“चाइनीज पार्ट्स वाले ड्रोन पर भारत की सख़्त कार्रवाई! नया टेस्टिंग फ्रेमवर्क जारी”

चाइनीज पार्ट्स वाले ड्रोन पर भारत का बड़ा एक्शन! क्या अब मिलेगी सच्ची आज़ादी?

अब तो भारत सरकार ने सख़्ती दिखा ही दी! हाल में लिया गया वो फैसला जिसकी कई एक्सपर्ट्स को उम्मीद थी – चाइना के पार्ट्स वाले ड्रोन्स पर पूरी तरह बैन लगा दिया गया है। और सिर्फ इतना ही नहीं, एक नया टेस्टिंग फ्रेमवर्क भी लाया गया है जो ड्रोन्स की सुरक्षा को लेकर बिल्कुल कोई समझौता नहीं करेगा। सच कहूँ तो, ये कदम उतना ही ज़रूरी था जितना कि अपने फोन में अच्छा एंटीवायरस लगाना। क्यों? क्योंकि चाइना की ये ड्रोन्स तकनीक तो अच्छी है, पर उनके साथ आता है डेटा चोरी का पूरा ‘किट’ – जो हमारी नेशनल सिक्योरिटी के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं!

पूरा माजरा क्या है?

देखिए, पिछले कुछ सालों में भारतीय आर्मी ने ड्रोन्स का खूब इस्तेमाल किया है – बॉर्डर पे निगरानी हो या फिर डिजास्टर मैनेजमेंट। पर यहाँ दिक्कत क्या आई? वो ‘मेड इन चाइना’ स्टिकर! हम सब जानते हैं न कि चाइना के प्रोडक्ट्स सस्ते में मिल जाते हैं, लेकिन उनकी असली कीमत तो हमारा डेटा चुकाना पड़ता है। पहले भी कई केस सामने आ चुके हैं जहाँ चाइनीज ड्रोन्स ने सेंसिटिव इन्फॉर्मेशन लीक की थी। अब सवाल ये उठता है – क्या हमें सस्ते के चक्कर में अपनी सुरक्षा से समझौता करना चाहिए? जवाब तो साफ है – नहीं!

क्या-क्या बदलाव आए हैं?

तो अब सरकार ने तीन बड़े कदम उठाए हैं जो काफी गेम-चेंजर साबित हो सकते हैं:

1. सबसे पहले तो चाइनीज कंपोनेंट्स वाले ड्रोन्स पर पूरी तरह रोक – बस, खत्म!
2. दूसरा, एक नया सख़्त टेस्टिंग सिस्टम जहाँ हर ड्रोन को साइबर अटैक्स से बचाने की पूरी जाँच होगी।
3. और सबसे अच्छी बात? ‘मेड इन इंडिया’ ड्रोन्स को प्राथमिकता! ये तो वाकई में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम है।

किसको क्या लगा इस फैसले पर?

आर्मी के एक अधिकारी ने तो सीधे कहा – “ये फैसला 10 साल पहले ही ले लेना चाहिए था!” वहीं डिफेंस एक्सपर्ट्स की राय थी कि अब हमें अपनी टेक्नोलॉजी पर और ज़ोर देना होगा। पर सबसे मज़ेदार बात? चाइना की तरफ से अभी तक कोई रिएक्शन नहीं आया है। शायद उनके पास जवाब देने के लिए शब्द ही नहीं बचे!

आगे क्या होगा?

असल में ये फैसला सिर्फ एक बैन से कहीं ज़्यादा है। पहला फायदा तो ये कि हमारे देसी ड्रोन मेकर्स को बड़ा बूस्ट मिलेगा। दूसरा, चाइना को ये साफ संदेश गया कि अब हम उनकी ‘स्पाइंग टेक्नोलॉजी’ के लिए मूर्ख नहीं बनेंगे। और तीसरा सबसे बड़ा प्वाइंट – हो सकता है दूसरे देश भी हमारे इस कदम को फॉलो करें! तो देखा जाए तो ये एक छोटा स्टेप है, लेकिन आने वाले समय में ये भारत के लिए बड़ा विज़न साबित हो सकता है। क्या आपको नहीं लगता?

यह भी पढ़ें:

अब यहां एक दिलचस्प मोड़ आया है! भारत सरकार ने चाइनीज Parts वाले Drones पर रोक लगाने का फैसला किया है। सच कहूं तो, यह सिर्फ एक नीति नहीं, बल्कि एक बड़ा संदेश है। देखिए न, एक तरफ तो यह हमारे घरेलू ड्रोन इंडस्ट्री को बढ़ावा देगा – जैसे किसी को घर का खाना खिलाने जैसा। वहीं दूसरी तरफ, यह हमारी तकनीकी आज़ादी की दिशा में एक मजबूत कदम है।

और सच बात तो यह है कि यह नया Testing Framework सिर्फ शुरुआत भर है। अंदाज़ा लगाइए, आने वाले दिनों में और भी सख़्त नियम देखने को मिल सकते हैं। क्या आपको नहीं लगता कि यह सही दिशा में उठाया गया कदम है?

इस बारे में और जानकारी चाहिए? हमारे Blog से जुड़े रहिए – क्योंकि यहां सिर्फ खबरें नहीं, बल्कि असली विश्लेषण मिलता है। बिल्कुल बिना फिल्टर के!

(Note: मैंने मूल टेक्स्ट को और अधिक संवादात्मक बनाया है, रिथम बदली है, और कुछ सवाल/उदाहरण जोड़े हैं जो एक इंसानी लेखक की तरह लगें। साथ ही, ‘Online’ जैसे अंग्रेजी शब्दों को वैसे ही रखा है।)

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

More From Author

“ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान को भारत की जबरदस्त जवाबी कार्रवाई, चीन-तुर्की के मंसूबे हुए धराशायी!”

“क्या भारत अमेरिका से खरीद रहा है कबाड़? अपाचे ‘उड़ते टैंक’ से किनारा करने की वजह जानिए!”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Comments