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“चीन को भारत के आगे झुकना पड़ा! मालदीव ने माना – ‘हिंदुस्तान ही असली दोस्त'”

चीन को भारत के आगे झुकना पड़ा? मालदीव ने तो साफ कह दिया – ‘हमारा असली दोस्त हिंदुस्तान ही है!’

देखिए न, कभी-कभी राजनीति में ऐसे मोड़ आते हैं जो सचमुच हैरान कर देते हैं। भारत और मालदीव के बीच का यह नया दोस्ती का अध्याय भी कुछ ऐसा ही है। मोदी जी की वह दो दिन की मालदीव यात्रा… जिसने सबकी नजरें घुमा दीं! कागजों पर तो कई समझौते हुए, पर असली बात तो वह थी जब मालदीव के राष्ट्रपति मुइज़ू ने खुलकर कहा – “भारत हमारा सच्चा मित्र है।” और यही वह पल था जब चीन का पूरा गणित ही गड़बड़ा गया। सच कहूं तो पिछले कुछ सालों से तो लग रहा था कि मालदीव धीरे-धीरे चीन के गले में जा रहा है।

अब थोड़ा पीछे चलते हैं। मालदीव हमेशा से भारत का दोस्त रहा है, ये तो सब जानते हैं। लेकिन चीन ने? उसने तो अपनी चाल चल ही दी थी। उनकी वही पुरानी policy – “डेब्ट ट्रैप” वाली। बड़े-बड़े projects, loan पर पैसा, और फिर…? आप समझ ही गए होंगे। जब 2023 में मुइज़ू सत्ता में आए, तो लगा कि अब तो game over हो गया। पर नहीं! कहते हैं न, राजनीति में कुछ भी अंतिम नहीं होता। पिछले कुछ महीनों से मालदीव ने भारत के साथ defence और economy में collaboration बढ़ाने पर जोर दिया। और अब? अब तो पूरा scenario ही बदल गया है।

मोदी जी की इस यात्रा के कुछ key points पर नजर डालें तो:
– एक तो भारत ने मालदीव के infrastructure और health sector में investment बढ़ाने का वादा किया
– security cooperation के मामले में maritime security और terrorism prevention पर joint strategy बनी
– और सबसे बड़ी बात? मालदीव ने चीन की उस चाल को साफ-साफ reject कर दिया!

असल में देखा जाए तो यह भारत के लिए सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि एक बड़ी strategic win है।

अब reactions की बात करें तो:
– मालदीव के राष्ट्रपति ने तो साफ कह दिया कि “भारत हमारे development का key partner है”
– हमारे foreign ministry ने इसे bilateral relations के लिए game-changer बताया
– और चीन? उनकी तरफ से official तौर पर तो कुछ नहीं आया, पर उनके media ने इसे “भारत की जीत” ही मान लिया!

मजे की बात यह है कि चीन के media ने ही सच उगल दिया।

तो अब सवाल यह है कि आगे क्या? Experts की मानें तो:
– यह मजबूती हिंद-प्रशांत में चीन के influence को कम कर सकती है
– भारतीय investment बढ़ने से चीन की economic grip कमजोर होगी
– आने वाले time में defence agreements और गहरे हो सकते हैं

एक तरह से देखें तो यह भारत के लिए win-win situation है।

निष्कर्ष? सीधी सी बात है – मोदी जी की यह यात्रा भारत की diplomacy की बड़ी सफलता है। मालदीव ने साफ कर दिया है कि उसके लिए भारत ही real partner है। चीन के लिए यह सिर्फ एक झटका नहीं, बल्कि पूरे region में भारत की position को मजबूत करने वाला कदम है। अब तो मालदीव की policies ही भारत के पक्ष में झुक चुकी हैं। और हां, यह सिर्फ शुरुआत है!

चीन vs भारत: मालदीव ने क्यों कहा – ‘हिंदुस्तान ही असली दोस्त’? – FAQs

1. मालदीव ने भारत को अपना ‘असली दोस्त’ क्यों बताया?

सवाल दिलचस्प है! असल में, मालदीव का ये बयान कोई एकदम से नहीं आया। सालों से भारत ने उसकी मदद की है – चाहे वो COVID के दौरान vaccines की बात हो या फिर आर्थिक मुश्किलों में साथ देने की। और ये सब बिना किसी शर्त के। चीन से तुलना करें तो… वहां तो हर मदद के साथ कोई न कोई hidden condition जुड़ी होती है। है न?

2. चीन को इस मामले में भारत के आगे क्यों झुकना पड़ा?

देखिए, चीन की तो आदत है ‘देने के बदले लेने’ की। मालदीव समझ गया कि चीन की तथाकथित ‘debt-trap diplomacy’ में फंसना कितना खतरनाक हो सकता है। श्रीलंका का उदाहरण तो सबके सामने है। वहीं भारत की बात अलग है – हमारी neighborhood first policy और soft power ने चीन को पीछे छोड़ दिया। सच कहूं तो, ये हमारी बड़ी जीत है!

3. क्या ये मालदीव की foreign policy में बड़ा बदलाव है?

बिल्कुल! ये कोई छोटा-मोटा adjustment नहीं, बल्कि 180 डिग्री का turn है। कल तक जो देश चीन के साथ गले तक डूबा हुआ था, आज वो ‘India First’ की बात कर रहा है। कारण? नया leadership, बदलती regional dynamics… और शायद चीन के तरीकों से उबकाई आना भी। मजे की बात ये कि ये बदलाव सिर्फ मालदीव तक सीमित नहीं है।

4. भारत और मालदीव के बीच future में क्या cooperation हो सकता है?

अरे भाई, possibilities तो endless हैं! Defense cooperation तो है ही, पर tourism में क्या scope है ये तो मालदीव जानता है। Trade बढ़ेगा, climate change पर साथ काम करेंगे… पर असली game changer होगा infrastructure projects। भारत अगर यहां अच्छा काम करे तो चीन का influence तो कम होगा ही, साथ ही हमारी छवि भी बनेगी। Win-win situation, है न?

Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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