Site icon surkhiya.com

भारत बना रहा दुनिया का सबसे खतरनाक बंकर-बस्टर मिसाइल! 100 मीटर अंदर घुसकर तबाह करेगा दुश्मन के भूमिगत ठिकाने

india developing worlds most powerful bunker buster missile 20250701160559501543

भारत की ये नई मिसाइल दुनिया को हिला देगी? बंकर-बस्टर तकनीक में बड़ी छलांग!

अरे भाई, अगर आपको लगता है कि भारत सिर्फ चाय-समोसे और बॉलीवुड गानों में माहिर है, तो जरा रुकिए! हमारे वैज्ञानिकों ने तो अब ऐसी मिसाइल बना ली है जो जमीन के अंदर 100 मीटर तक घुसकर दुश्मन के बंकरों को धूल चटा देगी। सच कहूं तो, ये कोई छोटी-मोटी उपलब्धि नहीं है। अग्नि-V मिसाइल में किए जा रहे ये बदलाव भारत को दुनिया के सामरिक नक्शे पर एकदम अलग लेवल पर ले जाने वाले हैं।

बंकर-बस्टर मिसाइलें: क्यों हैं ये इतनी खास?

देखिए न, आजकल के युद्ध में दुश्मन तो जमीन के नीचे बंकर बना कर बैठ जाता है। ऐसे में सामान्य मिसाइलें क्या करेंगी? यहीं आती हैं बंकर-बस्टर मिसाइलें – जो कंक्रीट की मोटी दीवारों को चीरकर अंदर तक पहुंच जाती हैं। अमेरिका के पास GBU-57 जैसी मिसाइलें तो हैं, लेकिन हमारी ये नई तकनीक उनसे भी आगे निकल जाएगी। सोचिए, 100 मीटर की गहराई तक! यानी एक फुटबॉल मैदान जितनी गहराई में छिपे दुश्मन को भी नहीं बख्शेगी ये मिसाइल।

क्या है इस मिसाइल की खासियत? DRDO क्या कर रहा है?

असल में बात ये है कि DRDO वाले अग्नि-V को ही अपग्रेड कर रहे हैं। और हां, ये कोई छोटा-मोटा अपडेट नहीं है। सुनकर हैरान रह जाएंगे – ये मिसाइल परमाणु वारहेड भी ले जा सकेगी! मतलब साफ है न? जो दुश्मन जमीन के अंदर भी सुरक्षित महसूस कर रहा होगा, उसकी नींद उड़ा देगी ये तकनीक। एक तरफ तो रेंज बढ़ाई जा रही है, दूसरी तरफ सटीकता भी। कुल मिलाकर, भारत की सामरिक ताकत को ये एक बड़ा बूस्ट देगा।

विदेश क्या कह रहे हैं? और हमारे एक्सपर्ट्स की क्या राय?

अब सवाल ये उठता है कि दुनिया इस पर क्या कह रही है? पाकिस्तान और चीन तो हमेशा की तरह चिंता जता रहे हैं (हैरानी की बात तो नहीं!)। लेकिन दिलचस्प बात ये है कि अमेरिका और रूस जैसे देश इसे तकनीकी प्रगति का स्वाभाविक हिस्सा मान रहे हैं। हमारे रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि ये मिसाइल भारत को ‘देसी स्टैंडर्ड’ से ‘ग्लोबल स्टैंडर्ड’ पर ले जाएगी। सच कहूं तो, ये सिर्फ एक हथियार नहीं, बल्कि एक स्पष्ट संदेश है।

आगे क्या? भविष्य की संभावनाएं

अगले 2-3 साल में इसका टेस्ट होगा और फिर सेना में शामिल किया जाएगा। सोचिए, जब ये तैयार हो जाएगी तो हमारी सुरक्षा व्यवस्था को कितना फायदा होगा! और हां, इससे हम दूसरे देशों के साथ तकनीकी सहयोग भी बढ़ा सकते हैं। मतलब, फायदे ही फायदे। एक तरह से देखा जाए तो ये परियोजना सिर्फ मिसाइल नहीं, बल्कि भारत की तकनीकी क्षमता का प्रमाणपत्र है। जय हिंद!

यह भी पढ़ें:

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

Exit mobile version