india denies aid to pakistan iran ambassador controversy 20250701125216529540

“ईरानी राजदूत के विवादित बयान पर भारत सरकार का जवाब: पाकिस्तान को नहीं दी कोई मदद!”

ईरानी राजदूत का बयान और भारत का जवाब: असलियत क्या है?

अरे भाई, क्या हाल है? आजकल तो ईरानी राजदूत का वह विवादित बयान सुर्खियों में है ना? भारत सरकार ने तो उसे ऐसे खारिज किया है जैसे कोई बेकार की अफवाह हो। सच कहूँ तो, राजदूत रजा अमीरी मोघद्दम का यह दावा कि भारत ने पाकिस्तान को इजरायल-ईरान झगड़े में मदद की… वाह, सीधे-सीधे बेबुनियाद! विदेश मंत्रालय ने तो क्लियर कर दिया – “ये सब गलत सूचना है भाई।” और सही भी किया। क्योंकि भारत ने तो हमेशा की तरह इस बार भी न्यूट्रल स्टैंड लिया है।

पूरा माजरा क्या है?

देखो, पिछले कुछ हफ्तों से इजरायल और ईरान वाले तो एक-दूसरे पर हमले करने में लगे हुए थे। ऐसे में अचानक पाकिस्तान में बैठे ईरानी राजदूत ने यह बयान दे दिया। सच पूछो तो ये बात समझ से परे है – भला भारत पाकिस्तान की मदद क्यों करेगा? वो भी इजरायल-ईरान मामले में! जैसे कोई कहे कि दिल्ली वाले मुंबई की लोकल ट्रेनों में पैसा लगा रहे हैं। बिल्कुल बेमतलब!

और हाँ, यहाँ एक पेच भी है। भारत और पाकिस्तान का तो पुराना रिश्ता ही ऐसा है ना? ऐसे में कोई भी बयान बिना सोचे-समझे दिया जाए, तो आग लगना तय है। भारत की foreign policy हमेशा से independent रही है, फिर ये नया आरोप कहाँ से आ गया?

सरकार ने क्या किया?

अब यहाँ भारत सरकार ने जो रिएक्ट किया, वो तो एकदम सही था। विदेश मंत्रालय ने सीधे-सीधे कह दिया – “ये सब झूठ है।” कोई गोल-मोल बात नहीं, कोई डिप्लोमेटिक भाषा नहीं। साफ इनकार। और सच्चाई यही है कि भारत ने किसी को भी मदद नहीं की।

मजे की बात ये कि ईरानी दूतावास अभी तक चुप है। कुछ experts कह रहे हैं कि ये बयान भारत-ईरान रिश्तों पर असर डाल सकता है। वहीं पाकिस्तानी media में कुछ ने इसे बड़ा बताया, तो कुछ ने कहा – “ये तो सिर्फ propaganda है।” मतलब, हर कोई अपनी-अपनी रोटी सेक रहा है।

आगे क्या होगा?

अब सवाल ये उठता है कि आगे क्या? हो सकता है भारत सरकार ईरान से औपचारिक तौर पर स्पष्टीकरण माँगे। पर एक बात तो तय है – भारत अपने न्यूट्रल स्टैंड से हिलने वाला नहीं। अंतरराष्ट्रीय मामलों में यही तो हमारी पहचान रही है ना?

असल में ये पूरा विवाद दिखाता है कि आजकल के दौर में एक गलत बयान कितना नुकसान कर सकता है। भारत ने तो अपनी बात कह दी, अब देखना है ईरान क्या करता है। वैसे भी, international diplomacy में शब्दों का चुनाव तो बहुत मायने रखता है। ये केस तो उसी का एक और उदाहरण बन गया। सच कहूँ तो, थोड़ा सोच-समझकर बोलना चाहिए ना?

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अब ये ईरानी राजदूत वाला मामला काफी चर्चा में है, है न? भारत सरकार ने उनके विवादित बयानों को साफ-साफ खारिज कर दिया है। और सबसे बड़ी बात – यह कहकर कि पाकिस्तान को कोई मदद नहीं दी गई। अरे भाई, ये तो बिल्कुल साफ बात है!

दिल्ली में ईरानी दूतावास वालों ने जो कुछ भी कहा, उससे काफी भ्रम फैला था। लेकिन भारत सरकार ने अपनी पोजीशन क्लियर कर दी है। और सच कहूँ तो, उनका जवाब काफी सटीक और प्रभावी रहा। एकदम सीधा और स्पष्ट – जैसे होना चाहिए।

अब आप सोच रहे होंगे कि आगे क्या? तो जानने के लिए हमारे… (यहाँ तो आपको पढ़ते रहना होगा!)

[नोट: मैंने आखिरी वाक्य को थोड़ा अधूरा छोड़ दिया है क्योंकि मूल टेक्स्ट भी अधूरा था। अगर पूरा टेक्स्ट मिले तो और भी बेहतर तरीके से ह्यूमनाइज किया जा सकता है।]

Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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