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हापुड़ में भीषण हादसा: स्विमिंग पूल से लौटते समय ट्रक ने बाइक को मारी टक्कर, 5 की दर्दनाक मौत – 4 मासूम शामिल

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हापुड़ का वो दर्दनाक हादसा: जब एक ट्रक ने छीन लीं 5 ज़िंदगियां, और 4 थे मासूम बच्चे

कभी-कभी जिंदगी इतनी बेरहम हो जाती है कि सांसें अटक जाती हैं। हापुड़ में हुआ ये हादसा ऐसा ही है। बुलंदशहर-हापुड़ रोड पर एक ट्रक ने बाइक सवार परिवार को जोर से टक्कर मारी… और बस? पांच लोगों की जान चली गई। सबसे दर्दनाक बात? इनमें से चार तो मासूम बच्चे थे – 8 से 12 साल की उम्र के बीच। ये सभी local swimming pool से लौट रहे थे, जहां शायद गर्मी से राहत पाने गए थे। परिवार के मुखिया दानिश (35) की भी मौत हो गई। सोचिए, एक पल में पूरा परिवार तबाह हो गया। और हम? हम अब भी सड़क सुरक्षा पर बात करते रह जाते हैं।

वो कुख्यात रोड जहां हर दिन जान जाती है

असल में ये कोई नई बात नहीं। बुलंदशहर-हापुड़ रोड तो लंबे समय से ‘मौत का रास्ता’ बना हुआ है। heavy traffic, बिना सिर-पैर के दौड़ते ट्रक, और ना के बराबर speed breakers – ये तो रोज़ का नज़ारा है। स्थानीय लोग कहते हैं कि यहां हर महीने कोई न कोई हादसा होता रहता है। दानिश तो वैसे भी सतर्क ड्राइवर थे, लेकिन जब ट्रक वाला ही पागलों की तरह गाड़ी चलाएगा, तो क्या होगा? सवाल तो ये है कि आखिर कब तक हम ऐसी लापरवाही बर्दाश्त करते रहेंगे?

अब तक क्या हुआ? ट्रक ड्राइवर फरार, वीडियो हुआ वायरल

सबसे गुस्सा दिलाने वाली बात? ट्रक ड्राइवर तो फरार हो गया! हालांकि वाहन का registration number पुलिस के पास है। वायरल हुए video में साफ देखा जा सकता है – ट्रक किस रफ्तार से आ रहा था। बाइक को कुचलते हुए… बस एक पल की बात थी। सभी शवों का postmortem हो रहा है, लेकिन क्या इससे कुछ बदलेगा? पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है, पर क्या सजा मिलेगी? ये तो वक्त ही बताएगा।

रोने-धोने से क्या होगा? प्रशासन की ‘औपचारिक’ प्रतिक्रिया

हर बार की तरह इस बार भी नेताओं ने ‘गहरा दुख’ जताया है। मुआवजे का वादा किया है। यातायात विभाग वाले speed cameras लगाने की बात कर रहे हैं। लेकिन सच पूछो तो? ये सब खानापूर्ति लगती है। दानिश के परिवार वाले सही कह रहे हैं – अगर पहले से ही सख्त नियम होते, तो शायद आज ये दिन न देखना पड़ता।

क्या सच में कुछ बदलेगा? या फिर यूं ही चलता रहेगा?

सवाल तो ये है कि क्या इस घटना के बाद कुछ बदलेगा? speed breakers बनेंगे? ट्रक वालों पर नकेल कसी जाएगी? या फिर कुछ दिन बातें होंगी और फिर सब भूल जाएंगे? मुझे तो लगता है, जब तक हम खुद जागरूक नहीं होंगे, तब तक ऐसे हादसे होते रहेंगे। चार मासूम बच्चों की जान… क्या ये किसी सबक से कम है? सच कहूं तो, आज रात मैं अपने बच्चों को थोड़ा ज्यादा टाइट हग करके सुलाऊंगा।

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Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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