भारत का आकाश प्राइम मिसाइल टेस्ट: चीन-तुर्की के ड्रोन्स को मात देने वाला गेम-चेंजर?
अरे भाई, भारतीय सेना ने आज फिर एक ऐसा करिश्मा कर दिखाया है जिस पर हर भारतीय को गर्व होना चाहिए! लद्दाख के बर्फीले इलाके में हुए आकाश प्राइम मिसाइल के सफल टेस्ट ने साबित कर दिया कि हमारी वायु सुरक्षा अब पहले से कहीं ज्यादा मजबूत है। सच कहूं तो, ये सिर्फ एक मिसाइल टेस्ट नहीं, बल्कि चीन और पाकिस्तान को भेजा गया एक साफ-साफ मैसेज है। खास बात? ये मिसाइल 15,000 फीट से ऊपर उड़ने वाले टारगेट्स को भी आसानी से निशाना बना सकती है – जैसे कोई ईगल अपने शिकार पर झपट्टा मारे!
आकाश प्राइम: DRDO का ‘मेड इन इंडिया’ मास्टरपीस
देखिए न, DRDO वाले बच्चों ने तो इस बार सच में कमाल कर दिया! आकाश सीरीज का ये नया वर्जन सिर्फ पारंपरिक खतरों से नहीं, बल्कि आजकल के मॉडर्न high-speed drones और cruise missiles से भी निपट सकता है। मजे की बात ये कि ये टेस्ट ऐसे वक्त हुआ जब चीन-पाकिस्तान Ladakh और Gilgit-Baltistan में अपनी मिलिट्री एक्टिविटीज बढ़ा रहे थे। कोई कॉइन्सिडेंस? मुझे तो नहीं लगता!
क्या खास रहा इस टेस्ट में?
असल में, हिमालय जैसे हाई-ऑल्टीट्यूड एरिया में मिसाइल टेस्ट करना कोई आसान काम नहीं है। हवा पतली होती है, टारगेट ट्रैक करना मुश्किल होता है – लेकिन हमारे वैज्ञानिकों ने ये मुश्किल भी आसान कर दिखाई! इस मिसाइल की सबसे बड़ी खूबी? ये electronic warfare के बीच भी निशाना नहीं चूकती। और हां, ये पूरी तरह 100% indigenous technology से बनी है – मोदी जी के Atmanirbhar Bharat के सपने को सच करती हुई!
अंतरराष्ट्रीय रिएक्शन: किसको चढ़ी कितनी हवा?
इस टेस्ट के बाद तो जैसे पाकिस्तानी मीडिया की नींद ही उड़ गई! उधर चीन के Wing Loong drones और तुर्की के Bayraktar TB2 अब शायद हमारी बॉर्डर के पास आने से पहले दस बार सोचेंगे। भारतीय सेना का कहना है कि ये हमारी डिफेंस क्षमताओं में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। और सच कहूं? मैं तो यही कहूंगा – अब दूसरे देश भी हमारी मिलिट्री टेक्नोलॉजी को गंभीरता से लेना शुरू कर देंगे!
आगे क्या? एक नई आर्म्स रेस की शुरुआत?
अब तो LAC और LOC पर हमारी सिक्योरिटी और मजबूत होगी। साथ ही DRDO इस टेक्नोलॉजी को एक्सपोर्ट करने के बारे में भी सोच रहा है – जो भारत को ग्लोबल डिफेंस मार्केट में बड़ा प्लेयर बना सकता है। पर सच तो ये है कि चीन-पाकिस्तान अब अपनी डिफेंस सिस्टम अपग्रेड करने में जुट जाएंगे। तो क्या ये नई आर्म्स रेस की शुरुआत है? वक्त ही बताएगा!
एक बात तो तय है – ये टेस्ट सिर्फ हमारी मिलिट्री स्ट्रेंथ नहीं, बल्कि हमारे वैज्ञानिकों के जज्बे को भी दिखाता है। जब ऐसी खबरें आती हैं, तो मन में एक ही ख्याल आता है – “साला, ये भारत भी कमाल का देश है!”
आकाश प्राइम डिफेंस सिस्टम: पाकिस्तान की नींद उड़ाने वाला भारत का नया ‘गेम चेंजर’
आखिर ये आकाश प्राइम है क्या? और कैसे काम करता है ये जादू?
देखिए, आकाश प्राइम कोई साधारण मिसाइल डिफेंस सिस्टम नहीं है। भारत ने इसे बनाया है और सच कहूं तो ये कमाल की चीज़ है! ये system दुश्मन के drones, missiles और यहाँ तक कि aircrafts को भी पकड़ लेता है – बिल्कुल शिकारी बाज़ की तरह। Radar और high-speed missiles का कॉम्बिनेशन… और छू मंतर! 25-30 km की रेंज में कोई भी टारगेट धराशायी। एकदम ज़बरदस्त, है न?
पाकिस्तान के पसीने क्यों छूट रहे हैं? और चीन-तुर्की के drones का क्या होगा?
असल में बात ये है कि आकाश प्राइम low-flying targets को पकड़ने में माहिर है। याद कीजिए वो Bayraktar TB2 drones जिन पर पाकिस्तान इतना मस्त है? अब उनकी हवा निकल गई है! इस सिस्टम के आगे ये drones बिल्कुल बेकार। मज़े की बात ये कि चीन और तुर्की को भी अब अपनी रणनीति बदलनी पड़ेगी। क्या आप समझ रहे हैं कि ये कितना बड़ा game changer है?
पुराने आकाश vs नया आकाश प्राइम – क्या फर्क है?
अरे भाई, ये तो जैसे Nokia 1100 और latest smartphone का फर्क हो गया! नया वर्जन faster है, smarter है, और multiple targets को एक साथ संभाल सकता है। Radar की accuracy, response time – सब कुछ upgrade किया गया है। Electronic warfare? कोई problem नहीं! सच कहूं तो DRDO ने इसमें जादू भर दिया है।
भारत-पाकिस्तान equation पर क्या पड़ेगा असर?
तो अब सवाल यह उठता है कि इसका असर क्या होगा? सीधी बात – भारत का हाथ और मजबूत हुआ है। पाकिस्तान के drones और missiles अब उतने effective नहीं रहे। Strategic advantage पूरी तरह से हमारी तरफ। और हाँ, पाकिस्तान को अब अपनी चालें बदलनी पड़ेंगी। क्या आपको नहीं लगता कि ये एक बड़ी diplomatic victory भी है?
Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com