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“चीन-पाक को चैलेंज! भारत का ₹8300 करोड़ का बड़ा कदम, अब होगा त्राहिमाम”

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चीन-पाक को चैलेंज! भारत का ₹8300 करोड़ वाला गेम-चेंजिंग मूव, अब होगा धमाल

अरे भाई, क्या आपको लगता था कि भारत सिर्फ विदेशी ड्रोन्स पर निर्भर रहेगा? लगता है हमारे देश ने साबित कर दिया कि अब बात ही कुछ और है! Raphe mPhibr नाम की देसी कंपनी ने जो UAV तैयार किए हैं, वो सच में ‘हट के’ हैं। और हाँ, ₹8300 करोड़ का ये निवेश कोई मजाक नहीं है – ये साफ संदेश है कि अब हम अपने दम पर खड़े होने को तैयार हैं। चीन-पाक को ये खबर जरा जमकर हजम करनी पड़ेगी!

सच कहूँ तो, पिछले कुछ सालों में हमने रक्षा क्षेत्र में काफी कुछ सीखा है। वो दिन याद हैं जब हमें अमेरिका और इजराइल से महंगे-महंगे ड्रोन मँगवाने पड़ते थे? न सिर्फ पैसा बहता था, बल्कि सुरक्षा को लेकर भी दिल में एक डर सा रहता था। लेकिन अब? देसी तकनीक, देसी इंजन, देसी सेंसर – पूरा का पूरा पैकेज ‘मेड इन इंडिया’। क्या बात है न?

अब थोड़ा डिटेल में चलते हैं। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इन ड्रोन्स का टेस्ट पहले ही हो चुका है – और रिजल्ट? एकदम फटाफट! ये निवेश सिर्फ पैसों का मामला नहीं है, बल्कि एक मैसेज है। और मैसेज क्या है? कि अब हमारी सेना के पास ऐसे टूल्स होंगे जो सीमा पर किसी भी गड़बड़ी को पलक झपकते भांप लेंगे। चीन और पाकिस्तान को अब दो बार सोचना पड़ेगा।

रिएक्शन्स? बिल्कुल जबरदस्त! रक्षा एक्सपर्ट्स तो मानो खुशी से उछल पड़े हैं। एक तरफ जहाँ रक्षा मंत्रालय इसे ‘आत्मनिर्भर भारत’ की बड़ी जीत बता रहा है, वहीं सेना के ऑफिसर्स का कहना है कि ये ड्रोन्स बॉर्डर सिक्योरिटी को नए लेवल पर ले जाएंगे। सच में, ये कोई छोटी बात नहीं है।

भविष्य की बात करें तो… अरे यार, अभी तो ये शुरुआत है! अगले कुछ सालों में इन ड्रोन्स का मास प्रोडक्शन शुरू होगा। कंपनी पहले से ही नए-नए फीचर्स पर काम कर रही है – लॉन्ग रेंज सर्विलांस से लेकर एडवांस्ड आर्म्ड सिस्टम्स तक। ग्लोबल लेवल पर देखें तो भारत अब ड्रोन टेक्नोलॉजी के मामले में बड़ा प्लेयर बनने जा रहा है।

तो देखा आपने? ये ₹8300 करोड़ सिर्फ एक निवेश नहीं है, बल्कि एक स्टेटमेंट है। एक ऐसा स्टेटमेंट जो कहता है – अब हम किसी के आगे हाथ नहीं फैलाएंगे। और हमारे पड़ोसियों को ये बात अच्छी तरह समझ लेनी चाहिए। जमाना बदल गया है, और इस बार बदलाव हम ला रहे हैं!

क्या कहते हैं आप? क्या ये कदम वाकई में गेम-चेंजर साबित होगा? कमेंट्स में बताइएगा जरूर!

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अब ये ₹8300 करोड़ का फैसला सुनकर मन में एक सवाल उठता है – क्या यह सिर्फ चीन-पाकिस्तान को जवाब देने भर की बात है? असल में देखा जाए तो यह तो हमारी सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ी छलांग है। जैसे आपके घर का मुखिया अचानक पूरे परिवार के लिए बड़ा निवेश कर दे, वैसा ही कुछ।

इस फंडिंग का असर? गेम-चेंजर तो होगा ही, लेकिन सिर्फ इतना कहना कम होगा। सच कहूं तो आने वाले सालों में यह हमें एकदम अलग लेवल पर ले जाएगा। #भारत की यह स्टैंड लेने की हिम्मत देखिए – चीन-पाकिस्तान के इस दौर में भी हम पीछे हटने वालों में से नहीं। बिल्कुल नहीं!

वैसे, आपको क्या लगता है – क्या यह कदम वाकई में इतना बड़ा टर्निंग पॉइंट होगा?

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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