Site icon surkhiya.com

“बॉलीवुड एक्ट्रेस हुमा कुरैशी के चचेरे भाई की दिल्ली में हत्या – पार्किंग विवाद में झगड़े का खौफनाक अंजाम”

huma qureshi cousin murder delhi parking dispute 20250808035220489375

बॉलीवुड एक्ट्रेस हुमा कुरैशी के चचेरे भाई की दिल्ली में हत्या – पार्किंग विवाद का खौफनाक अंजाम

क्या आपने कभी सोचा था कि एक साधारण सी पार्किंग की झगड़ा किसी की जान ले सकता है? गुरुवार की रात दिल्ली के निजामुद्दीन में यही हुआ। बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री हुमा कुरैशी के चचेरे भाई आसिफ कुरैशी की जान चली गई – और वो भी सिर्फ एक स्कूटी को लेकर हुए विवाद में। जंगपुरा भोगल बाजार लेन में हुई यह घटना इतनी भयावह थी कि पूरा इलाका अभी भी सदमे में है। सोचिए, कैसे एक रोज़मर्रा की बहस इतनी खतरनाक हो सकती है?

पार्किंग विवाद जो बन गया जानलेवा

आसिफ कुरैशी, उम्र सिर्फ 30 साल, एक private company में काम करते थे। परिवार वालों के मुताबिक, पड़ोसियों के साथ पार्किंग को लेकर उनका पुराना रंजिश चल रहा था। लेकिन किसे पता था कि गुरुवार रात स्कूटी को गेट से हटाने की कोशिश उनकी जिंदगी का आखिरी काम होगा? देखते ही देखते मामूली झगड़ा खून-खराबे में बदल गया। और सबसे डरावनी बात? हमलावरों ने धारदार हथियार का इस्तेमाल किया। बस, इतना ही काफी था एक जान लेने के लिए।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई और गिरफ्तारियां

अच्छी खबर ये कि दिल्ली पुलिस ने तुरंत दो आरोपियों को पकड़ लिया। मेडिकल रिपोर्ट पढ़कर तो रूह कांप जाती है – सिर और शरीर पर इतने ज़ख्म कि बचना नामुमकिन था। पुलिस का कहना है कि यह कोई आकस्मिक हमला नहीं, बल्कि सोचा-समझा अपराध था। और हैरानी की बात? अभी और गिरफ्तारियां होने वाली हैं। मतलब साफ है – ये केस इतना आसान नहीं जितना लग रहा है।

परिवार का दर्द और सामाजिक प्रतिक्रियाएं

हुमा कुरैशी का परिवार तो जैसे टूट ही चुका है। ‘दिल दहला देने वाला’ – ये शब्द भी शायद उनके दर्द को पूरी तरह बयां नहीं कर पाते। इलाके के लोगों की बात करें तो, हालांकि यहां पार्किंग को लेकर लड़ाई-झगड़े आम बात है, लेकिन इस बार तो हद ही हो गई। एक resident (जिसने नाम न छापने की शर्त पर बात की) ने कहा – “यहां तो रोज़ ही parking को लेकर तकरार होती है… पर आज तक किसी ने किसी की जान नहीं ली थी।” सच में, ये बात सोचने पर मजबूर कर देती है – क्या हम इतने बर्बर हो गए हैं?

भविष्य की दिशा और प्रशासनिक कार्रवाई

अब पुलिस ने निजामुद्दीन में सुरक्षा बढ़ाने के साथ-साथ नए parking guidelines भी जारी किए हैं। परिवार वकीलों से बातचीत कर रहा है, और पुलिस जांच में जुटी है। लेकिन असल सवाल ये है – क्या ये सब पर्याप्त है? ये घटना तो बस एक चेतावनी है उन सैकड़ों छोटे-मोटे विवादों की जो रोज़ होते हैं। क्या हमारे शहर इतने असुरक्षित हो गए हैं कि एक स्कूटी की वजह से इंसान इंसान की जान ले ले?

अंत में बस इतना कहूंगा – आसिफ कुरैशी की मौत सिर्फ एक परिवार का नुकसान नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक सवाल है। जब तक हम छोटी-छोटी बातों पर खून-खराबा करना बंद नहीं करेंगे, ऐसी घटनाएं होती रहेंगी। और हाँ, पुलिस एक्शन तो ठीक है, लेकिन क्या हम अपनी सोच पर भी कुछ एक्शन लेंगे?

यह भी पढ़ें:

Source: Aaj Tak – Home | Secondary News Source: Pulsivic.com

Exit mobile version