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भारत के 3 बड़े दुश्मन और अमेरिका का क्वॉड फेल? हिंद-प्रशांत में क्या पक रहा है?

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भारत के 3 बड़े दुश्मन और अमेरिका का QUAD फेल? हिंद-प्रशांत में क्या पक रहा है?

अरे भाई, हिंद-प्रशांत इलाके में आजकल जो चल रहा है, वो किसी हॉलीवुड थ्रिलर से कम नहीं! एक तरफ अमेरिका की इंडो-पैसिफिक रणनीति है तो दूसरी तरफ चीन अपनी चालें चल रहा है। सच कहूं तो, QUAD बनाने का अमेरिका का मास्टरप्लान थोड़ा धराशायी होता दिख रहा है। वो भी तब, जब भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे दिग्गज साथ में हैं। लेकिन चीन ने तो जैसे ‘चेकमेट’ की तैयारी कर ली है – कूटनीति से लेकर सैन्य तैनाती तक, हर मोर्चे पर एक्टिव!

QUAD vs चीन: असली मुद्दा क्या है?

देखिए, QUAD का मकसद तो अच्छा था – “फ्री एंड ओपन इंडो-पैसिफिक” का नारा। पर सवाल यह है कि क्या यह सिर्फ नारा भर है? अमेरिका चाहता था कि चीन की बढ़ती दादागिरी को रोका जाए, लेकिन चीन ने इसे चुनौती समझकर और जोर-शोर से प्रतिक्रिया दी। बीजिंग वालों ने तो QUAD को ‘एशिया का खलनायक’ तक कह डाला! और फिर शुरू हुआ असली खेल – नए सैन्य अड्डे, आर्थिक लालच और राजनीतिक दबाव।

अब भारत की मुश्किल समझिए – एक तरफ चीन का दबाव, दूसरी तरफ पाकिस्तान की शरारतें, और ऊपर से रूस का चीन के साथ गठजोड़! ऐसा लगता है जैसे तीनों मिलकर भारत को घेरने की कोशिश कर रहे हैं। है न मुश्किल स्थिति?

ताजा हालात: आग में घी डालने जैसा

पिछले कुछ महीनों में तो हालात और भी गर्म हो गए हैं। चीन ने दक्षिण चीन सागर से लेकर हिंद महासागर तक अपनी नौसेना की गतिविधियां बढ़ा दी हैं। और तो और, छोटे-छोटे द्वीप देशों को अपने पाले में करने की कोशिशें भी तेज! मालदीव, श्रीलंका – सबको अपने जाल में फंसाने की कोशिश।

इस पर अमेरिका और QUAD देशों की प्रतिक्रिया? वो भी कम दिलचस्प नहीं! नई सैन्य साझेदारियां, साइबर सुरक्षा समझौते और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर। भारत ने भी अब खुलकर चीन-पाक के ‘दोस्ती के नाटक’ पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है।

दुनिया क्या कह रही है?

हर कोई अपनी-अपनी रोटी सेक रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्री का बयान तो बिल्कुल फिल्मी डायलॉग लगा – “QUAD शांति के लिए प्रतिबद्ध है!” वहीं चीन वालों ने इसे ‘झूठा गठबंधन’ बताकर फेंक दिया। उनका कहना है कि ये समूह तो सिर्फ लड़ाई-झगड़े बढ़ा रहा है।

भारतीय विशेषज्ञों की राय? सीधी-सी बात है – अब हमें अपनी सुरक्षा और कूटनीति दोनों को और मजबूत करना होगा। नहीं तो चीन-पाक-रूस का ये तिकड़म हमारे लिए मुसीबत बन सकता है।

आगे क्या? भविष्य की चुनौतियां

अगले कुछ सालों में हालात और भी तनावपूर्ण होने वाले हैं। QUAD देशों के बीच सहयोग बढ़ेगा, ये तय है। पर सवाल यह है कि क्या यह चीन की ‘स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स’ रणनीति का मुकाबला कर पाएगा?

भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी इस जटिल समीकरण में संतुलन बनाना। एक तरफ अमेरिका और यूरोप, दूसरी तरफ चीन-पाक-रूस का गठजोड़। ईमानदारी से कहूं तो, हमें अपनी चालें बहुत सोच-समझकर चलनी होंगी।

अंत में एक बात साफ है – हिंद-प्रशांत का ये खेल अभी लंबा चलने वाला है। और भारत को इस जंग में बहुत सतर्क रहना होगा। वरना… खैर, बाकी कहानी तो आने वाला वक्त ही बताएगा!

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1. भारत के 3 बड़े दुश्मन कौन हैं और क्यों?

असल में, अगर हम बात करें तो भारत के तीन मुख्य दुश्मनों में चीन, पाकिस्तान और आतंकवाद शामिल हैं। सच कहूं तो ये तिकड़ी हमारे लिए सिरदर्द बनी हुई है। चीन और पाकिस्तान तो पुराने दुश्मन हैं – एक तरफ चीन के साथ border disputes और trade tensions, तो दूसरी तरफ पाकिस्तान का terrorism को support करना। और आतंकवाद? वो तो घर के अंदर का दुश्मन है जो हमारी internal security को लगातार चुनौती दे रहा है।

2. QUAD क्या है और यह हिंद-प्रशांत में क्यों important है?

देखिए, QUAD यानी Quadrilateral Security Dialogue को समझना बेहद जरूरी है। इसे ऐसे समझें – अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने मिलकर एक strategic group बनाया है। मकसद? हिंद-प्रशांत region में शांति बनाए रखना और freedom of navigation को सुनिश्चित करना। पर सच्चाई ये है कि यह चीन के बढ़ते influence को रोकने का एक तरीका भी है। क्या यह काम कर रहा है? अच्छा सवाल है!

3. क्या अमेरिका का QUAD फेल हो रहा है?

ईमानदारी से कहूं तो यह black और white जैसा सीधा मामला नहीं है। कुछ experts की राय है कि QUAD अपने मकसद में पूरी तरह कामयाब नहीं हो पाया, खासकर चीन को रोकने में। लेकिन यहां एक दूसरा पहलू भी है – यह group अभी भी active है और future में इसकी भूमिका और बड़ी हो सकती है। थोड़ा सब्र रखने की जरूरत है।

4. हिंद-प्रशांत region में अभी क्या चल रहा है?

अरे भाई, यह region तो आजकल गर्मागर्म बहस का विषय बना हुआ है! एक तरफ चीन का military expansion जोरों पर है, तो दूसरी तरफ America और उसके allies मजबूती से डटे हुए हैं। और भूलिए मत – trade routes को लेकर यहां जबरदस्त competition चल रहा है। सच तो ये है कि हिंद-प्रशांत अब दुनिया की geopolitics का सबसे hot spot बन चुका है। देखते हैं आगे क्या होता है!

Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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