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“बांग्लादेश के खिलाफ क्रिकेट सीरीज रद्द! हिंदुओं पर अत्याचार और पाक परस्ती का बड़ा असर”

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भारत-बांग्लादेश क्रिकेट सीरीज पर संकट: क्या राजनीति ने खेल को हरा दिया?

अरे भाई, क्या बताऊं… जो हालात चल रहे हैं, उनमें भारत और बांग्लादेश के बीच होने वाली क्रिकेट सीरीज अचानक ही खतरे में पड़ गई लगती है। सच कहूं तो ये कोई साधारण खेल का मामला नहीं रह गया है। सरकार ने BCCI को जो सलाह दी है, वो सिर्फ पिच के बाहर की वजहों से है – बांग्लादेश में हिंदुओं पर बढ़ते हमले, वहां की सरकार का पाकिस्तान के प्रति झुकाव… ये सब मिलकर एक ऐसा तूफान खड़ा कर दिया है जिसमें क्रिकेट की गेंद भी फंसती नज़र आ रही है।

आखिर क्यों टेंशन है? असली वजह क्या है?

देखिए न, बात सिर्फ क्रिकेट की नहीं है। बांग्लादेश में तो इन दिनों राजनीतिक हालात ऐसे हैं जैसे टाइट रोप पर चल रहा कोई सर्कस का कार्यक्रम। शेख हसीना सरकार के खिलाफ प्रदर्शन, हिंदू मंदिरों पर हमले… और सबसे बड़ी बात – पाकिस्तान के साथ बढ़ती नज़दीकी। भारत ने तो पहले ही इन बातों पर चेतावनी दे दी थी। अब सवाल यह है कि क्या हम वहां अपने खिलाड़ियों को भेजकर उनकी सुरक्षा को खतरे में डाल सकते हैं? मेरा मानना है – बिल्कुल नहीं!

अब क्या? सीरीज होगी या नहीं?

सूत्रों की मानें तो BCCI को ‘ऑफ द रिकॉर्ड’ सलाह मिल चुकी है कि बांग्लादेश टूर को अभी टाल दिया जाए। T20 और ODI सीरीज पर तो अब बड़ा सवालिया निशान लग गया है। BCB वाले चुप्पी साधे बैठे हैं, लेकिन अगर ये सीरीज कैंसिल हो गई तो… अरे यार, ये तो दोनों देशों के क्रिकेट रिश्तों के लिए बहुत बड़ा झटका होगा। पर सच तो यह है कि जब देश की बात आती है, तो खेल भी पीछे रह जाता है। है न?

लोग क्या कह रहे हैं?

विदेश मंत्रालय तो साफ कह चुका है – “सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है।” बांग्लादेश के क्रिकेट फैंस नाराज़ हैं, उन्हें लगता है ये राजनीति का खेल है। पर मैं पूछता हूं – क्या हमारे खिलाड़ियों की सुरक्षा से ज़्यादा ज़रूरी कुछ है? विश्लेषकों का मानना है कि ये तनाव आने वाले समय में और बढ़ सकता है। ICC और ACC जैसी संस्थाओं को अब आगे आना होगा।

आगे का रास्ता: क्या हो सकता है?

अगर सीरीज रद्द हुई तो… हम्म… इसके तीन बड़े नतीजे हो सकते हैं:
1. ICC को नई गाइडलाइंस बनानी पड़ सकती हैं
2. दोनों देशों के आर्थिक रिश्तों पर असर
3. भविष्य में और क्रिकेट मैचों पर सवाल

पर फिलहाल तो लगता है भारत अपना रुख नरम करने वाला नहीं। जब तक बांग्लादेश में हालात सुधर नहीं जाते…

मेरी निजी राय: दोस्तों, ये घटना साबित करती है कि आज के दौर में खेल और राजनीति अलग-अलग नहीं रह गए हैं। बांग्लादेश को समझना होगा कि भारत के साथ रिश्ते निभाने हैं तो हमारी चिंताओं को भी समझना होगा। वरना… अफसोस के साथ कहना पड़ता है कि क्रिकेट के मैदान पर भी यही तनाव दिखता रहेगा। क्या आपको नहीं लगता?

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Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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