भारत को ट्रेड में टाइगर बनना है तो लॉजिस्टिक्स को घोड़े की स्पीड देनी होगी!
शुरुआत
देखिए, पिछले कुछ सालों में भारत ने ग्लोबल ट्रेड में अपनी पकड़ मजबूत की है। ‘Make in India’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसे कार्यक्रमों ने देश को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की कोशिश की है। पर असल बात ये है कि अगर हमें वाकई में वर्ल्ड क्लास ट्रेड प्लेयर बनना है, तो हमारी सप्लाई चेन को रॉकेट स्पीड चाहिए। एक्सपोर्ट प्रोसेस को सिंपल और सुपर फास्ट बनाना हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।
हमारी लॉजिस्टिक्स क्षमता: कहाँ खड़े हैं हम?
इंफ्रास्ट्रक्चर का हाल
सच बताऊँ तो हमने रोड्स, रेलवे, पोर्ट्स और एयरवेज में काफी तरक्की की है। FASTag और e-Way बिल जैसी डिजिटल सुविधाओं ने ट्रांसपोर्टेशन को थोड़ा स्मार्ट बनाया है। ये सारे सुधार एक्सपोर्टर्स के लिए गेम चेंजर साबित हो रहे हैं।
गवर्नमेंट की बड़ी चालें
Gati Shakti योजना और नेशनल लॉजिस्टिक्स पॉलिसी जैसे कदमों ने इस सेक्टर को नई जान दी है। मकसद साफ है – ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट कम करना और एफिशिएंसी बढ़ाना, ताकि हम ग्लोबल मार्केट में चीन को टक्कर दे सकें।
एक्सपोर्ट में आने वाली दिक्कतें
रेड टेप की मार
सच्चाई ये है कि हमारी एक्सपोर्ट प्रक्रिया अभी भी कागजों के जंगल में फँसी हुई है। अलग-अलग डिपार्टमेंट्स के बीच तालमेल न होने की वजह से एक्सपोर्टर्स को टाइम और पैसे दोनों का नुकसान उठाना पड़ता है।
इंफ्रास्ट्रक्चर की कमियाँ
पोर्ट्स पर भीड़भाड़ और कस्टम में देरी तो आम बात है। वहीं दूसरी तरफ, कोल्ड स्टोरेज और वेयरहाउसिंग की कमी, खासकर एग्री एक्सपोर्ट में, बड़ी रुकावट बनी हुई है।
हल क्या हो सकता है?
पॉलिसी लेवल पर बदलाव
सरकार को एक सिंगल डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाना चाहिए जहाँ सारे काम हो जाएँ। इससे न सिर्फ रेड टेप कम होगा, बल्कि काम की स्पीड भी बढ़ेगी।
इंफ्रास्ट्रक्चर बूस्ट
हमें मल्टी-मोडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम को और मजबूत करना होगा। साथ ही, लॉजिस्टिक्स पार्क्स और SEZs (स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन्स) बनाने से हमारी एक्सपोर्ट क्षमता कई गुना बढ़ सकती है।
प्राइवेट सेक्टर की भूमिका
PPP मॉडल को बढ़ावा देकर और स्टार्टअप्स को सपोर्ट करके हम इस सेक्टर में नई एनर्जी ला सकते हैं। इनोवेशन की जरूरत है, वरना हम पीछे रह जाएँगे।
ग्लोबल ट्रेड में भारत की संभावनाएँ
ये सेक्टर्स दे सकते हैं बढ़त
मैन्युफैक्चरिंग, फार्मा, एग्रीकल्चर और हैंडीक्राफ्ट्स जैसे क्षेत्रों में हमारा दमखम कमाल का है। थोड़ा सा इन्वेस्टमेंट और टेक्नोलॉजी अपग्रेड से हम वर्ल्ड मार्केट में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा सकते हैं।
चीन का अल्टरनेटिव बन सकता है भारत
आज पूरी दुनिया चीन के अलावा किसी और पर निर्भर होना चाहती है। ‘Make in India’ जैसी स्कीम्स हमें इस रेस में आगे ला सकती हैं, बस थोड़ा और तेजी दिखानी होगी।
आखिरी बात
भारत के पास इस वक्त हिस्टोरिक मौका है ट्रेड वर्ल्ड में धमाल मचाने का। पर ये तभी होगा जब गवर्नमेंट, बिजनेस और आम जनता मिलकर काम करेगी। स्पीड, एफिशिएंसी और इनोवेशन पर फोकस करके ही हम अपने सपनों का ‘इंडिया’ बना पाएँगे।
Source: Livemint – Opinion | Secondary News Source: Pulsivic.com
4 thoughts on “भारत को व्यापार में बाघ बनने के लिए घोड़े की तरह दौड़ाना होगा माल!”