भारत का दमदार जवाब: पाकिस्तान तो हमेशा से ‘हैंडल’ कर लेते हैं, पर असली गेम चेंजर है चीन! 10 तरफ से कैसे घेर रहा है ड्रैगन?
देखिए, हमारे डिप्टी आर्मी चीफ ने हाल में एक ऐसी बात कही जिसने सुरक्षा बहस को नया मोड़ दे दिया। सुनकर हैरानी हुई कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को चीन से मिल रही थी मिलिट्री सपोर्ट! यहां बात सिर्फ भारत-पाक तनाव की नहीं, बल्कि एक बड़ा सच यह है कि पाकिस्तान तो हमारे लिए रेगुलर ‘फिक्स्ड मैच’ जैसा है (माफ कीजिएगा, लेकिन सच तो सच है!), पर असली टेस्ट है चीन। और वो भी 10 अलग-अलग फ्रंट्स से। सीरियसली, ये कोई छोटी-मोटी बात नहीं!
स्टोरी की शुरुआत: ऑपरेशन सिंदूर से लेकर चीन-पाक ‘ब्रॉमेंस’ तक
याद है न वो ऑपरेशन सिंदूर? जब हमारी सेना ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को धूल चटा दी थी। लेकिन अब पता चला है कि उस वक्त पाकिस्तान के पीछे खड़ा था चीन – हथियारों से लेकर इंटेलिजेंस तक दे रहा था! अरे भई, ये तो ‘फ्रेंड्स विद बेनिफिट्स’ का नया लेवल है। CPEC (चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर) के नाम पर चीन ने पाकिस्तान में न सिर्फ रोड्स बनाईं, बल्कि अपना मिलिट्री इन्फ्लुएंस भी बढ़ाया। और हमारी तरफ? गलवान, LAC पर चीनी शरारतें, डोकलाम जैसे मुद्दे – सच में, ये तनाव कम होने का नाम ही नहीं ले रहा।
चीन की ‘ऑल राउंड’ स्ट्रेटजी: 10 तरीकों से कैसे दबाव बना रहा?
हमारे सीनियर आर्मी ऑफिसर्स की मानें तो चीन ने भारत के खिलाफ 10D चेस शुरू कर दी है! LAC पर सीमा विवाद तो बेसिक लेवल है। इसके अलावा:
– इकोनॉमिक वॉर: हमारी कंपनियों पर बैन लगाकर
– टेक डोमिनेंस: 5G और AI में हमें पीछे धकेलने की कोशिश
– पाकिस्तान को मिलिट्री सपोर्ट
– नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश में अपना प्रभाव बढ़ाना
सच कहूं तो ये ‘चेकमेट’ की पोजीशन बनाने जैसा है।
क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट्स?: सेना, विश्लेषक और नेताओं की राय
आर्मी ऑफिसर्स का कहना साफ है – पाकिस्तान तो हम कभी भी हैंडल कर सकते हैं (ये तो हमारा ‘होमवर्क’ है!), पर चीन बिल्कुल अलग लेवल का खिलाड़ी है। डिफेंस एक्सपर्ट्स की चिंता वाजिब है – चीन का ये ‘मल्टी-लेयर अटैक’ भारत के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। और राजनेता? उनका कहना है कि चीन की ‘गेम’ को समझते हुए सख्त कदम उठाने होंगे। एकदम सही!
आगे का रास्ता: भारत को क्या करना चाहिए?
अब सवाल यह है कि हम क्या करें? मेरी राय में:
– अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ स्ट्रॉन्ग पार्टनरशिप (चीन को काउंटर करने के लिए)
– DRDO को और फंडिंग देनी होगी – हमें खुद के एडवांस्ड वेपन्स चाहिए
– इकोनॉमिक और टेक्नोलॉजी सेक्टर को बूस्ट करना होगा
और हां, सबसे जरूरी – लॉन्ग टर्म प्लानिंग। क्योंकि चीन के साथ ये ‘मैराथन रेस’ है, न कि 100 मीटर का स्प्रिंट!
तो बात संक्षेप में यही है – पाकिस्तान तो हमारे लिए ‘वॉर्म-अप मैच’ जैसा है, पर चीन के साथ ये टेस्ट मैच पूरे पांच दिन का होने वाला है। और हमें अपनी बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों पर काम करना होगा। क्या हम तैयार हैं? यही सवाल अहम है!
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असल में, अगर हम बात करें भारत और पाकिस्तान की ताकत की, तो हमारी सेना किसी भी वक्त उन्हें पछाड़ने में सक्षम है। यह कोई बड़ी बात नहीं, बस एक सच्चाई है। लेकिन… यहाँ दिक्कत कहाँ आती है? वो है चीन का खेल। सालों से वो 10 अलग-अलग मोर्चों पर हमें घेरने की कोशिश कर रहा है। और ये कोई छोटी-मोटी चुनौती नहीं है, बिल्कुल नहीं।
अब सवाल यह है कि हम इस ड्रैगन का सामना कैसे करें? देखिए, सिर्फ़ ताकत दिखाने से काम नहीं चलेगा। हमें तीन चीज़ों पर ध्यान देना होगा – सुरक्षा, technology और कूटनीति। इन तीनों को मिलाकर ही हम एक मजबूत रणनीति बना सकते हैं। ठीक वैसे ही जैसे क्रिकेट में बल्लेबाज़ी, गेंदबाज़ी और फील्डिंग तीनों अच्छी होनी चाहिए।
और हाँ, यह वक्त एकजुट होकर काम करने का है। मतलब साफ है – चाहे सरकार हो, सेना हो या आम नागरिक, सभी को एक साथ मिलकर काम करना होगा। क्योंकि भारत की सुरक्षा… ये सिर्फ़ सरकार की ज़िम्मेदारी नहीं, हम सभी की ज़िम्मेदारी है। और अंत में? जय हिंद तो बोलना ही पड़ेगा ना! 😊
Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com