उनके संदेह में दम भी लगता है।

क्या है पूरा मामला?

अभी तक तो लड़की की पहचान सार्वजनिक नहीं हुई है, पर स्थानीय लोग बताते हैं कि वह इसी इलाके की रहने वाली थी। मामला तब और गंभीर हो जाता है जब पता चलता है कि पिछले छह महीनों से हिसार drug smuggling के मामलों में अच्छा-खासा ‘फेमस’ हो रहा है।

यहां के लोगों का आरोप साफ है – पुलिस ने मामले को हल्के में लिया। और अब जब हालात बिगड़े, तो लाठीचार्ज और गिरफ्तारियां हो रही हैं। एक तरफ तो drug mafia फल-फूल रही है, दूसरी तरफ आम लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। क्या यही है हमारी व्यवस्था?

कैसे भड़की हिंसा?

घटनास्थल से मिली जानकारी के मुताबिक, सब कुछ बहुत तेजी से हुआ। एक पल तो शव ले जाया जा रहा था, अगले ही पल भीड़ ने पुलिस वाहनों को घेर लिया। शीशे टूटे, पत्थरबाजी हुई, और तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। सच कहूं तो, ये नज़ारा किसी फिल्म से कम नहीं था।

पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, कई लोगों को हिरासत में लिया गया। पर सवाल यह है कि क्या यही समाधान है? जब तक drug mafia पर अंकुश नहीं लगेगा, तब तक ऐसी घटनाएं होती रहेंगी।

क्या कह रहे हैं लोग?

पुलिस प्रवक्ता का बयान तो वही पुराना राग है – “जांच चल रही है, कार्रवाई होगी।” लेकिन असली दर्द तो मृतका के परिवार की आवाज़ में सुनाई देता है, जो अनाम रहने की शर्त पर कहते हैं: “हमें पूरा यकीन है कि मौत की असली वजह कुछ और है।”

स्थानीय नेता भी मौके का फायदा उठा रहे हैं। उनका कहना है कि drug माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। पर सवाल यह है कि ये सख्ती कब दिखाई देगी?

अब आगे क्या?

पुलिस के सामने अब दोहरी चुनौती है – एक तरफ मौत की असली वजह पता करनी है, दूसरी तरफ हिंसा में शामिल लोगों को पकड़ना है। राजनीति भी गरमाने लगी है, क्योंकि विपक्ष सरकार पर drug mafia को संरक्षण देने का आरोप लगाने को तैयार बैठा है।

हिसार में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात हो सकता है। पर क्या यह काफी है? जब तक drug abuse के खिलाफ जमीनी स्तर पर awareness नहीं बढ़ेगा, तब तक ऐसी घटनाएं रुकने वाली नहीं हैं।

हम मामले पर नजर बनाए हुए हैं। जैसे ही कोई नई जानकारी मिलेगी, आप तक पहुंचा देंगे। फिलहाल तो बस इतना ही – सच जो भी हो, एक युवा जान चुकी है, और यह सवाल हमेशा के लिए अनुत्तरित रह जाएगा कि क्या उसकी मौत रोकी जा सकती थी?

यह भी पढ़ें:

हिसार में युवती की मौत और हिंसा: सच क्या है और क्या हो रहा है?

हिसार में युवती की मौत – क्या सच में कुछ छुपाया जा रहा है?

देखिए, official reports तो यही कह रही हैं कि अभी मौत का सही कारण पता नहीं चला है। लेकिन सवाल यह है कि फिर local sources क्यों दावा कर रहे हैं कि यह suicide या फिर कोई foul play हो सकता है? Police investigation चल रही है, पर क्या वाकई सच सामने आएगा? ईमानदारी से कहूं तो, ऐसे मामलों में हमेशा कुछ न कुछ छुपाया जाता है। सच्चाई? शायद वक्त ही बताएगा।

भीड़ का हिंसक विरोध – गुस्सा या फिर सिस्टम के खिलाफ आवाज?

असल में बात यह है कि लोगों का गुस्सा सिर्फ इस मौत पर नहीं था। Local reports बताते हैं कि लोगों को लगा police ने proper action नहीं लिया। और सच कहूं तो, यह गुस्सा जायज भी लगता है। लेकिन क्या hospital पर stones फेंकना और ASI समेत दो लोगों को injured करना सही था? एक तरफ तो गुस्सा, दूसरी तरफ हिंसा। कहां जाएं अब?

Police की भूमिका – क्या वाकई उन्होंने अपना काम किया?

यहां सच्चाई थोड़ी कड़वी है। हां, police ने situation control करने की कोशिश की, लेकिन क्या यह कोशिश काफी थी? ASI के injured होने से तो लगता है कि भीड़ बेकाबू हो गई थी। अब investigation शुरू हुई है और कुछ suspects को पकड़ा भी गया है। पर सवाल यह है कि क्या सिर्फ कुछ लोगों को पकड़ लेने से सच सामने आ जाएगा?

हिसार में अभी क्या हालात हैं? क्या सब कुछ सामान्य हो गया है?

Officially तो हालात under control हैं। Additional forces deploy की गई हैं, strict monitoring चल रही है। Administration ने शांति की appeal भी की है। लेकिन सच पूछो तो, क्या सिर्फ police के बल पर शांति बनाई जा सकती है? लोगों का भरोसा जब तक नहीं जीता जाता, तनाव तो रहेगा ही। एकदम साफ बात।

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

More From Author

dhankhar bulletproof bmw vs govt innova february controversy 20250731072839573483

“धनखड़ की बुलेटप्रूफ BMW मांग vs सरकार का इनोवा जवाब – फरवरी का विवादित मामला!”

leopard attack mewat cow killed terror 20250731080546388253

** “मेवात में तेंदुए का आतंक! 10 दिन में दूसरी बार गाय को बनाया शिकार, ग्रामीणों में दहशत”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Comments