पाकिस्तान-चीन की संयुक्त हमले की आशंका! भारतीय सेना ने बताया बचाव का तरीका
अब ये खबर तो आपने भी सुनी होगी – भारतीय सेना ने एक ऐसी चेतावनी जारी की है जिसे हल्के में लेना भारी पड़ सकता है। स्थिति ये है कि पाकिस्तान, चीन और अब तुर्की भी इस गेम में शामिल हो गए हैं। और हमारी सेना साफ कह रही है कि अब हमारे Air Defense सिस्टम को अपग्रेड करने का वक्त आ गया है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जो अनुभव मिला, उसके मुताबिक S-400 और आकाश मिसाइलें अब काफी नहीं हैं। सच कहूं तो ये बयान ऐसे वक्त में आया है जब हमारी पश्चिमी और उत्तरी सीमाएं दोनों ही गरमाई हुई हैं।
मामले की पृष्ठभूमि: क्या है पूरा खेल?
ऑपरेशन सिंदूर तो आप जानते ही होंगे – हमारी सेना का वो अभ्यास जहां हम सबसे बुरे सपने के लिए तैयारी करते हैं। लेकिन अब ये सपना सच होता दिख रहा है! पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान और चीन की दोस्ती इतनी गहरी हो गई है कि अब तुर्की भी इसमें शामिल हो गया। तीनों देशों का ये गठजोड़ हमारे लिए नई मुसीबतें लेकर आया है। हां, हमने S-400 और आकाश जैसी मिसाइलें तैनात की हैं, पर सेना का कहना है कि आने वाले दिनों के लिए ये काफी नहीं होगा। है ना चिंता की बात?
सबसे बड़ा अपडेट: सेना ने क्या कहा?
एक वरिष्ठ सेना अधिकारी ने तो साफ-साफ मान लिया है कि हमारा मौजूदा Air Defense System अब पुराना पड़ रहा है। सोचिए, अगर ये तीनों देश मिलकर हमला करें तो? इसीलिए सेना नई टेक्नोलॉजी और हथियारों की मांग कर रही है। असल में समस्या ये है कि पाकिस्तान और चीन का ये जुगलबंदी हमें दो मोर्चों पर फंसा देती है – एक तरफ पश्चिम में पाकिस्तान की शरारतें, तो दूसरी तरफ उत्तर में चीन का दबाव। क्या आपको नहीं लगता कि ये स्थिति गंभीर है?
एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?
रक्षा विशेषज्ञों की राय तो और भी डरावनी है। उनका कहना है कि विदेशी हथियारों पर निर्भरता कम करके हमें अपनी स्वदेशी तकनीक पर भरोसा करना होगा। और सच भी तो है – क्या हम हमेशा दूसरों के भरोसे रहेंगे? वहीं सेना का कहना है कि QUAD जैसे अंतरराष्ट्रीय गठजोड़ों को मजबूत करना भी उतना ही जरूरी है। राजनीतिक दल भी अब जाग गए हैं और सरकार से एक्शन मांग रहे हैं।
आगे क्या होगा?
अब तो लगता है कि सेना नए Air Defense System की खरीद पर तेजी से काम करेगी। चीन-पाकिस्तान की इस बढ़ती दोस्ती को देखते हुए हमें और सतर्क रहना होगा। कुछ सूत्रों के मुताबिक अमेरिका और इज़राइल के साथ तकनीकी सहयोग बढ़ाने पर भी विचार चल रहा है। विश्लेषक तो यहां तक कह रहे हैं कि अब हमें सिर्फ हथियारों से नहीं, बल्कि कूटनीति से भी लड़ना होगा।
अंत में: सच तो ये है कि अब हमें अपनी वायु सुरक्षा को लेकर गंभीर होना ही होगा। पड़ोसी देशों की ये नई जुगलबंदी हमारे लिए बड़ी चुनौती बन सकती है। सेना की ये चेतावनी कोई साधारण बयान नहीं है – ये एक वेकअप कॉल है। समय आ गया है कि हम अपनी रक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव लाएं। वरना… खैर, बाकी आप समझदार हैं!
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अब देखिए, भारतीय सेना की बात ही कुछ और है। सीमा पर उनकी सतर्कता और हर पल की तैयारी यह साफ दिखाती है कि चाहे पाकिस्तान हो या चीन – या फिर दोनों साथ आ जाएं – हमारे जवानों के लिए यह कोई नई बात नहीं। सच कहूं तो, यह उतना ही आसान नहीं जितना लगता है, लेकिन हमारे पास है आधुनिक हथियारों का जखीरा, दमदार प्रशिक्षण और वो जुनून जो देशभक्ति से भरा होता है। और यही वजह है कि हमारी सुरक्षा पर किसी भी तरह का सवाल ही नहीं उठता।
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पाकिस्तान-चीन का संयुक्त हमला और भारत की तैयारियाँ – आपके सवाल, हमारे जवाब
1. भईया, पाकिस्तान और चीन एक साथ हमला करेंगे – ये बात कहाँ से आई?
देखिए, ये कोई नई बात तो नहीं। असल में, पिछले कुछ सालों से पाकिस्तान और चीन की दोस्ती कुछ ज़्यादा ही गहरी होती जा रही है। CPEC जैसे प्रोजेक्ट्स तो हैं ही, साथ ही border पर भी इनका तालमेल देखने को मिल रहा है। अब आप ही बताइए, जब दो पड़ोसी मिलकर आपके खिलाफ साजिशें रचें तो चिंता न हो, ऐसा कैसे हो सकता है?
2. हमारी सेना ने इसके लिए क्या किया है? सच-सच बताइए!
अरे भाई, हमारी फौज सोती थोड़ी है! पहले तो border पर latest surveillance technology लगाई गई है – जैसे आपके घर में CCTV लगा होता है, बस थोड़ा एडवांस्ड वर्जन। फिर quick response teams तैनात हैं – मतलब कोई हरकत हुई न, तुरंत एक्शन। और सबसे मजेदार बात? रोज़-रोज़ के military drills… जैसे आपके ऑफिस में फायर ड्रिल होती है, वैसे ही बस थोड़ा ज़्यादा सीरियस वर्जन!
3. सच बताओ, क्या हम दोनों को एक साथ हरा सकते हैं?
ईमानदारी से कहूँ तो… हाँ! पर ये ‘हाँ’ बिना वजह का नहीं है। एक तरफ तो हमारे पास nuclear power है – मतलब कोई बहुत हद करे तो जवाब देने की ताकत। दूसरी तरफ QUAD जैसे दोस्त भी हैं। और सबसे बड़ी बात? हमारी forces ने पिछले 5 साल में जो upgrades किए हैं, वो किसी Hollywood movie जैसे लगते हैं। तो डरने की ज़रूरत नहीं, लेकिन लापरवाही की भी नहीं!
4. हम जैसे आम लोग क्या करें? पैनिक न होने का ये मतलब नहीं कि कुछ न करें!
बिल्कुल सही पूछा! सरकार की safety guidelines को ignore मत कीजिए – वो सिर्फ formalities नहीं हैं। Emergency contacts को save रखिए, जैसे आप mom-dad का नंबर सेव रखते हैं। और हाँ, social media पर viral हो रही हर खबर पर यकीन मत कीजिएगा – कल कोई कहेगा aliens आ रहे हैं तो क्या उस पर भी भरोसा कर लेंगे? थोड़ा सा common sense, थोड़ी सी तैयारी – बस!
एक बात और… ये सब पढ़कर tension लेने की ज़रूरत नहीं। हमारे जवान हैं न? उन पर भरोसा रखिए!
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com