7 हजार का प्लेन और हजारों की भीड़: बिहार के इस लड़के ने कर दिया कमाल!
अरे भई, कभी-कभी ऐसी खबरें सुनने को मिलती हैं जो दिल को छू जाती हैं। बिहार के मुजफ्फरपुर से एक ऐसी ही कहानी आई है जो साबित करती है कि जुनून के आगे पैसा और संसाधन फीके पड़ जाते हैं। अवनीश नाम के एक युवा ने वो कर दिखाया जिसके बारे में हम सिर्फ फिल्मों में देखते हैं – कबाड़ से जुगाड़ करके 7,000 रुपये में ही प्लेन बना डाला! और सबसे मजेदार बात? वो उसमें बैठकर उड़ भी गया! सोशल मीडिया पर तो मानो तूफान आ गया, लोगों की भीड़ उसे देखने के लिए जुट गई।
अब सवाल ये उठता है कि आखिर ये अवनीश है कौन? देखिए, ये कोई IIT का छात्र नहीं है, न ही किसी अमीर घर का लड़का। एकदम साधारण परिवार से है, लेकिन बचपन से हीरो नहीं, हवाई जहाजों का दीवाना था। और यहां मजा आ गया – बिना किसी formal training के, बस YouTube और internet की मदद से इसने वो कर दिखाया जो बड़े-बड़े इंजीनियर सोचकर डर जाते हैं। पुराने स्कूटर के पुर्जे, लकड़ी, और घर के कबाड़ से जैसे-तैसे ये प्लेन तैयार किया। सच कहूं तो, ये उसकी मेहनत से ज्यादा उसके जुनून की कहानी है।
और फिर वो ऐतिहासिक पल आया जब इसने अपने बनाए प्लेन में बैठकर उड़ान भरी। 15-20 फीट तक ही सही, लेकिन ये तो सिर्फ शुरुआत है न! लोगों ने मोबाइल से वीडियो बनाया और फिर क्या था, पूरा इंटरनेट इसके पीछे पागल हो गया। अवनीश तो अब और बेहतर मॉडल बनाने की बात कर रहा है। सोचिए, अगर इसे थोड़ा सपोर्ट मिल जाए तो ये क्या-क्या कर सकता है!
इस कहानी ने तो पूरे देश का ध्यान खींच लिया है। लोग इसे “बिहार का Wright Brothers” तक कहने लगे हैं। सोशल मीडिया पर तारीफों के पुल बंध रहे हैं – कोई कह रहा है “देसी इनोवेशन”, कोई बोल रहा है “जज्बे को सलाम”। हालांकि कुछ लोग safety को लेकर चिंता जता रहे हैं। पर यार, इनोवेशन में risk तो होता ही है न?
अब बड़ा सवाल ये है कि आगे क्या? अवनीश को सही मार्गदर्शन मिले, proper resources मिलें, तो ये लड़का एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में कमाल कर सकता है। सरकार को चाहिए कि ऐसे talent को सपोर्ट करे। वैसे भी, हमारे गांवों-कस्बों में ऐसे कितने ही अवनीश छुपे होंगे जिन्हें बस एक मौके की तलाश है।
सच कहूं तो, अवनीश की ये कहानी सिर्फ एक प्लेन की नहीं, हौसलों की उड़ान की कहानी है। जब दिल में जुनून हो और हाथों में हुनर, तो 7 हजार रुपये भी 7 करोड़ से बड़े हो जाते हैं। क्या पता, आने वाले दिनों में हम बिहार के इस लड़के को बड़े-बड़े एयरपोर्ट्स में देखें!
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1. ये अनोखा प्लेन किसने बनाया? और कितना खर्च आया?
देखिए, ये किसी बड़ी कंपनी का तो काम नहीं है। एक साधारण सा local innovator है जिसने अपने दम पर ये कमाल कर दिखाया। और सुनिए – पूरा खर्च सिर्फ 7 हजार रुपये! है न कमाल की बात? जी हाँ, ये एक DIY project था जिसमें बेसिक और low-cost materials का इस्तेमाल हुआ। सोचिए, कितनी साधारण चीजों से कितना बड़ा काम हो सकता है!
2. सच में उड़ा या सिर्फ दिखावा? असलियत जानिए
अरे भई, सवाल तो जायज है! लेकिन हाँ, ये प्लेन सच में उड़ा। और वो भी इतना अच्छा कि इसका video social media पर तहलका मचा दिया। हालाँकि, इसे लेकर illusions न पालें – ये एक छोटा सा small-scale prototype था। बस कुछ meters की short distance flight के लिए test किया गया। लेकिन फिर भी, achievement तो achievement है न?
3. कानूनी पहलू: क्या ऐसे experiments करना सही है?
अब यहाँ थोड़ा serious बात कर लेते हैं। DGCA (Directorate General of Civil Aviation) के rules के मुताबिक, ऐसे experiments के लिए permission लेना जरूरी होता है। Safety guidelines को ignore करके अगर कोई ऐसा करे, तो ये पूरी तरह illegal हो सकता है। सच कहूँ तो, innovation अच्छी बात है, लेकिन safety पहले!
4. क्या भविष्य में commercial flights देखने को मिलेंगे?
ईमानदारी से? अभी तो ये सिर्फ एक prototype है जिसने सबको हैरान कर दिया। Commercial use की बात करें तो… देखिए, अभी बहुत कुछ करना बाकी है – rigorous tests, major modifications और सबसे important – proper certifications। पर कौन जाने, शायद ये छोटी सी शुरुआत कल बड़े बदलाव की वजह बन जाए! आखिर हर बड़ी उड़ान की शुरुआत तो एक छोटे से कदम से ही होती है।
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com