7वीं क्लास से ही नाम के आगे ‘IAS’ लिखते थे ये शख्स, 21 की उम्र में UPSC क्रैक करके बने महाराष्ट्र के मुख्य सचिव!
अक्सर हम बचपन में कुछ न कुछ बनने की ख्वाहिश रखते हैं, लेकिन कितने लोग हैं जो उसे पूरा कर पाते हैं? राजेश कुमार मीणा की कहानी तो किसी फिल्मी प्लॉट जैसी लगती है। महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में इस राजस्थान के सवाई माधोपुर के लड़के को राज्य का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया है। और ये कोई आम नियुक्ति नहीं है, बल्कि एक ऐसी सफलता की कहानी है जो 7वीं क्लास से शुरू होती है। सोचिए, जब हम 7वीं में होते हैं तो क्या-क्या करते हैं? लेकिन ये शख्स तब से ही अपने नाम के आगे ‘IAS’ लिखने लगा था!
अब आप सोच रहे होंगे – क्या ये सच में हो सकता है? पर यकीन मानिए, राजेश मीणा की कहानी हौसले और जुनून की मिसाल है। सबसे हैरान करने वाली बात? इन्होंने महज 21 साल की उम्र में UPSC क्रैक कर लिया था! ये वो उम्र होती है जब ज्यादातर लोग कॉलेज की पार्टियों में व्यस्त रहते हैं। लेकिन इन्होंने तो कमाल ही कर दिया। और तो और, ये सिर्फ एक परीक्षा पास करने की कहानी नहीं है। 1988 बैच के इस आईएएस अधिकारी ने महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में अपनी छाप छोड़ी है।
अभी का सबसे बड़ा अपडेट? 1 जनवरी 2024 से ये महाराष्ट्र के मुख्य सचिव बनने जा रहे हैं। इससे पहले ये अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद पर थे। सुजाता सौनिक के रिटायरमेंट के बाद ये पद संभालेंगे। सच कहूं तो, ये नियुक्ति सिर्फ एक फॉर्मेलिटी नहीं, बल्कि उनके लंबे और शानदार करियर की मान्यता है।
इस नियुक्ति पर प्रतिक्रियाएं? एकदम ज़बरदस्त! महाराष्ट्र सरकार से लेकर उनके सहकर्मियों तक सभी इस फैसले को सही मान रहे हैं। और Social media पर तो ये कहानी आग की तरह फैल रही है। खासकर उन युवाओं के लिए जो छोटे शहरों या गांवों से आते हैं, ये कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं।
आगे क्या? अब देखना ये है कि राजेश मीणा के नेतृत्व में महाराष्ट्र प्रशासन कैसे नई ऊर्जा पाता है। ये नियुक्ति सिर्फ एक पद भर नहीं, बल्कि लाखों युवाओं के लिए एक संदेश है। खासकर उनके लिए जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखते हैं।
अंत में बस इतना कहूंगा – राजेश मीणा की कहानी साबित करती है कि अगर इरादे मजबूत हों तो कोई भी सपना बहुत बड़ा नहीं होता। 7वीं क्लास में जिस बच्चे ने अपने नाम के आगे ‘IAS’ लिखना शुरू किया था, आज वोी महाराष्ट्र का मुख्य सचिव बनने जा रहा है। सोचिए, अगर वो बचपन का सपना न देखता तो आज कहां होता? ये सच में सोचने वाली बात है, है न?
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Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com