संसद सत्र से पहले मोर्चाबंदी की तैयारी! INDIA गठबंधन की बैठक पर क्या है खेल?
19 जुलाई का दिन राजनीतिक गलियारों में काफी चर्चा में है। और ऐसा क्यों न हो? ‘इंडिया’ गठबंधन के नेताओं की बैठक होने वाली है – वर्चुअल तो सही, लेकिन मायने रखती है। असल में देखा जाए तो यह सिर्फ एक बैठक नहीं, बल्कि टेस्ट केस है कि क्या विपक्षी दल आगामी संसद सत्र के लिए एक सुर में बोल पाएंगे। हालांकि, यहाँ एक पेंच है – कई बड़े नेता शारीरिक रूप से मौजूद नहीं हो पाएंगे। Online मोड में बैठक करने का फैसला भी कुछ कहानियाँ बयां करता है, है न?
अब थोड़ा पीछे चलते हैं। 2023 में बने इस गठबंधन में 26 पार्टियाँ शामिल हैं – कांग्रेस, TMC, AAP वगैरह। मकसद साफ था: 2024 में भाजपा के खिलाफ एकजुट मोर्चा बनाना। लेकिन… हमेशा एक ‘लेकिन’ होता है न? सीट बंटवारे को लेकर कुछ क्षेत्रीय दलों में खटपट शुरू हो गई। तो अब सवाल यह है कि क्या यह बैठक सभी मतभेदों को पीछे छोड़कर एक साझा एजेंडा तैयार कर पाएगी? देखना दिलचस्प होगा।
बैठक के एजेंडे पर नजर डालें तो… संसद में सरकार को घेरने की रणनीति सबसे ऊपर है। महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर कैसे हमला बोला जाए – यही मुख्य सवाल है। पर एक और सच यह है कि वर्चुअल बैठक करने की मजबूरी ने गठबंधन की अंदरूनी चुनौतियों को उजागर कर दिया है। ईमानदारी से कहूँ तो, अगर आपसी तालमेल नहीं बैठा तो यह गठबंधन कितना कारगर होगा?
अलग-अलग दल क्या कह रहे हैं, यह भी मजेदार है। कांग्रेस वालों का कहना है – “हम संसद में मजबूती से खड़े होंगे।” TMC वाले थोड़ा अलग सुर में – “एकजुटता तो जरूरी है, लेकिन सबको बराबर योगदान देना होगा।” और भाजपा? वे तो मौके की तलाश में ही थे – “विपक्ष सिर्फ विरोध करना जानता है।” क्लासिक राजनीति!
तो अंत में सवाल यही बचता है – आगे क्या? इस बैठक के नतीजे 2024 की राजनीति का रुख तय कर सकते हैं। अगर एकजुटता दिखी, तो गेम चेंजर हो सकता है। नहीं तो… खैर, आप समझ ही गए होंगे। एक तरह से यह बैठक INDIA गठबंधन के लिए ‘डू ऑर डाई’ मोमेंट है। और हम सब जानते हैं कि राजनीति में ऐसे मौके बार-बार नहीं आते।
INDIA गठबंधन के नेताओं की यह Online मीटिंग तो काफी दिलचस्प रही! सच कहूँ तो, संसद सत्र से ठीक पहले इस तरह की बैठक होना साफ़ संकेत देता है कि ये लोग एकजुट होकर कुछ बड़ी रणनीति पर काम कर रहे हैं। अब सवाल यह है कि आने वाले सत्र में ये लोग सरकार के सामने कैसे दबाव बनाएंगे? क्या कोई बड़ा मुद्दा उठाएंगे या फिर…? राजनीति के जानकार तो पहले ही कह रहे हैं – “देखिए, ये मामला गरमाने वाला है।” और सच में, पूरे दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में सिर्फ़ इसी चर्चा का बोलबाला है।
एक तरफ तो ये बैठक गठबंधन की ताकत दिखाने का मौका थी, लेकिन दूसरी तरफ… असल में, अब सबकी नज़रें इस बात पर टिकी हैं कि ये ‘एकता का नाटक’ है या फिर सच में कोई गेम-प्लान तैयार है। बताइए, आपको क्या लगता है?
INDIA गठबंधन की बैठक और रणनीति – वो सारे सवाल जो आप पूछना चाहते हैं
1. संसद सत्र से पहले INDIA गठबंधन की ये बैठक क्यों? क्या बात है?
देखिए, मामला सीधा-सा है। ये बैठक असल में एक तरह की ‘war room meeting’ है, जहां विपक्षी दल एक common strategy तैयार करने बैठ रहे हैं। सोचिए न, अगर हर कोई अलग-अलग दिशा में खींचे तो सरकार के सामने strong case कैसे बनेगा? इसीलिए ये मीटिंग इतनी ज़रूरी हो गई है।
2. कौन-कौन होंगे इस बैठक में? कोई बड़े नाम?
अरे भई, पूरी ‘who’s who’ तो शामिल होगी! Congress से Rahul Gandhi, TMC वाली दीदी ममता बनर्जी, AAP के अरविंद केजरीवाल – सबके सब। DMK और बाकी regional parties के leaders भी। एक तरह से देखें तो ये opposition का ‘all-star cast’ है। पर सच कहूं तो सबका एक साथ आना ही असली चुनौती है।
3. असल खेल क्या है? INDIA गठबंधन की चाल क्या होगी?
तो बात यहाँ strategy की आ रही है न? मेरी समझ से वे तीन-चार big issues पकड़ेंगे – unemployment की मार, महँगाई का भूत, और social justice का सवाल। एक united front बनाकर सरकार को घेरने की कोशिश। Parliamentary chess का ये interesting move हो सकता है। लेकिन execution पर सब निर्भर करेगा – बातें तो सब कर लेते हैं!
4. क्या संसद सत्र में दिखेगा इस बैठक का असर?
सीधा जवाब? हाँ, बिल्कुल! अगर ये लोग सच में एकजुट हो गए तो सरकार के लिए important bills पास कराना मुश्किल हो जाएगा। disruptions तो होंगे ही। पर याद रखिए, opposition का काम सिर्फ विरोध करना नहीं, constructive role भी निभाना होता है। देखते हैं कौन सी तस्वीर उभरती है।
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com