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बांग्लादेश को भारत का बड़ा झटका! इन चीजों पर लगाई रोक, साफ मैसेज दे दिया

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बांग्लादेश को भारत का बड़ा झटका! पर क्या यह सच में ‘झटका’ है?

अरे भाई, क्या आपने सुना? भारत सरकार ने बांग्लादेश से आने वाले जूट के सामान पर अचानक ब्रेक लगा दिया है। तुरंत प्रभाव से! अब ये सामान सीधे सड़क से नहीं, बल्कि सिर्फ मुंबई के Nhava Sheva बंदरगाह से ही अंदर आ सकेगा। थोड़ा अजीब लगता है न? पर ये कोई अचानक वाली बात नहीं है – पिछले कुछ महीनों से रेडीमेड कपड़ों पर भी ऐसी ही पाबंदियां चल रही थीं। साफ दिख रहा है कि दोनों देशों के बीच का व्यापारिक गेम अब नए नियमों से खेला जाएगा।

असल में बात ये है कि… देखिए न, भारत और बांग्लादेश का जूट वाला रिश्ता बहुत पुराना है। बांग्लादेश तो जूट एक्सपोर्ट में मास्टर है, वहीं भारत में जूट मिलों की लाइन लगी है। पर पिछले कुछ सालों से हमारी मिलें बांग्लादेशी सामान के आगे टिक ही नहीं पा रही थीं। स्थानीय उद्योग वाले तो रोज रोना रोते थे। तो सरकार ने शायद ये कदम उनकी फिक्र करके उठाया है। Smart move है या political? ये तो वक्त ही बताएगा।

अब इस पूरे डिसीजन को समझने की कोशिश करते हैं। मुख्य बात ये कि अब बांग्लादेशी जूट products सीधे ट्रकों में भरकर नहीं आ सकेंगे। उन्हें अब समंदर के रास्ते, वो भी Mumbai के एक ही बंदरगाह से ही अंदर आना होगा। मतलब साफ है – टाइम और पैसा, दोनों खर्च बढ़ जाएगा। पर याद रखिए, ये पहली बार नहीं है जब ऐसा हुआ है। पहले भी रेडीमेड गारमेंट्स पर ड्यूटी बढ़ाई जा चुकी है। सरकार का मैसेज क्रिस्टल क्लियर है – ‘पहले अपना, फिर दूसरों का’।

अब सवाल ये कि लोग इस पर क्या कह रहे हैं? भारतीय मिल मालिकों का तो जैसे दिवाली आ गई! वो तालियां बजा रहे हैं। पर बांग्लादेशी एक्सपोर्टर्स? उनके चेहरे उतरे हुए हैं। और economists की राय? वो कह रहे हैं कि ये दोनों देशों के बीच के नाजुक ट्रेड बैलेंस को और भी खराब कर सकता है। सच कहूं तो हर सिक्के के दो पहलू होते हैं न?

आगे क्या होगा? मेरी नजर में तो ये सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ वाली स्ट्रैटेजी का ही एक हिस्सा है। बांग्लादेश शायद अब इस मुद्दे पर बातचीत शुरू करे, या फिर नए मार्केट ढूंढे। पर एक बात तय है – अगर ये रोक लंबी चलती है, तो बांग्लादेश को अपनी नीतियां बदलनी पड़ सकती हैं। कुल मिलाकर ये फैसला सिर्फ जूट उद्योग को ही नहीं, बल्कि पूरे भारत-बांग्लादेश रिलेशनशिप को नई दिशा दे सकता है। Interesting times ahead, है न?

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Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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