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“भारत का जबरदस्त जवाब! ₹31,500 करोड़ की डील रद्द कर ट्रंप को चौंकाया”

भारत का जबरदस्त जवाब! ₹31,500 करोड़ की डील रद्द कर ट्रंप को चौंकाया

अरे भाई, क्या जबरदस्त मोव है यार! भारत सरकार ने Boeing के साथ होने वाले ₹31,500 करोड़ के उस बड़े रक्षा सौदे को ही ठुकरा दिया। और ये फैसला आया ठीक उसी वक्त जब Donald Trump ने भारतीय उत्पादों पर 50% टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। सच कहूं तो, ये सीधे-सीधे अमेरिका को ये मैसेज देने जैसा है कि हम दबाव में फैसले नहीं लेते। बोइंग को तो इससे बड़ा झटका लगा होगा, है न?

मामले की पृष्ठभूमि: क्यों रद्द हुआ यह महत्वपूर्ण सौदा?

देखिए, पूरा मामला कुछ यूं है – ये डील भारतीय नौसेना के लिए Boeing के F/A-18 Super Hornet विमानों से जुड़ी थी। जो हमारे विमानवाहक पोतों की ताकत बढ़ाने के लिए बहुत जरूरी मानी जा रही थी। लेकिन जैसे ही Trump ने हमारे स्टील और aluminum पर टैरिफ बढ़ाया, सरकार ने तुरंत जवाब दिया। असल में, ये हमारी ‘आत्मनिर्भर भारत’ नीति का ही एक हिस्सा है। क्या आपको नहीं लगता कि अब हमें अपने पैरों पर खड़े होने की जरूरत है?

डील रद्द होने के तात्कालिक प्रभाव

अब सवाल ये उठता है कि इसका असर क्या होगा? सीधा असर तो ये हुआ कि Boeing को 4.2 बिलियन डॉलर (लगभग ₹31,500 करोड़) का नुकसान होगा। लेकिन हमारे लिए? हमारे पास और भी विकल्प हैं न – France के Rafale हो या Russia के MiG-35। हालांकि, short-term में ये थोड़ा मुश्किल जरूर होगा, पर long-term में ये हमारे defense sector के लिए वरदान साबित हो सकता है। क्या आप सहमत हैं?

वैश्विक प्रतिक्रियाएं और राजनीतिक संदेश

अब देखिए, अमेरिकी State Department तो बातचीत का रास्ता खुला रखना चाहता है। Boeing भी निराश जरूर है, लेकिन भविष्य में साथ काम करने की बात कर रहा है। पर सच तो ये है कि ये पूरा मामला अमेरिका-भारत रिश्तों में नई उलझनें पैदा कर सकता है। खासकर तब, जब China के बढ़ते प्रभाव के खिलाफ हम दोनों देशों को एक-दूसरे की जरूरत है। थोड़ा अजीब सा लगता है, है न?

भविष्य की रणनीति: आगे क्या होगा?

तो अब क्या? हमारे सामने तीन रास्ते हैं – पहला, European या Russian कंपनियों के साथ नए सौदे। दूसरा, ‘मेक इन इंडिया’ को और तेज करना ताकि हम खुद advanced fighter jets बना सकें। और तीसरा… जो शायद सबसे मुश्किल है – अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव को संभालना।

एक बात तो तय है – ये सिर्फ एक डील रद्द करने की बात नहीं है। ये हमारी बदलती विदेश नीति का संकेत है। हम सहयोग तो चाहते हैं, लेकिन अपने हितों से समझौता? बिल्कुल नहीं। आने वाले दिनों में ये फैसला पूरी दुनिया में अपनी छाप छोड़ेगा। क्या आपको नहीं लगता कि भारत अब नई ताकत के साथ उभर रहा है?

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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