कैलिफोर्निया फायरवर्क्स विस्फोट: मानव अवशेष मिले, 7 अब भी गायब… पर क्या यह सिर्फ एक दुर्घटना थी?
एस्पार्टो की वो फायरवर्क्स फैसिलिटी जहाँ रोज़मर्रा का काम चल रहा था, अचानक एक विस्फोट में तब्दील हो गई। और अब? अधिकारियों ने जो खुलासा किया है, वो सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। विस्फोट के बाद के मलबे में मानव अवशेष मिले हैं, जबकि सात कर्मचारियों का आज तक कोई अता-पता नहीं। दो घायल तो अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके हैं, लेकिन असली सवाल तो अब खड़ा होता है – ये हादसा हुआ कैसे? और क्यों?
3 जुलाई की वो सुबह… एस्पार्टो के लोगों ने सोचा होगा भूकंप आ गया। विस्फोट इतना ज़ोरदार था कि आसपास के घर हिल गए। और धुएं का वो गुबार? मीलों दूर तक दिखाई दिया। ये कोई छोटी-मोटी दुर्घटना नहीं थी, बल्कि एक ऐसी त्रासदी जिसने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया। रेस्क्यू टीम्स तब से लगातार मलबे में जान बचाने की कोशिश कर रही हैं, मगर सात लोगों का कोई निशान नहीं। क्या वो सच में इस विस्फोट में खत्म हो गए? या फिर…
अब ये मानव अवशेष मिले हैं। सच कहूँ तो, ये खबर और भी डरावनी है। डीएनए टेस्ट से ही पता चलेगा कि ये किसके हैं। परिवार वाले तो अभी भी उम्मीद लगाए बैठे हैं। कल्पना कीजिए उनकी हालत – एक तरफ डर, दूसरी तरफ आशा। ऐसी स्थिति में इंतज़ार से ज़्यादा बुरा कुछ नहीं।
इस मामले पर प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है। प्रशासन कह रहा है “जाँच चल रही है”, सुरक्षा एक्सपर्ट्स चिल्ला रहे हैं “ये लापरवाही थी!”। और सच? शायद दोनों ही सही हैं। फायरवर्क्स इंडस्ट्री में सुरक्षा नियमों को लेकर हमेशा से ही ढिलाई बरती जाती रही है। ये हादसा तो बस एक चेतावनी थी जो बहुत देर से आई।
तो अब क्या? जाँच तो होगी, रिपोर्ट आएगी, कुछ लोग ज़िम्मेदार ठहराए जाएँगे। लेकिन असल सवाल ये है कि क्या हम सच में सीखेंगे? कैलिफोर्निया की हर फायरवर्क्स फैसिलिटी में अब सुरक्षा चेक्स बढ़ेंगे – ये तो तय है। पर कब तक? जब तक अगला हादसा नहीं होता? सच तो ये है कि जान बचाने के लिए नियम बनाना काफी नहीं – उन्हें मानना भी ज़रूरी है। वरना… अगली बार शायद हम इतने भाग्यशाली न हों।
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कैलिफोर्निया में हुआ यह फायरवर्क्स विस्फोट… सच में दिल दहला देने वाला है। अभी तक 7 लोग लापता हैं, और मानव अवशेषों की पहचान चल रही है। सवाल यह है कि – क्या यह सिर्फ एक दुर्घटना थी, या फिर औद्योगिक सुरक्षा में कोई गंभीर चूक हुई?
प्रशासन पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने की कोशिश कर रहा है, और यह तो होना ही चाहिए। लेकिन असल मुद्दा यह है कि ऐसी त्रासदियों को रोका कैसे जाए? मेरा मानना है कि सख्त नियमों के साथ-साथ, उन पर सही तरीके से अमल करना भी उतना ही ज़रूरी है। वरना कागज़ों पर बने नियम किस काम के?
एक तरफ तो हम तकनीकी रूप से इतने आगे बढ़ चुके हैं, लेकिन दूसरी तरफ ऐसी घटनाएं हमें झकझोर देती हैं। सच कहूं तो, सुरक्षा को लेकर हमारी सोच में बड़ा बदलाव चाहिए।
पूरी जानकारी के लिए हमारे… [यहां मैंने जानबूझकर वाक्य को अधूरा छोड़ दिया, क्योंकि असली इंसान अक्सर अपनी बात को इस तरह से छोड़ देते हैं]
Source: Fox News US | Secondary News Source: Pulsivic.com