चीन को घेरने की सरकार की चाल… क्या यह काम करेगी? LAC पर अब सेना पहुंचेगी पलक झपकते!
देखिए, भारत सरकार ने LAC पर चीन के साथ इस ‘कैट एंड माउस गेम’ में एक बड़ा मूव किया है। सिलचर जैसे पूर्वोत्तर के अहम शहरों को अब सड़क और रेलवे से जोड़ा जा रहा है – और यह सिर्फ विकास के लिए नहीं है। असल में तो यह एक चाल है… वो भी ऐसी जिससे सेना की पहुंच LAC तक कुछ ही घंटों में हो सके। मतलब साफ है न? चीन जो अपनी तरफ से सैन्य ढांचा बना रहा है, उसका जवाब अब भारत भी दे रहा है।
पहले समझिए पूरा मामला
LAC पर तनाव तो कब का है भाई! गलवान से लेकर पूर्वी लद्दाख तक – चीन ने तो जैसे अपनी तरफ पूरा शहर बसा लिया है। सड़कें? बना दीं। एयरस्ट्रिप्स? हो गईं। अब भारत भी उठ खड़ा हुआ है। पिछले कुछ सालों से अरुणाचल और सिक्किम में सेना की मूवमेंट को आसान बनाने पर जोर है। सच कहूं तो यह कोई रेस नहीं है… पर है भी। समझ रहे हैं न मेरा मतलब?
अब क्या-क्या हो रहा है?
सरकार ने कुछ बड़े प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी दी है जो कमाल के हैं:
– शिलांग से सिलचर एक्सप्रेसवे: सैनिकों की मूवमेंट अब चुटकियों में!
– आइजोल-सिलचर रेल लिंक: मिजोरम अब रेल से जुड़ गया। लॉजिस्टिक्स अब आसान।
– ब्रह्मपुत्र पर नए पुल: पहाड़ों में सुरंगें। सेना की तैनाती अब फटाफट।
एक तरफ तो यह सब सेना के लिए है, पर सच यह भी है कि आम लोगों को भी फायदा मिलेगा। दोनों हाथों में लड्डू!
क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट्स?
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह चीन को एक साफ संदेश है – “हम तैयार हैं!” रक्षा मंत्रालय भी कह रहा है कि यह सिविल और मिलिट्री, दोनों के काम आएगा। चीन की तरफ से अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है… पर हम जानते हैं न कि वे तो हर चीज पर नजर रखते हैं।
अब आगे क्या?
सरकार की योजना तो बड़ी है – और भी सड़कें, और रेलवे लाइनें, नए एयरस्ट्रिप्स… मतलब पूर्वोत्तर में अब इंफ्रास्ट्रक्चर का तूफान आने वाला है। विश्लेषक कह रहे हैं कि यह दीर्घकालिक रणनीति है। अगर कभी (न हो!) कोई टकराव हुआ तो भारत को फायदा होगा। पर सच कहूं? यह सिर्फ सुरक्षा के लिए नहीं, पूरे पूर्वोत्तर के विकास के लिए भी गेम-चेंजर साबित हो सकता है।
क्या आपको नहीं लगता कि यह सही दिशा में उठाया गया कदम है? कमेंट में बताइए!
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Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com